रायपुर: छत्तीसगढ़ के नवनियुक्त राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन का जन्म 3 अगस्त 1934 को ओडिशा के खुर्दा में हुआ था. उनकी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही स्कूल में हुई. गांव से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वे पुरी पहुंचे और वहां एससीएस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया. आगे कटक के एमएस लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की. 1962 में बिस्वा भूषण हरिचंदन ओडिशा हाई कोर्ट बार काउंसिल के सदस्य बनें.
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माननीय राज्यपाल श्री बिस्वा भूषण हरिचंदन जी के @GovernorCG के रूप में शपथ ग्रहण उपरांत पुष्पगुच्छ भेंटकर अभिवादन किया। हम सब छत्तीसगढ़ वासियों की ओर से शुभकामनाएं। pic.twitter.com/QYHwvmX5Z6
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विश्व भूषण हरिचंदन का राजनीतिक सफर: छत्तीसगढ़ के नवनियुक्त राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन साल 1971 में भारतीय जनसंघ में शामिल हुए. 1977 में ओडिशा में कैबिनेट मंत्री के पद पर भी रहे. ओडिशा में उद्योग मंत्री के रूप में उन्होंने सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया. उद्योग सुविधा अधिनियम पारित कराया. राज्य सरकार के कर्ज को चुकाने के लिए सरकारी जमीन की बिक्री का कड़ा विरोध किया.
बिस्वा भूषण हरिचंदन से पहले अनुसुइया उइके छत्तीसगढ़ की राज्यपाल थी. 29 जुलाई 2019 से 22 फरवरी 2023 तक उनका कार्यकाल था. इससे पहले आनंदीबेन पटेल ने राज्यपाल के रूप में छत्तीसगढ़ में अपनी सेवाएं दी. उनका कार्यकाल 15 अगस्त 2018 से 28 जुलाई 2019 तक था. इससे पहले 25 जुलाई 2014 से 14 अगस्त 2018 तक बलरामजी दास टंडन छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रहे. रामनरेश यादव प्रदेश में सबसे कम समय के लिए राज्यपाल रहे. इनका कार्यकाल 2 जुलाई 2014 से 24 जुलाई 2014 तक रहा. ईएसएल नरसिम्हन 25 जनवरी 2007 से 23 जनवरी 2010 तक गवर्नर के पद पर रहे. रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल के एम सेठ 2 जून 2003 से 24 जनवरी 2007 तक राज्यपाल का पद संभाला. छत्तीसगढ़ बनने के बाद डीएन सहाय प्रदेश के पहले राज्यपाल बने. 1 नवंबर 2000 से 1 जून 2003 तक वे प्रदेश में राज्यपाल रहे.
पहली बार छत्तीसगढ़ की धरती पर कांग्रेस का महाकुंभ: भूपेश बघेल
राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन अनुभवी राजनेता: विश्व भूषण हरिचंदन बुधवार को रायपुर पहुंचे थे. एयरपोर्ट पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन सपरिवार राजभवन पहुंचे. उनके साथ पत्नी सुप्रभा हरिचंदन भी मौजूद थीं. इसके बाद वे रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंचे और भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा देवी के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया और प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की. इसके बाद परंपरागत तरीके से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ राजभवन में प्रवेश कराया गया. सीएम भूपेश बघेल ने उनकी तारीफ करते हुए कहा था कि "राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन अनुभवी राजनेता हैं. छत्तीसगढ़ को उनके अनुभवों का लाभ मिलेगा. "