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गुजरात नगर निगम चुनाव में जीतने वाली AIMIM की इकलौती गैर मुस्लिम पार्षद बीना परमार

गुजरात में छह नगर निगम के चुनाव में एआईएमआईएम के सात उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की है. एआईएमआईएम के जिन सात उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की है. उनमें से एक गैर मुस्लिम दलित उम्मीदवार बीना बेन परमार भी हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए बीना बेन परमार मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मुझ पर भरोसा किया और मुझे वोट दिया. मैं बहुत खुश हूं और मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं. अब मैं सब के साथ मिलकर काम करूंगी.

ईटीवी भारत से बात करतीं बीना परमार
ईटीवी भारत से बात करतीं बीना परमार
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Published : Feb 25, 2021, 8:32 PM IST

अहमदाबाद : असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुसलमीन ने गुजरात में राजनीति में अपनी जगह बना ली है. गुजरात में छह नगर निगम के चुनाव में एआईएमआईएम के सात उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की है. एआईएमआईएम के जिन सात उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की है. इनमें से एक गैर मुस्लिम दलित उम्मीदवार बीना बेन परमार ने जमालपुर सीट जीती है.

ईटीवी भारत के संवाददाता रोशन आरा ने बीना बेन परमार से विशेष रूप से बात की. उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद म्यूनिसिप्ल इलेक्शन में एआईएमआईएम ने कुल 21 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जिसमें ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लिमीन के एक-तिहाई उम्मीदवारों ने शानदार जीत हासिल की, यह उम्मीदवार अब अहमदाबाद नगर निगम के पार्षद के रूप में कार्य कर रहे हैं.

इनमें से चार उम्मीदवार जमालपुर वार्ड से जीते और जमालपुर से कांग्रेस का सफाया कर दिया. इसके अलावा मकनमपुरा से भी एआईएमआईएम के तीन उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. इन सात उम्मीदवारों में से एक आरक्षित सीट पर अनुसूचित जाति की दलित महिला बीना परमार हैं.

वह एआईएमआईएम पार्टी से जीतने वाली एकमात्र गैर-मुस्लिम महिला हैं. यह स्पष्ट है कि अहमदाबाद के जमालपुर क्षेत्र को हमेशा कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है. यहां 97 हजार मतदाता हैं. इनमें से 15,000 गैर-मुस्लिम मतदाता हैं और बीना बेन ने 15,217 मतों के साथ निगम चुनाव जीता है.

ईटीवी भारत संवाददाता ने जब उनसे एआईएमआईएम में शामिल होने के बारे में पूछा, तो बीना ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी राजनीति में कदम रखूंगी.

उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही थी. मेरे क्षेत्र में बहुत कुछ नहीं हुए हैं. जमालपुर में बड़ी संख्या में लोग गरीबी और पिछड़े वर्ग के लोग रहते हैं.

ऐसे में जब मैंने सुना कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी गुजरात में चुनाव लड़ने जा रही है. और मुझे ऑफर मिला. मैं पार्टी के साथ जुड़ गई और अब मैं अपने क्षेत्र का सारा काम करूंगी.

ईटीवी भारत से बात करतीं बीना परमार

उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मुझ पर भरोसा किया और मुझे वोट दिया. मैं बहुत खुश हूं और मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं. अब मैं सब के साथ मिलकर काम करूंगी.

अपनी शिक्षा के बारे में बीने ने बताया कि उन्होंने कक्षा नौंवी तक पढ़ाई की है और दसवीं कक्षा में फेल होने के बाद उनकी राहुल परमार से शादी हो गई. उन्होंने कहा कि ओवैसी सभी धर्मों के लोगों का स्वागत करते हैं.

उन्होंने बिना भेदभाव के एक दलित महिला पर भरोसा किया और मुझे जमालपुर का पार्षद बनने का अवसर मिला. अब मैं उनके अनुसार सब कुछ करूंगी.

पढ़ें - अभिनेत्री पायल सरकार ने भाजपा का दामन थामा

जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वह दलित समुदाय के लिए काम करेंगी, तो उन्होंने जवाब दिया कि जमालपुर में कईं स्कूल बंद हो गए हैं. मैं सबसे पहले उनको शुरू करवाऊंगी.गैस की कीमतें बढ़ गई हैं, मैं उनको कम करवाने की कोशिश करूंगी.

उन्होंने कहा कि दलित समुदाय के लोगों के जो भी काम रह गए हैं, वह उसे पूरा करवाएंगे.

उन्होंने आगे कहा, ' मुझे एआईएमआईएम में शामिल होने के बाद विश्वास हो गया है कि मैं कुछ कर सकती हूं.क्योंकि मैंने जीत हासिल की है, तो मैं सबका काम करके दिखाऊंगी.

अहमदाबाद : असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुसलमीन ने गुजरात में राजनीति में अपनी जगह बना ली है. गुजरात में छह नगर निगम के चुनाव में एआईएमआईएम के सात उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की है. एआईएमआईएम के जिन सात उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की है. इनमें से एक गैर मुस्लिम दलित उम्मीदवार बीना बेन परमार ने जमालपुर सीट जीती है.

ईटीवी भारत के संवाददाता रोशन आरा ने बीना बेन परमार से विशेष रूप से बात की. उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद म्यूनिसिप्ल इलेक्शन में एआईएमआईएम ने कुल 21 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जिसमें ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लिमीन के एक-तिहाई उम्मीदवारों ने शानदार जीत हासिल की, यह उम्मीदवार अब अहमदाबाद नगर निगम के पार्षद के रूप में कार्य कर रहे हैं.

इनमें से चार उम्मीदवार जमालपुर वार्ड से जीते और जमालपुर से कांग्रेस का सफाया कर दिया. इसके अलावा मकनमपुरा से भी एआईएमआईएम के तीन उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. इन सात उम्मीदवारों में से एक आरक्षित सीट पर अनुसूचित जाति की दलित महिला बीना परमार हैं.

वह एआईएमआईएम पार्टी से जीतने वाली एकमात्र गैर-मुस्लिम महिला हैं. यह स्पष्ट है कि अहमदाबाद के जमालपुर क्षेत्र को हमेशा कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है. यहां 97 हजार मतदाता हैं. इनमें से 15,000 गैर-मुस्लिम मतदाता हैं और बीना बेन ने 15,217 मतों के साथ निगम चुनाव जीता है.

ईटीवी भारत संवाददाता ने जब उनसे एआईएमआईएम में शामिल होने के बारे में पूछा, तो बीना ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी राजनीति में कदम रखूंगी.

उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही थी. मेरे क्षेत्र में बहुत कुछ नहीं हुए हैं. जमालपुर में बड़ी संख्या में लोग गरीबी और पिछड़े वर्ग के लोग रहते हैं.

ऐसे में जब मैंने सुना कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी गुजरात में चुनाव लड़ने जा रही है. और मुझे ऑफर मिला. मैं पार्टी के साथ जुड़ गई और अब मैं अपने क्षेत्र का सारा काम करूंगी.

ईटीवी भारत से बात करतीं बीना परमार

उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मुझ पर भरोसा किया और मुझे वोट दिया. मैं बहुत खुश हूं और मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं. अब मैं सब के साथ मिलकर काम करूंगी.

अपनी शिक्षा के बारे में बीने ने बताया कि उन्होंने कक्षा नौंवी तक पढ़ाई की है और दसवीं कक्षा में फेल होने के बाद उनकी राहुल परमार से शादी हो गई. उन्होंने कहा कि ओवैसी सभी धर्मों के लोगों का स्वागत करते हैं.

उन्होंने बिना भेदभाव के एक दलित महिला पर भरोसा किया और मुझे जमालपुर का पार्षद बनने का अवसर मिला. अब मैं उनके अनुसार सब कुछ करूंगी.

पढ़ें - अभिनेत्री पायल सरकार ने भाजपा का दामन थामा

जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वह दलित समुदाय के लिए काम करेंगी, तो उन्होंने जवाब दिया कि जमालपुर में कईं स्कूल बंद हो गए हैं. मैं सबसे पहले उनको शुरू करवाऊंगी.गैस की कीमतें बढ़ गई हैं, मैं उनको कम करवाने की कोशिश करूंगी.

उन्होंने कहा कि दलित समुदाय के लोगों के जो भी काम रह गए हैं, वह उसे पूरा करवाएंगे.

उन्होंने आगे कहा, ' मुझे एआईएमआईएम में शामिल होने के बाद विश्वास हो गया है कि मैं कुछ कर सकती हूं.क्योंकि मैंने जीत हासिल की है, तो मैं सबका काम करके दिखाऊंगी.

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