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तमिलनाडु विधानसभा में जाली संपत्ति दस्तावेज रद्द करने संबंधी विधेयक पारित

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Published : Sep 3, 2021, 4:01 PM IST

तमिलनाडु विधानसभा में जाली संपत्ति दस्तावेज रद्द करने संबंधी विधेयक पारित कर दिया गया. इस विधेयक का उद्देश्य अचल संपत्तियों के पंजीकरण में धोखाधड़ी, जालसाजी और प्रतिरूपण को रोकना है.

Assembly
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चेन्नई : तमिलनाडु विधानसभा में जाली संपत्ति दस्तावेज रद्द करने संबंधी विधेयक पारित कर दिया गया. विधानसभा में पारित विधयेक में जाली दस्तावेज को पंजीकृत करने से इंकार, रद्द करना और उल्लंघन पाए जाने पर अधिकतम तीन साल की सजा का भी प्रावधान है.

पंजीकरण अधिनियम 1908 (एक केंद्रीय कानून) के राज्य संशोधन विधेयक के अनुसार एक पंजीकरण अधिकारी किसी भी जाली दस्तावेज को पंजीकृत करने से इंकार कर सकता है. इसके साथ ही किसी भी केंद्रीय या राज्य अधिनियम द्वारा निषिद्ध लेनदेन से संबंधित कुछ अन्य दस्तावेज प्रकारों को भी पंजीकृत होने से मना किया जा सकता है.

इस तरह के रद्दीकरण के खिलाफ पंजीकरण महानिरीक्षक को हालांकि अपील की जा सकती है. विधेयक के अनुसार प्रत्येक पंजीकरण अधिकारी और प्रत्येक व्यक्ति जिसे पंजीकरण दस्तावेज सौंपा गया है, यदि वे मानदंडों के उल्लंघन में दस्तावेजों को पंजीकृत करते हैं तो उन्हें अधिकतम तीन साल तक की सजा और जुर्माना या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें-दिल्ली : चंद्रा बंधुओं से जेल अधिकारियों की मिलीभगत, जांच के लिए तिहाड़ जा सकती है क्राइम ब्रांच

विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि सरकार के प्रयासों के बावजूद जाली बिक्री दस्तावेजों के माध्यम से फर्जी पंजीकरण कर संपत्तियों पर कब्जा किया जा रहा था, जिससे असली भूमि मालिकों को बहुत परेशानी हो रही थी.

(पीटीआई-भाषा)

चेन्नई : तमिलनाडु विधानसभा में जाली संपत्ति दस्तावेज रद्द करने संबंधी विधेयक पारित कर दिया गया. विधानसभा में पारित विधयेक में जाली दस्तावेज को पंजीकृत करने से इंकार, रद्द करना और उल्लंघन पाए जाने पर अधिकतम तीन साल की सजा का भी प्रावधान है.

पंजीकरण अधिनियम 1908 (एक केंद्रीय कानून) के राज्य संशोधन विधेयक के अनुसार एक पंजीकरण अधिकारी किसी भी जाली दस्तावेज को पंजीकृत करने से इंकार कर सकता है. इसके साथ ही किसी भी केंद्रीय या राज्य अधिनियम द्वारा निषिद्ध लेनदेन से संबंधित कुछ अन्य दस्तावेज प्रकारों को भी पंजीकृत होने से मना किया जा सकता है.

इस तरह के रद्दीकरण के खिलाफ पंजीकरण महानिरीक्षक को हालांकि अपील की जा सकती है. विधेयक के अनुसार प्रत्येक पंजीकरण अधिकारी और प्रत्येक व्यक्ति जिसे पंजीकरण दस्तावेज सौंपा गया है, यदि वे मानदंडों के उल्लंघन में दस्तावेजों को पंजीकृत करते हैं तो उन्हें अधिकतम तीन साल तक की सजा और जुर्माना या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है.

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विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि सरकार के प्रयासों के बावजूद जाली बिक्री दस्तावेजों के माध्यम से फर्जी पंजीकरण कर संपत्तियों पर कब्जा किया जा रहा था, जिससे असली भूमि मालिकों को बहुत परेशानी हो रही थी.

(पीटीआई-भाषा)

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