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मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़ा बिल लोकसभा में पास

Parliament Winter Session 2023: संसद के शीताकालीन सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को लोकसभा में सरकार ने एक महत्वपूर्ण बिल पास कर दिया. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पदावधि) विधेयक, 2023 सदन में रखा. Parliament Session, Parliament Winter Session 2023, Parliament Winter Session live, Parliament Winter Session 2023 Live

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By PTI

Published : Dec 21, 2023, 2:08 PM IST

नई दिल्ली: संसद ने उस विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए तंत्र स्थापित करने का प्रावधान है. इससे पहले आज मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों व उनकी सेवा शर्तों को विनियमित करने से संबंधित विधेयक गुरुवार को लोकसभा में चर्चा और पारित करने के लिए रखा गया. मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पदावधि) विधेयक, 2023 को सदन में चर्चा एवं पारित करने के लिए रखा.

इस दौरान कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय का हवाला दिया. उस निर्णय में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि संविधान निर्माताओं ने निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के संबंध में कानून बनाने की बात कही थी. लेकिन इसे कई साल बीत गए.

उन्होंने कहा कि 1991 में एक कानून बना, लेकिन उसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति का उल्लेख नहीं था. मेघवाल के अनुसार, उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि जब तक संसद इस संबंध में कानून नहीं बनाएगी, तब तक उसके फैसले के अनुरूप नियुक्ति की व्यवस्था जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि इसी संदर्भ में सरकार यह कानून बनाने जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्यसभा इस विधेयक को पारित कर चुकी है.

मेघवाल ने कहा कि विधेयक में एक सरकारी संशोधन के तहत ‘सर्च कमेटी’ की अध्यक्षता अब कैबिनेट सचिव की जगह कानून मंत्री करेंगे जिसमें दो सचिव सदस्य होंगे. उन्होंने कहा कि एक सरकारी संशोधन के तहत मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों का वेतन उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के समान होगा.

मेघवाल ने कहा कि विधेयक में एक नया उपबंध जोड़ा गया है जिसके तहत सीईसी और निर्वाचन आयुक्तों को ड्यूटी करते समय कोई आदेश पारित करने पर अदालत में किसी तरह की कार्रवाई से संरक्षण प्राप्त होगा. भाजपा के संजय जायसवाल ने विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि देश के संविधान की खूबसूरती है कि सभी अंगों के अधिकारों की अच्छी तरह व्याख्या की गई है. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति का विपक्षी दल ने अपनी सरकारों के समय दुरुपयोग किया है.

जायसवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस कभी संवैधानिक संस्थाओं को आजादी के साथ नहीं रहने दे सकती. उन्होंने कहा कि इस कानून के पारित होने से निर्वाचन आयोग को स्वतंत्रता से काम करने का वातावरण मिलेगा. चर्चा में वाईएसआरसीपी की चिंता अनुराधा ने भी भाग लिया. उन्होंने विधेयक का समर्थन किया. राज्यसभा ने गत 12 दिसंबर को विधेयक को पारित किया था.

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नई दिल्ली: संसद ने उस विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए तंत्र स्थापित करने का प्रावधान है. इससे पहले आज मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों व उनकी सेवा शर्तों को विनियमित करने से संबंधित विधेयक गुरुवार को लोकसभा में चर्चा और पारित करने के लिए रखा गया. मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पदावधि) विधेयक, 2023 को सदन में चर्चा एवं पारित करने के लिए रखा.

इस दौरान कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय का हवाला दिया. उस निर्णय में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि संविधान निर्माताओं ने निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के संबंध में कानून बनाने की बात कही थी. लेकिन इसे कई साल बीत गए.

उन्होंने कहा कि 1991 में एक कानून बना, लेकिन उसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति का उल्लेख नहीं था. मेघवाल के अनुसार, उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि जब तक संसद इस संबंध में कानून नहीं बनाएगी, तब तक उसके फैसले के अनुरूप नियुक्ति की व्यवस्था जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि इसी संदर्भ में सरकार यह कानून बनाने जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्यसभा इस विधेयक को पारित कर चुकी है.

मेघवाल ने कहा कि विधेयक में एक सरकारी संशोधन के तहत ‘सर्च कमेटी’ की अध्यक्षता अब कैबिनेट सचिव की जगह कानून मंत्री करेंगे जिसमें दो सचिव सदस्य होंगे. उन्होंने कहा कि एक सरकारी संशोधन के तहत मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों का वेतन उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के समान होगा.

मेघवाल ने कहा कि विधेयक में एक नया उपबंध जोड़ा गया है जिसके तहत सीईसी और निर्वाचन आयुक्तों को ड्यूटी करते समय कोई आदेश पारित करने पर अदालत में किसी तरह की कार्रवाई से संरक्षण प्राप्त होगा. भाजपा के संजय जायसवाल ने विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि देश के संविधान की खूबसूरती है कि सभी अंगों के अधिकारों की अच्छी तरह व्याख्या की गई है. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति का विपक्षी दल ने अपनी सरकारों के समय दुरुपयोग किया है.

जायसवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस कभी संवैधानिक संस्थाओं को आजादी के साथ नहीं रहने दे सकती. उन्होंने कहा कि इस कानून के पारित होने से निर्वाचन आयोग को स्वतंत्रता से काम करने का वातावरण मिलेगा. चर्चा में वाईएसआरसीपी की चिंता अनुराधा ने भी भाग लिया. उन्होंने विधेयक का समर्थन किया. राज्यसभा ने गत 12 दिसंबर को विधेयक को पारित किया था.

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