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शादी के जरिए जबरन धर्मांतरण के खिलाफ गुजरात विधानसभा में आएगा विधेयक - गुजरात विधानसभा में आएगा विधेयक

गुजरात विधानसभा में अगले सप्ताह एक विधेयक पेश किए जाने की संभावना है, जिसमें शादी द्वारा जबरन या धोखे से धर्मांतरण पर तीन से दस साल की जेल और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर..

धर्मांतरण के खिलाफ गुजरात विधानसभा
धर्मांतरण के खिलाफ गुजरात विधानसभा
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Published : Mar 26, 2021, 9:44 PM IST

गांधीनगर : गुजरात विधानसभा में अगले सप्ताह एक विधेयक पेश किए जाने की संभावना है, जिसमें शादी द्वारा जबरन या धोखे से धर्मांतरण पर तीन से दस साल की जेल और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.

विधेयक में 2003 के एक कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है और इसमें कहा गया है कि धर्मांतरण के मकसद से शादी के लिए महिलाओं को आकर्षित करने की उभर रही प्रवृत्ति पर काबू का प्रावधान किया गया है.

गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक की प्रति शुक्रवार को विधानसभा में उपलब्ध करायी गयी. भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी इस तरह के कानून बनाए गए हैं.

विधेयक में कहा गया है कि विवाह के बाद जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाना आवश्यक है और इसीलिए यह संशोधन लाया जा रहा है.

विधेयक के अनुसार शादी के बाद जबरन धर्मांतरण की स्थिति में तीन से पांच साल की कैद और दो लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. यदि पीड़ित नाबालिग, दलित या आदिवासी है तो अपराधियों को चार से सात साल की कैद और न्यूनतम तीन लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है.

इसके अलावा अगर कोई संगठन कानून का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है, तो उसके प्रभारी को तीन से दस साल तक की कैद और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.

विधेयक के अनुसार इस तरह के मकसद से होने वाले विवाह को रद्द घोषित किया जाएगा और सबूत पेश करने का भार आरेापी पर होगा.

गांधीनगर : गुजरात विधानसभा में अगले सप्ताह एक विधेयक पेश किए जाने की संभावना है, जिसमें शादी द्वारा जबरन या धोखे से धर्मांतरण पर तीन से दस साल की जेल और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.

विधेयक में 2003 के एक कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है और इसमें कहा गया है कि धर्मांतरण के मकसद से शादी के लिए महिलाओं को आकर्षित करने की उभर रही प्रवृत्ति पर काबू का प्रावधान किया गया है.

गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक की प्रति शुक्रवार को विधानसभा में उपलब्ध करायी गयी. भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी इस तरह के कानून बनाए गए हैं.

विधेयक में कहा गया है कि विवाह के बाद जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाना आवश्यक है और इसीलिए यह संशोधन लाया जा रहा है.

विधेयक के अनुसार शादी के बाद जबरन धर्मांतरण की स्थिति में तीन से पांच साल की कैद और दो लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. यदि पीड़ित नाबालिग, दलित या आदिवासी है तो अपराधियों को चार से सात साल की कैद और न्यूनतम तीन लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है.

इसके अलावा अगर कोई संगठन कानून का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है, तो उसके प्रभारी को तीन से दस साल तक की कैद और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.

विधेयक के अनुसार इस तरह के मकसद से होने वाले विवाह को रद्द घोषित किया जाएगा और सबूत पेश करने का भार आरेापी पर होगा.

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