ETV Bharat / bharat

3 साल में रिकॉर्ड 70 लाख कमाई करने पर बिलासपुर ब्रेल प्रेस को मिला देश का बेस्ट ब्रेल प्रेस अवार्ड

छत्तीसगढ़ के इकलौते ब्रेल प्रेस (Chhattisgarh only braille press) को दृष्टिबाधित दिव्यांगों के लिए कम समय में बेहतर मेटेरियल तैयार करने में देश भर में अव्वल आने पर बेस्ट ब्रेल प्रेस अवार्ड (Best Braille Press Award) से सम्मानित किया गया है.

bilaspur braille press got country best braille press award
3 साल में रिकॉर्ड 70 लाख कमाई करने पर बिलासपुर ब्रेल प्रेस को मिला देश का बेस्ट ब्रेल प्रेस अवार्ड
author img

By

Published : Dec 6, 2021, 7:17 AM IST

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का एकमात्र ब्रेल प्रेस (Chhattisgarh only braille press) को अवार्ड दिया गया है. पूरे देश में अत्यधिक आय अर्जित करने और चुनाव में दृष्टि बाधित दिव्यांगों के लिए कम समय में चुनाव सामग्री तैयार करने पर बेस्ट ब्रेल प्रेस के अवार्ड से बिलासपुर ब्रेल प्रेस (Bilaspur Braille Press honored with Best Braille Press Award) को सम्मानित किया गया है. यह अवार्ड सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social Justice and Empowerment) द्वारा प्रदान किया गया है.

साल 1985 में हुई थी स्थापना

बिलासपुर में ब्रेल प्रेस साल 1985 से ही स्थापित है. तब अविभाजित मध्यप्रदेश में मात्र एक ही ब्रेल प्रेस था और वह भी बिलासपुर में. बाद में मध्य प्रदेश से अलग होने पर छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना. अब बिलासपुर का ब्रेल प्रेस मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का इकलौता दृष्टि बाधितों के लिए पुस्तक तैयार करने वाला एकमात्र ब्रेल प्रेस है. यहां दिव्यांगों के लिए पढ़ने-लिखने, उनके लिए शहरी माहौल तैयार करने और रोजगार देने जैसी खासियत बिलासपुर के ब्रेल प्रेस के नाम है. यह प्रेस दृष्टिबाधित (ब्लाइंड) लोगों के लिए ब्रेल लिपि में पुस्तक, साहित्य, प्रतियोगी परीक्षा के लिए स्टडी मैटेरियल, ई-पुस्तकालय में ऑनलाइन रीडिंग के अलावा चुनाव में इस्तेमाल होने वाले मतपत्र तैयार करने में देशभर में अव्वल है.

बिलासपुर ब्रेल प्रेस को मिला देश का बेस्ट ब्रेल प्रेस अवार्ड

सामान्य पुस्तक से बनाई जाती है ब्रेल लिपि पुस्तक

बिलासपुर का यह ब्रेल प्रेस छत्तीसगढ़ के अलावा आस-पड़ोस के तीन राज्य का इकलौता ब्रेल प्रेस है. यहां अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से ब्रेल लिपि तकनीक से पुस्तकें तैयार की जाती हैं. यहां ब्रेल लिपि की जानकारी रखने वाले 5 टाइपिस्ट हैं, जो सामान्य पुस्तकों से ब्रेल लिपि तैयार करते हैं और टाइपिंग के माध्यम से इसे कंप्यूटर द्वारा संचालित मशीनों के माध्यम से छपाई की जाती है. अत्याधुनिक तरीके से यहां छपाई का काम किया जाता है. छत्तीसगढ़ के दिव्यांग स्कूलों (disabled schools in chhattisgarh) के साथ ही सामान्य स्कूलों के लिए भी यहीं से पुस्तक तैयार कर भेजी जाती है. पहली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक की पुस्तकें यहां तैयार की जाती हैं. इसके अलावा यहां सामान्य ज्ञान और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी पुस्तक तैयार की जाती हैं.

ऑनलाइन संचालित किया जाता है ई-पुस्तकालय

कोरोना काल के दौरान जब स्कूलों में किताबों की डिमांड नहीं थी, तबसे बिलासपुर का ब्रेल प्रेस एक अलग ही तकनीक से दृष्टिबाधितों को पढ़ाने का काम कर रहा है. ब्रेल प्रेस के माध्यम से ई-पुस्तकालय शुरू किया गया, जिसमें ऑडियो के माध्यम से दृष्टिबाधितों को पढ़ाया जाता है. इसके अलावा ई-पुस्तकालय में करीब 15 हजार किताबों का संग्रहण है. इसमें धार्मिक किताबों के अलावा सामान्य ज्ञान, प्रतियोगी परीक्षा, देश-विदेश की जानकारी और स्कूली पुस्तकों के साथ ही स्नातक और स्नातकोत्तर की किताबें संग्रहित की गई हैं. इसमें ऑडियो के माध्यम से दृष्टिबाधितों को पढ़ाया जाता है.

3 साल में पूरे देश में सबसे ज्यादा अर्जित की आय

शासकीय ब्रेल प्रेस होने के कारण राज्य सरकार के पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग के माध्यम से प्रेस को काम तो मिलता है, लेकिन जो सहयोग अन्य विभागों से होना चाहिए वह नहीं होता. अन्य विभाग अपने दस्तावेज बाहर के प्रेस से तैयार करा लेते हैं. बावजूद इसके बिलासपुर का ये शासकीय ब्रेल प्रेस 3 सालों में करीब 70 लाख रुपये (Bilaspur Braille Press earns 70 lakhs in three years) के बुक छपाई के माध्यम से आय अर्जित कर चुका है. यही कारण है कि महज 3 साल में इतनी बड़ी रकम अर्जित करने को लेकर इस प्रेस को महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों सम्मान प्राप्त हुआ.

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का एकमात्र ब्रेल प्रेस (Chhattisgarh only braille press) को अवार्ड दिया गया है. पूरे देश में अत्यधिक आय अर्जित करने और चुनाव में दृष्टि बाधित दिव्यांगों के लिए कम समय में चुनाव सामग्री तैयार करने पर बेस्ट ब्रेल प्रेस के अवार्ड से बिलासपुर ब्रेल प्रेस (Bilaspur Braille Press honored with Best Braille Press Award) को सम्मानित किया गया है. यह अवार्ड सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social Justice and Empowerment) द्वारा प्रदान किया गया है.

साल 1985 में हुई थी स्थापना

बिलासपुर में ब्रेल प्रेस साल 1985 से ही स्थापित है. तब अविभाजित मध्यप्रदेश में मात्र एक ही ब्रेल प्रेस था और वह भी बिलासपुर में. बाद में मध्य प्रदेश से अलग होने पर छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना. अब बिलासपुर का ब्रेल प्रेस मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का इकलौता दृष्टि बाधितों के लिए पुस्तक तैयार करने वाला एकमात्र ब्रेल प्रेस है. यहां दिव्यांगों के लिए पढ़ने-लिखने, उनके लिए शहरी माहौल तैयार करने और रोजगार देने जैसी खासियत बिलासपुर के ब्रेल प्रेस के नाम है. यह प्रेस दृष्टिबाधित (ब्लाइंड) लोगों के लिए ब्रेल लिपि में पुस्तक, साहित्य, प्रतियोगी परीक्षा के लिए स्टडी मैटेरियल, ई-पुस्तकालय में ऑनलाइन रीडिंग के अलावा चुनाव में इस्तेमाल होने वाले मतपत्र तैयार करने में देशभर में अव्वल है.

बिलासपुर ब्रेल प्रेस को मिला देश का बेस्ट ब्रेल प्रेस अवार्ड

सामान्य पुस्तक से बनाई जाती है ब्रेल लिपि पुस्तक

बिलासपुर का यह ब्रेल प्रेस छत्तीसगढ़ के अलावा आस-पड़ोस के तीन राज्य का इकलौता ब्रेल प्रेस है. यहां अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से ब्रेल लिपि तकनीक से पुस्तकें तैयार की जाती हैं. यहां ब्रेल लिपि की जानकारी रखने वाले 5 टाइपिस्ट हैं, जो सामान्य पुस्तकों से ब्रेल लिपि तैयार करते हैं और टाइपिंग के माध्यम से इसे कंप्यूटर द्वारा संचालित मशीनों के माध्यम से छपाई की जाती है. अत्याधुनिक तरीके से यहां छपाई का काम किया जाता है. छत्तीसगढ़ के दिव्यांग स्कूलों (disabled schools in chhattisgarh) के साथ ही सामान्य स्कूलों के लिए भी यहीं से पुस्तक तैयार कर भेजी जाती है. पहली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक की पुस्तकें यहां तैयार की जाती हैं. इसके अलावा यहां सामान्य ज्ञान और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी पुस्तक तैयार की जाती हैं.

ऑनलाइन संचालित किया जाता है ई-पुस्तकालय

कोरोना काल के दौरान जब स्कूलों में किताबों की डिमांड नहीं थी, तबसे बिलासपुर का ब्रेल प्रेस एक अलग ही तकनीक से दृष्टिबाधितों को पढ़ाने का काम कर रहा है. ब्रेल प्रेस के माध्यम से ई-पुस्तकालय शुरू किया गया, जिसमें ऑडियो के माध्यम से दृष्टिबाधितों को पढ़ाया जाता है. इसके अलावा ई-पुस्तकालय में करीब 15 हजार किताबों का संग्रहण है. इसमें धार्मिक किताबों के अलावा सामान्य ज्ञान, प्रतियोगी परीक्षा, देश-विदेश की जानकारी और स्कूली पुस्तकों के साथ ही स्नातक और स्नातकोत्तर की किताबें संग्रहित की गई हैं. इसमें ऑडियो के माध्यम से दृष्टिबाधितों को पढ़ाया जाता है.

3 साल में पूरे देश में सबसे ज्यादा अर्जित की आय

शासकीय ब्रेल प्रेस होने के कारण राज्य सरकार के पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग के माध्यम से प्रेस को काम तो मिलता है, लेकिन जो सहयोग अन्य विभागों से होना चाहिए वह नहीं होता. अन्य विभाग अपने दस्तावेज बाहर के प्रेस से तैयार करा लेते हैं. बावजूद इसके बिलासपुर का ये शासकीय ब्रेल प्रेस 3 सालों में करीब 70 लाख रुपये (Bilaspur Braille Press earns 70 lakhs in three years) के बुक छपाई के माध्यम से आय अर्जित कर चुका है. यही कारण है कि महज 3 साल में इतनी बड़ी रकम अर्जित करने को लेकर इस प्रेस को महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों सम्मान प्राप्त हुआ.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.