ETV Bharat / bharat

छत्तीसगढ़ नक्सली हमला : सरकार की योजनाओं पर उठे सवाल - COBRA बटालियन

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए और 31 जवान घायल हैं. एक जवान अभी भी लापता है. जिसमें DRG के 8, STF के 6, COBRA बटालियन के 7 जवान और बस्तर बटालियन का 1 जवान शहीद हुआ है. इस घटना को लेकर सरकार की नक्सल योजना पर कई सवाल उठ रहे हैं.

छत्तीसगढ़ नक्सली हमला
छत्तीसगढ़ नक्सली हमला
author img

By

Published : Apr 5, 2021, 10:28 PM IST

नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर शनिवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बल के 22 जवान शहीद हो गए तथा 31 अन्य जवान घायल हुए हैं. इस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस घटना पर लगभग 2000 सैनिकों को एक ऐसे क्षेत्र में शिविर लगाने के लिए भेजा गया था, जो कि नक्सलियों का गढ़ है, इस कार्रवाई से वे निराश थे. कोई भी खुफिया विफलता नहीं थी. इस घटना के बाद सुरक्षा की रणनीति और नक्सलियों के खिलाफ सरकार की लड़ाई में कई गंभीर सवाल किए जा रहे हैं.

डीजी सीआरपीएफ ने कहा यह कहने का कोई मतलब नहीं है कि किसी तरह की खुफिया जानकारी या ऑपरेशनल विफलता थी. अगर यह कुछ खुफिया विफलता थी, तो ऑपरेशन के लिए सेना नहीं जाती और अगर कुछ ऑपरेशन फेल होता, तो इतने नक्सली मारे नहीं जाते. जिसपर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह ने ईटीवी भारत से कहा की कुछ सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं हैं.

खूंखार माओवादी कमांडर मादवी हिडमा

जानकारी के अनुसार सीआरपीएफ और सुरक्षा बल बीजापुर के जंगल में सर्चिंग अभियान पर गए थे. उसी स्थान पर बड़ी संख्या में माओवादी बैठक के लिए आए थे. बता दें जहां यह धटना हुई उस इलाके को खूंखार माओवादी कमांडर मादवी हिडमा का गढ़ माना जाता है. खुफिया एजेंसियों का सुझाव है कि सुरक्षा बलों पर हमला मादवी हिडमा उर्फ हिडमाना के इशारे पर किया गया है.

हिडमा पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला (पीएलजीए) बटालियन नंबर एक और सुकमा, बस्तर का नेतृत्व करता है. बता दें, हिडमा पर पुलिस ने 40 लाख रुपये का इनाम भी रखा है. हिडमा ने कई बड़े हमले को अंजाम दिया है, जिसमें 17 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे. पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह ने कहा कि ऑपरेशन में तकनीकी खामियां थीं. निश्चित रूप से योजना की विफलता थी.

अलग-अलग श्रेणियों में धन मुहैया

  • केंद्र सरकार तीन अलग-अलग श्रेणियों में समय-समय पर माओवाद प्रभावित राज्यों को विशेष धन मुहैया कराती रहती है, जिसमें सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई), विशेष बुनियादी ढांचा योजना (एसआईएस) और विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) शामिल हैं.
  • गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार एसआरई के तहत 266.95 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी. जिनमें 11 नक्सल प्रभावित राज्य आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल शामिल है.
  • वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान एससीए के तहत आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना को 393.00 करोड़ की राशि जारी की गई थी.
  • विशेष बुनियादी ढांचा योजना (एसआईएस) के तहत पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी 11 राज्यों को 102.67 करोड़ रुपये जारी किए गए थे.
  • गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सुरक्षा बल और नागरिकों की मौत भी 2010 में 1005 से 82 प्रतिशत घटकर 2020 में 183 हो गई थी. 2009 में 2258 घटनाएं हुई थी जो 70 प्रतिशत घटकर 2020 में 665 हो गई थी.

नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर शनिवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बल के 22 जवान शहीद हो गए तथा 31 अन्य जवान घायल हुए हैं. इस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस घटना पर लगभग 2000 सैनिकों को एक ऐसे क्षेत्र में शिविर लगाने के लिए भेजा गया था, जो कि नक्सलियों का गढ़ है, इस कार्रवाई से वे निराश थे. कोई भी खुफिया विफलता नहीं थी. इस घटना के बाद सुरक्षा की रणनीति और नक्सलियों के खिलाफ सरकार की लड़ाई में कई गंभीर सवाल किए जा रहे हैं.

डीजी सीआरपीएफ ने कहा यह कहने का कोई मतलब नहीं है कि किसी तरह की खुफिया जानकारी या ऑपरेशनल विफलता थी. अगर यह कुछ खुफिया विफलता थी, तो ऑपरेशन के लिए सेना नहीं जाती और अगर कुछ ऑपरेशन फेल होता, तो इतने नक्सली मारे नहीं जाते. जिसपर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह ने ईटीवी भारत से कहा की कुछ सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं हैं.

खूंखार माओवादी कमांडर मादवी हिडमा

जानकारी के अनुसार सीआरपीएफ और सुरक्षा बल बीजापुर के जंगल में सर्चिंग अभियान पर गए थे. उसी स्थान पर बड़ी संख्या में माओवादी बैठक के लिए आए थे. बता दें जहां यह धटना हुई उस इलाके को खूंखार माओवादी कमांडर मादवी हिडमा का गढ़ माना जाता है. खुफिया एजेंसियों का सुझाव है कि सुरक्षा बलों पर हमला मादवी हिडमा उर्फ हिडमाना के इशारे पर किया गया है.

हिडमा पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला (पीएलजीए) बटालियन नंबर एक और सुकमा, बस्तर का नेतृत्व करता है. बता दें, हिडमा पर पुलिस ने 40 लाख रुपये का इनाम भी रखा है. हिडमा ने कई बड़े हमले को अंजाम दिया है, जिसमें 17 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे. पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह ने कहा कि ऑपरेशन में तकनीकी खामियां थीं. निश्चित रूप से योजना की विफलता थी.

अलग-अलग श्रेणियों में धन मुहैया

  • केंद्र सरकार तीन अलग-अलग श्रेणियों में समय-समय पर माओवाद प्रभावित राज्यों को विशेष धन मुहैया कराती रहती है, जिसमें सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई), विशेष बुनियादी ढांचा योजना (एसआईएस) और विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) शामिल हैं.
  • गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार एसआरई के तहत 266.95 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी. जिनमें 11 नक्सल प्रभावित राज्य आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल शामिल है.
  • वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान एससीए के तहत आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना को 393.00 करोड़ की राशि जारी की गई थी.
  • विशेष बुनियादी ढांचा योजना (एसआईएस) के तहत पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी 11 राज्यों को 102.67 करोड़ रुपये जारी किए गए थे.
  • गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सुरक्षा बल और नागरिकों की मौत भी 2010 में 1005 से 82 प्रतिशत घटकर 2020 में 183 हो गई थी. 2009 में 2258 घटनाएं हुई थी जो 70 प्रतिशत घटकर 2020 में 665 हो गई थी.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.