पटना: मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह (RJD MLA ANANT SINGH) को एके-47 मामले में कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है. दरअसल, उनके पैतृक गांव नदवां स्थित घर से एके-47 और ग्रेनेड बरामद हुआ था. इस मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह और एक अन्य को दोषी करार दिया था. मामला बाढ़ थाना कांड संख्या 389/19 का है. इसके साथ ही अब आरजेडी विधायक की विधायकी भी जाना तय है. बाहुबली विधायक के वकील सुनील कुमार ने मीडिया कर्मियों से बातचीत करने के दौरान बताया है कि
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"अनंत सिंह और उनके आवास के केयरटेकर सुनील राम को 10- 10 साल की सजा हुई है. सिविल कोर्ट के फैसले के खिलाफ वह हाईकोर्ट का रुख अपनाएंगे. अगर हाईकोर्ट उनकी विधायकी पर स्टे लगाता है तो वह विधायक बने रहेंगे"- सुनील कुमार, अनंत सिंह के वकील
एके 47 मामले में अनंत सिंह दोषी: बता दें कि बाहुबली विधायक अनंत सिंह के घर से 16 अगस्त, 2019 को छापेमारी कर एके 47 राइफल, हैंड ग्रेनेड, कारतूस आदि बरामद किये थे. इस दौरान बाढ़ की तत्कालीन एएसपी लिपि सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने अनंत सिंह के लदमा गांव स्थित घर पर छापेमारी की थी. करीब 11 घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन में अनंत सिंह के घर से AK-47 के साथ (Anant Singh AK 47 Case) ही हैंड ग्रेनेड, 26 राउंड गोली और एक मैगजीन बरामद की गई थी.
छापेमारी के बाद अनंत सिंह के घर से पुलिस ने केयर टेकर को गिरफ्तार किया था. लेकिन, अनंत सिंह फरार हो गए थे. बाद में अनंत सिंह ने दिल्ली की साकेत कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. दिल्ली की साकेत कोर्ट में सरेंडर करने के बाद बिहार पुलिस अनंत सिंह को ट्रांजिट रिमांड पर बाढ़ लेकर आई थी. जिसके बाद 24 अगस्त 2019 से ही अनंत सिंह पुलिस की गिरफ्त में हैं.
अनंत सिंह की कुर्सी पर लटकी तलवार: अगर किसी सांसद व विधायक को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा होती है तो ऐसे में उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाती है. अनंत सिंह को आर्म्स एक्ट की धारा में दोषी पाया गया, जिसमें न्यूनतम सजा 7 साल है. ऐसे में बाहुबली विधायक अनंत सिंह की विधायकी अब खतरे में है. इससे पहले भी कई नेताओं को आर्म्स एक्ट के तहत सजा हो चुकी है, जिसकी विधायकी छीन ली गई है.
क्या कहता है नियम : साल 2013 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने देश के राजनीति की दिशा और दशा को बदल कर रख दिया. लिली थॉमस बनाम भारत सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि जनप्रतिनिधि को अगर न्यायालय के द्वारा 2 साल से अधिक की सजा सुनाई जाती है तो वैसी स्थिति में जनप्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद सदस्यता फिर बहाल हो सकती है. कानून के जानकारों का कहना है कि प्रतिबंधित हथियार के मामले में 2 साल से अधिक की सजा का प्रावधान है. अब सभी की नजरें कोर्ट पर लगी हैं.
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