भागलपुर : हमेशा विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में रहने वाले जेडीयू के गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल ने एक बार फिर से बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कहा है कि मुख्यमंत्री का कान बंद है. इसलिए मुख्यमंत्री का कान खोलना चाहते हैं. बिहार में ऐसा कोई पुलिस या पुलिस अधिकारी नहीं है, जो शराब नहीं पीता. शराब पीकर काम करता है. पुलिस ऑफिसर नशे में चूर रहते हैं. थानेदार से लेकर कोई भी पुलिस ऑफिसर अपनी ड्यूटी का सही से निर्वहन नहीं करते हैं.
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प्रेस वार्ता में कही बात
यह बातें विधायक गोपाल मंडल भागलपुर के बरारी स्थित अपने आवास पर प्रेस वार्ता के दौरान कही. विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नजर यहां आकर्षित करना चाहते हैं. मुख्यमंत्री का कान खोलना चाहते हैं कि पुलिस थाने में शराब पकड़ कर लाती है और उसी शराब को पीकर लाठी-डंडा चलाती है. गाली-गलौज करती है.
हिरासत में हुई थी मौत
बीते होली के दिन बरारी थाना क्षेत्र में मायागंज मोहल्ले में विवाद के दौरान सिंचाई विभाग के कर्मी संजय यादव को पुलिस ने हिरासत में लिया था. पुलिस हिरासत में संजय यादव की मौत हो गई. जिस पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण सामान्य बताया है. इसी बात पर विधायक ने कहा कि संजय यादव की मौत पुलिस ने गला दबाकर की है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट को डॉक्टरों ने एसपी और कलेक्टर के कहने पर नॉर्मल लिखा है.
नशे में चूर थे पुलिसवाले
भागलपुर के पुलिस ऑफिसर सिटी एसपी पूरन झा के कहने पर पुलिस ने संजय यादव को उनके घर से गले में गमछा डाल कर घसीटते हुए मारपीट करते हुए थाने लेकर गई थी. इस दौरान पुलिस नशे में चूर थी. जिस कारण बेरहमी से संजय यादव की पिटाई की. इसी वजह से उसकी मौत हुई है. विधायक ने दावा करते हुए कहा कि सभी पुलिस और पुलिस के अधिकारी शराब पीकर काम करते हैं.
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गुस्से में थे विधायक
प्रेस वार्ता के दौरान विधायक इतने गुस्से में थे कि उनके मुंह से गाली तक निकल गयी. विधायक ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है. उन्होंने अपने सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि पहली बार जब एनडीए की सरकार बनी. जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार थे. उस दौरान 5 साल तक पुलिस अनुशासन में रहकर काम किया. लेकिन अब पुलिस बहुत बहक गयी है. वह बिना पैसा लिए काम नहीं करती है.
भ्रष्ट है हमारा ब्लॉक
उन्होंने कहा कि हमारा ब्लॉक भ्रष्ट है. ब्लॉक में बीडीओ, सीओ से लेकर सभी कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. इसलिए मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आगामी दिनों विधायक दल की बैठक में बात को उठाएंगे.
बचाए जा रहे हैं अधिकारी
'जिन पुलिस अफसर के आदेश पर उन्हें घर से घसीटते हुए पुलिस लेकर आई थी. उन पुलिस अधिकारी को बचाया जा रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट को एसपी और कलेक्टर के कहने पर डॉक्टरों ने नॉर्मल कर दिया है. जिससे कि पुलिस अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं हो सके. जबकि उसकी मौत पुलिस ने गला दबाकर की है. सारे पुलिस वाले नशे में रहते हैं.' -गोपाल मंडल, विधायक, गोपालपुर
सरकार से की है मांग
विधायक ने कहा कि घटना को लेकर बरारी थाना जानकारी लेने के लिए वे खुद गए थे. वहां पुलिस अधिकारी ने कोई रिस्पांस नहीं दिया. 20 मिनट तक थाने में बैठने के बाद भी कोई पुलिस के अधिकारी मिलने नहीं आए. उन्होंने सरकार से मांग की है कि मृतक के परिवार को 20 लाख का मुआवजा दिया जाए और उनकी पत्नी को नौकरी दी जाए.