भोजपुरः उत्तरकाशी टनल हादसे में 41 मजदूर फंसे हुए हैं, अब उनको 17 दिन बाद निकाल लिया गया है, रेस्क्यू लगातार जारी रहने से ये सफलता मिली है. आपदा विभाग की ओर से सूचना दी गई है 41 मजदूरों को टनल से बाहर निकाल लिया गया है. जिसमें रोहतास के सबाह अहमद उर्फ सैफ भी शामिल हैं. रेस्क्यू की जानकारी मिलने के बाद परिजनों में खुशी देखने को मिल रही है.
कंपनी में सुपरवाइजर है सैफः सबाह अहमद उर्फ सैफ मूल रूप से भोजपुर के पेऊर गांव के रहने वाले हैं. सैफ के पिता मिस्बाह अहमद ने बताया कि वह उत्तराखंड में सड़क परियोजना की काम कर रही नव योगा कंपनी में सुपरवाइजर है. बेटे की वापसी की खबर पाकर पिता काफी खुश हैं. उन्होंने इसके लिए सरकार को धन्यवाद दिया है. जल्द ही सैफ टनल से बाहर आने वाले हैं. वो जब तक बेटे को सामने नहीं देख लेते उन्हें यकीन नहीं होगा.
'40 लोगों को वापस लेकर आएगा बेटा': पिता ने बताया कि पिछले 17 दिनों से सैफ 40 लोगों के साथ टनल के अंदर है. उससे फोन के माध्यम से बातचीत हुई है. उसने कहा कि कोई दिक्कत नहीं है, चिंता नहीं कीजिए. हमलोग वापस निकलेंगे. अंदर में सारी सुविधा का ख्याल रखा गया है. पिता ने बताया कि पहले दिल घबरा रहा था, लेकिन अब राहत है.
"बेटे से फोन पर बात हुई थी. उसने कहा था कि चिंता नहीं कीजिए. हमारे अलावे यहां 40 मजदूर हैं. सभी को लेकर वापस लेकर आएंगे. पहले बहुत दिल घबराता था. रेस्क्यू की सूचना मिलने के बाद राहत मिली है." -मिस्बाह अहमद, सैफ के पिता
12 नवंबर को हुआ था हादसाः 12 नवंबर को उत्तराखंड के उत्तरकाशी में यमुनोत्री हाईवे पर निर्माण के दौरान सुरंग धंस गया. इसमें कई राज्यों के 41 मजदूर फंस गए. बिहार के चार मजदूर भी फंसे हुए हैं, जिसमें भोजपुर के सबाह अहमद, बांका के विरेंद्र किसकू, लखीसराय के सुशील कुमार और रोहतास के सुशील कुमार शामिल हैं. पिछले 17 दिनों से सभी मजदूर फंसे हुए हैं. रेस्क्यू के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है.