मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव (Kurhani Assembly By Election) के लिए वोटिंग खत्म हो गयी है. 57.9 प्रतिशत वोटिंग हुई है. 13 उम्मीदवारों की किस्मत का फासला ईवीएम में कैद हो गया. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वोट डाले गए. दोपहर 6 बजे तक 57.9 फीसदी वोटिंग हुई. यहां मतदान के लिए 320 मतदान केंद्र बनाए गए थे. नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे. बीजेपी और जेडीयू के बीच मुख्य मुकाबला है. 2020 में 64.19 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.
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Kurhani By Election Live Updates:
- शाम 6 बजे तक 57.9 प्रतिशत हुई वोटिंग
- 15 शिकायत मिली, सभी क्लोज किए गए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने दी जानकारी
- शाम 5 बजे तक 53 फीसदी वोटिंग
- दोपहर 3 बजे तक 48 फीसदी वोटिंग
- दोपहर एक बजे तक 37 फीसदी वोटिंग
- सुबह 11 बजे तक 24 फीसदी वोटिंग
- सुबह 9 बजे तक 11 फीसदी वोटिंग
- बूथ संख्या 239 और 240 पर मतदाताओं की लंबी कतारें
- कुढ़नी में सुबह 7 बजे से मतदान शुरू
- शाम 6 बजे तक वोटिंग, 8 दिसंबर को मतगणना
- बीजेपी की ओर से केदार गुप्ता उम्मीदवार
- जेडीयू से मनोज कुशवाहा प्रत्याशी
- वीआईपी से नीलाभ कुमार कैंडिडेट
- एआईएमआईएम से गुलाम मुर्तजा चुनावी मैदान में हैं.
- 13 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर
- 320 मतदान केंद्रों पर वोटिंग
- 3 लाख 11 हजार 728 मतदाता अपने मताधिकार का करेंगे इस्तेमाल
- मजिस्ट्रेट की देखरेख में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात.
- चुनाव में 15 पैरामिलिट्री और 10 क्यूआरटी की बटालियन की तैनाती
- कुढ़नी सीट सत्ता और विपक्ष दोनों के लिए बेहद प्रतिष्ठा का विषय
- कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान आज
कुढ़नी उपचुनाव के लिए वोटिंग: बीजेपी और महागठबंधन के लिए दोनों नाक का सवाल बन गई हैं. वहीं AIMIM और VIP ने अपने कैंडिडेट उतारकर इसको और भी रोचक बना दिया है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि, हाल ही में हुए गोपालगंज उपचुनाव के परिणाम से उत्साहित एआईएमआईएम (AIMIM) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रत्याशी निलाभ कुमार के उतार देने से एनडीए और महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ गई है. कहा जा रहा है कि एआईएमआईएम जहां महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगाएगी वहीं वीआईपी (VIP) भूमिहार समाज से आने वाले नीलाभ कुमार को चुनावी मैदान में उतारकर एनडीए और महागठबंधन दोनों के गणित को गड़बड़ा (nitish kumar and tejashwi yadav plan in Kurhani) दिया है.
कुढ़नी में रोचक रहा है मुकाबलाः बिहार की कुढ़नी विधानसभा सीट (Kurhani By Elections 2022) पर आज कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं. माना जा रहा है कि इस मुकाबले मे सीधा टक्कर जेडीयू उम्मीदवार मनोज कुशवाहा और बीजेपी के उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता के बीच है. केदार गुप्ता और मनोज कुशवाहा दोनों ही विधायक रह चुके हैं. चुनाव का पुराना इतिहास देखें तो साल 2015 में केदार गुप्ता ने जेडीयू के मनोज कुशवाहा को हराया था. केदार गुप्ता पर बीजेपी ने इस चुनाव में भी दांव खेला है. साल 2020 में आरजेडी से अनिल सहनी विजयी हुए थे. जेडीयू के मनोज कुशवाहा चुनाव में नहीं उतरे थे.
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महागठबंधन का खेल बिगाड़ दिया थाः हाल ही में हुए गोपालगंज उपचुनाव में महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगाने के बाद AIMIM पर सबकी नजर है. पार्टी ने पूर्व जिला पार्षद गुलाम मुर्तजा अंसारी को मैदान में उतारा है. कुढ़नी उपचुनाव में AIMIM की एंट्री के बाद महागठबंधन नेताओं की परेशानी बढ़ गयी है. गोपालगंज में AIMIM के उम्मीदवार अब्दुल सलाम को 12,214 वोट मिले थे, जिसने महागठबंधन का खेल बिगाड़ दिया था. बीजेपी उम्मीदवार कुसुम देवी सिर्फ 1800 वोटों से चुनाव जीती थीं,
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क्या है जातीय समीकरण: कुढ़नी में कुल 3 लाख 10 हजार 987 मतदाता हैं. जातीय समीकरण की बात करें तो पिछड़े वर्ग में पहले नंबर पर लगभग 40 हजार मतदाताओं के साथ कुशवाहा जाति है. दूसरे नंबर पर वैश्य समाज के लोग आते हैं, जिनकी संख्या करीब 33 हजार के आसपास है. इसके अलावा 25 हजार मतदाताओं के साथ सहनी समाज तीसरे नंबर पर है. चौथे नम्बर पर करीब 23 हजार मतदाताओं के साथ यादव जाति के लोग हैं. इसके अलावा कुर्मी जाति के वोटर भी अच्छी खासी संख्या में हैं. वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या लगभग 19 प्रतिशत है. इसमें 15,000 से अधिक पासवान जाति के लोग हैं. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 25 हज़ार के आसपास है. इस विधानसभा क्षेत्र में अगड़ी जाति के करीब 45 हज़ार मतदाता भी मौजूद है जिसमें 30,000 से अधिक भूमिहार है.
क्यों हो रहा उपचुनावः कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी विधायक अनिल सहनी पर राज्यसभा सांसद रहने के दौरान एलटीसी घोटाले का आरोप लगा है. इस आरोप पर सीबीआई जांच कर रही थी. अनिल सहनी जब राज्यसभा सांसद बने थे तो बिना यात्रा के लाखों रुपये का घोटाला हुआ था. एलटीसी घोटाला मामले में 31 अक्टूबर 2013 को सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई ने इस मामले में मनी लाउंड्रिंग एक्ट, धोखाधड़ी, सरकारी पद के दुरुपयोग की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अवकाश एवं यात्रा भत्ता घोटाला (LTC scam Case) मामले में उनको दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी.
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