सुपौल: अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने दावा किया है कि भगवान राम उनके सपने में आए हैं. उन्होंने सुपौल में एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि मैं रामचरित मानस को लेकर जो कुछ भी कहता हूं, सच कहता हूं. भगवान राम भी यही चाहते थे कि छुताछुत और जाति-प्रथा बंद हो लेकिन मेरे कहने से विवाद हो जाता है.
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"हमको भगवान जी राम जी सपना दिए. हमको बोले देखो चंद्रशेखर हमको लोग बेचता है बाजार में. तुम बाजार में बिकने से हमको बचा लो. मैं सही बात बोलता हूं. राम जी का संदेश है कि भगवान द्वारा बनाए गए अछुत शबरी के झूठे बेर खा रहे हैं. वो समाज बना लीजिए, फिर भारत को कोई नहीं रोक सकता अमेरिका को पछाड़ने में. राम जी का वह देश तो बना दीजिए, जो राम जी चाहते थे"- डॉ. चंद्रशेखर, शिक्षा मंत्री, बिहार
'जाति व्यवस्था से कुपित थे भगवान': सुपौल के पिपरा प्रखंड के रामपुर में आयोजित एक पुण्यतिथि कार्यक्रम में बोलते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि भगवान राम ने शबरी के झूठे बेर खाए लेकिन आज शबरी का बेटा मंदिर नहीं जा सकता, यह दुखद है. उन्होंने कहा का आज भी शूद्र समाज से आने वाले राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को मंदिर जाने से रोक दिया जाता है, गंगाजल से धोया जाता है. ईश्वर ने शबरी का झूठा खाकर संदेश दिया था. भगवान भी जाति व्यवस्था से कुपित थे. उस वक्त राम ने सोचा होगा कि हम खा लेंगे तो दुनियां खाने लगेगी लेकिन उसे अकेले छोड़ दिया. खाली धूप बत्ती दिखाकर उसे छोड़ दिया जाता है. उनका अनुकरण नहीं किया जाता है.
मोहन भागवत पर क्या बोले चंद्रशेखर: शिक्षा मंत्री ने कहा कि राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे, जिन्होंने जाति व्यवस्था को खत्म करते हुए संदेश देकर चले गए. उन्होंने कहा कि मैंने तो कहा था पुरखों की गलती से जातियां बनीं लेकिन आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने पंडितों पर आरोप लगा दिया. हमने तो केवल एक बार बोला था लेकिन मोहन भागवत ने दो बार बोला. इसके बावजूद लोग हमारी जीभ काटने पर दस करोड़ का इनाम रख दिया लेकिन मोहन भागवत के विरोध में दस रुपये का भी इनाम नहीं रखा.
शिक्षकों के लिए क्या बोले शिक्षा मंत्री?: इस मौके पर शिक्षा मंत्री ने वहां मौजूद शिक्षकों से भी कई बातें कही. उन्होंने कहा कि उनके सम्मान को मंत्री की तरफ से कभी ठेस नहीं पहुंचेगी. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि ये अलग बात है कि कुछ सिरफिरे लोग कभी कभार आ जाएंंगे, कुछ कह कर चले जाएंंगे लेकिन उसका ख्याल भी नहीं कीजिएगा क्योंकि ऐसे लोग सरकार का संदेश भी नहीं दे पाएंगे. सरकार का संदेश मुख्यमंत्री या शिक्षा मंत्री ही देंगे.