पटना: जब से दिल्ली में इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक हुई है, तब से सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज हैं. इसीलिए वह बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में भी मौजूद नहीं थे. हालांकि अब खुद बिहार सीएम ने स्थिति स्पष्ट कर दी है. उन्होंने पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि नाराजगी की बात गलत है. वह बिल्कुल भी गठबंधन से नाराज नहीं हैं.
"मेरी नाराजगी को लेकर बहुत सारी खबरें चलाई जा रही है, बिल्कुल गलत बात है. मैं क्यों नाराज रहूंगा. मेरी तो कोशिश रही है कि सभी विपक्षी दल साथ आएं, ताकि 2024 में बीजेपी को हरा सकें. हम तो हमेशा से कहते रहे हैं कि हमारी कोई इच्छा नहीं है, बस सब लोग मिल-जुलकर एक साथ चुनाव लड़ें और जल्दी से सब काम हो."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
'किसी पद को लेकर मेरी कोई इच्छा नहीं': नीतीश कुमार ने पीएम उम्मीदवारी या संयोजक नहीं बनाए जाने को लेकर अपनी नाराजगी की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि कभी भी मुझे किसी पद की लालसा नहीं थी. मैंने तो पहले ही कह दिया था कि जिसको जो बनाना है, बनाइये. मैं तो बस चाहता हूं कि सब मिलकर चुनाव लड़ें और जल्दी-जल्दी सीट शेयरिंग पर काम हो.
जेडीयू में टूट की बात बकवास: वहीं पत्रकारों ने जब पूछा कि क्या सच में आपकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड में टूट होने वाली है? इस सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि बेकार की बात है. मेरी पार्टी पूरी तरह से एकजुट है और आने वाले चुनाव को लेकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भला मेरी पार्टी को कौन तोड़ सकता है. हमलोग पूरी तरह से एकजुट हैं.
अटल बिहारी वाजपेयी को दी श्रद्धांजलि: वहीं बिहार सीएम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आज पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी 99वीं जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 'जब से मैं सांसद रहा हूं, तब से मेरा संबंध उनके साथ रहा है. जब उनकी सरकार बनी, तब उन्होंने मुझे तीन विभाग की जिम्मेदारी दी थी और वह मुझे बहुत मानते थे. उनके प्रति एक आदर का भाव है और उन्होंने बहुत अच्छा काम किया था.'
नीतीश की नाराजगी की खबर क्यों?: दरअसल, दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान न तो अब तक पीएम उम्मीदवारी को लेकर और न ही संयोजक को लेकर किसी का नाम तय हुआ है. वहीं बैठक के दौरान अचानक से पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम पीएम उम्मीदवार के लिए आगे कर दिया, जिस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हामी भर दी. हालांकि खरगे ने साफ कर दिया कि अभी सब लोग मिलकर लड़ेंगे, चुनाव के बाद इस पर फैसला करेंगे. वहीं बाद में खबर आई की नीतीश कुमार इस प्रस्ताव के बाद नाराज चल रहे हैं. लालू यादव को भी ममता का ये प्रस्ताव पसंद नहीं आया. वैसे विपक्षी गठंबधन को एकजुट करने में नीतीश की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
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