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Bihar Caste Survey : जातीय गणना रिपोर्ट पर रोक से SC का इनकार, बिहार सरकार से मांगा जवाब - सुप्रीम कोर्ट

Bihar Caste Survey : बिहार में जारी हुई जाति आधारित गणना की रिपोर्ट पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

Bihar Caste Survey
जाति आधारित गणना
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By PTI

Published : Oct 6, 2023, 3:36 PM IST

नई दिल्ली: बिहार में जारी हुई जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. SC ने साफ तौर पर कहा कि अदालत किसी भी राज्य सरकार को फैसला लेने से रोक नहीं सकती. अगर ऐसा होता है तो यह गलत होगा. बता दें, जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की बेंच ने जाति आधारित जनगणना के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने साफ कहा, 'हम इस मामले में विस्तृत सुनवाई करेंगे. हम सरकार को नीति बनाने से रोक नहीं सकते. हालांकि, कास्ट सर्वे के दौरान लिए गए लोगों के निजी आंकड़े सरकार सार्वजनिक न करे. अब इस मामले पर जनवरी में सुनवाई होगी.'

दरअसल, कुछ संगठनों की तरफ से जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी होने के अगले दिन (3 अक्टूबर) सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें पुरे मामले में कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की गई थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर दिया था. उस दौरान कोर्ट ने कहा कि अभी इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. 6 अक्टूबर को मामले की सुनवाई होगी और उसी समय याचिकाकर्ताओं की दलील सुनेंगे. उसके बाद अब शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'SC ने याचिका पर बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है. जनवरी 2024 तक इस पर जवाब मांगा है. कोर्ट इस मामले में विस्तृत सुनवाई करेगा.'

पढ़ें : Bihar Caste Survey Report: 'घर पर नहीं आई कोई सर्वे टीम', जातीय गणना की रिपोर्ट पर आम लोगों ने उठाए सवाल

बता दें, बिहार में जाति आधारित सर्वे कराने के बाद सरकार ने इसकी रिपोर्ट भी जारी कर दी. जो सरकारी आंकड़े जारी किए गए हैं, उसके मुताबिक बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा है. जिनमें सवर्ण ( भूमिहार-2.89, राजपूत-3.45, ब्राह्मण-3.66 और कायस्थ-0.60) की आबादी 15.52 प्रतिशत है, 63 फीसदी ओबीसी, 19 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की आबादी है. वहीं, बिहार में सबसे ज्यादा प्रतिशत यादवों का है.

नई दिल्ली: बिहार में जारी हुई जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. SC ने साफ तौर पर कहा कि अदालत किसी भी राज्य सरकार को फैसला लेने से रोक नहीं सकती. अगर ऐसा होता है तो यह गलत होगा. बता दें, जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की बेंच ने जाति आधारित जनगणना के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने साफ कहा, 'हम इस मामले में विस्तृत सुनवाई करेंगे. हम सरकार को नीति बनाने से रोक नहीं सकते. हालांकि, कास्ट सर्वे के दौरान लिए गए लोगों के निजी आंकड़े सरकार सार्वजनिक न करे. अब इस मामले पर जनवरी में सुनवाई होगी.'

दरअसल, कुछ संगठनों की तरफ से जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी होने के अगले दिन (3 अक्टूबर) सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें पुरे मामले में कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की गई थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर दिया था. उस दौरान कोर्ट ने कहा कि अभी इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. 6 अक्टूबर को मामले की सुनवाई होगी और उसी समय याचिकाकर्ताओं की दलील सुनेंगे. उसके बाद अब शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'SC ने याचिका पर बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है. जनवरी 2024 तक इस पर जवाब मांगा है. कोर्ट इस मामले में विस्तृत सुनवाई करेगा.'

पढ़ें : Bihar Caste Survey Report: 'घर पर नहीं आई कोई सर्वे टीम', जातीय गणना की रिपोर्ट पर आम लोगों ने उठाए सवाल

बता दें, बिहार में जाति आधारित सर्वे कराने के बाद सरकार ने इसकी रिपोर्ट भी जारी कर दी. जो सरकारी आंकड़े जारी किए गए हैं, उसके मुताबिक बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा है. जिनमें सवर्ण ( भूमिहार-2.89, राजपूत-3.45, ब्राह्मण-3.66 और कायस्थ-0.60) की आबादी 15.52 प्रतिशत है, 63 फीसदी ओबीसी, 19 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की आबादी है. वहीं, बिहार में सबसे ज्यादा प्रतिशत यादवों का है.

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