पटना: मंगलवार को बिहार विधानसभा रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. भाजपा विधायक लखेंद्र पासवान और भाकपा माले विधायक सत्यदेव राम के बीच बहस ने तूल पकड़ लिया और विधानसभा अध्यक्ष ने लखेंद्र पासवान को 2 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया. निलंबन के बाद भाजपा नेता आक्रामक हो गए हैं.
बीजेपी विधायक सदन से 2 दिनों के लिए सस्पेंड: बिहार विधानसभा की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गयी. भाजपा विधायक लखेंद्र पासवान ने आंगनबाड़ी सेविका के मसले को सदन में उठाया था. मंत्री जवाब दे रहे थे इन सबके बीच दोनों ओर से कहासुनी शुरू हो गई और बात इतनी बड़ी की गाली गलौज की नौबत आ गई. भारतीय जनता पार्टी की ओर से आरोप लगाया गया कि माले विधायक सत्यदेव राम ने लखेंद्र पासवान के लिए गाली गलौज की भाषा का इस्तेमाल किया.
लखेंद्र पासवान पर माइक तोड़ने और गाली गलौज का आरोप: शोर-शराबे के बीच माइक टूटने की खबर आई और विधानसभा अध्यक्ष ने माइक तोड़ने के आरोप में लखेंद्र पासवान को 2 दिनों के लिए निलंबित कर दिया. ईटीवी भारत संवाददाता से सत्यदेव राम ने खास बातचीत के दौरान कहा कि मेरा लंबा अनुभव रहा है. मैंने आज तक गाली गलौज की भाषा का इस्तेमाल नहीं किया है. हालात उत्पन्न किए गए. कोई मैटर नहीं था. बीजेपी ने इसे बड़ा बनाया.
"सदन में माइक तोड़ा गया. मैंने सदन के अंदर अध्यक्ष महोदय का ध्यान आकृष्ट कराया कि माइक तोड़ दी गई. हमारी इतनी ही भूमिका थी लेकिन बीजेपी विधायक ने अपशब्द का प्रयोग किया. तब हमारे सदस्यों के साथ सभी ने विरोध किया. बीजेपी वेल में आ गई. मामला समाज कल्याण से जुड़ा था, मंत्री जी जवाब भी दे दिए थे."- सत्यदेव राम, माले विधायक
"मानदेय बढ़ोतरी की मांग हो रही थी. हमने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 4500 रुपये दिए जाते हैं, 1450 रुपये जोड़कर बिहार सरकार देती है. केंद्र सरकार बढ़ाएगी तो हमलोग और बढ़ा देंगे. इसके बाद बीजेपी विधायक ने माइक तोड़ दी."- मदन सहनी, मंत्री,बिहार सरकार
बोले लखेंद्र पासवान-'मैंने माइक नहीं तोड़ी': दरअसल लखेंद्र ने सहायक और सेविका के मानदेय बढ़ाने को लेकर सवाल पूछा जिसका जवाब मंत्री मदन सहनी ने दिया लेकिन मंत्री के जवाब से बीजेपी विधायक संतुष्ट नहीं हुए और पूरक प्रश्न पूछना चाह रहे थे. इसी दौरान बीजेपी विधायक का माइक बंद कर दिया गया. इस पर नाराजगी जताई गई और लखेंद्र ने माइक तोड़ दिया. इसके बाद बिहार विधानसभा थोड़ी देर के लिए रणभूमि में तब्दील होता दिखा और कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. बीजेपी विधायक लखेंद्र पासवान का कहना है कि उन्होंने माइक नहीं तोड़ी.
"सेविका सहायिका के वेतन को लेकर हमने सवाल किया तो मेरी माइक बंद कर दी गई. जब मैंने माइक अपनी ओर खींचा तो पुराना होने के कारण उखड़ गया. इस बीच सत्ता पक्ष के विधायक सत्यदेव राम खड़े होकर गाली देना शुरू कर दिए. दलित विधायक दलितों का आवाज नहीं उठाएगा क्या?"- लखेंद्र पासवान, पातेपुर से बीजेपी विधायक
"विधानसभा में जो कुछ भी हुआ है उसे काला दिन के रूप में याद किया जाएगा. लखेंद्र पासवान को दलित होने के कारण निकाल दिया गया इसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है."- संजय जायसवाल, बिहार बीजेपी अध्यक्ष