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चन्दौली के माटीगांव में खोदाई के दौरान पुरातत्व टीम को मिली प्राचीन दीवार

चन्दौली में बीएचयू पुरातत्व विभाग की टीम को माटीगांव स्थित प्राचीन शिव मंदिर परिसर में खोदाई के दौरान लगभग 10 मीटर लम्बे ईंट की दीवार मिली है. इससे टीम में काफी उत्साह है.

पुरातत्व टीम
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Published : Mar 21, 2021, 6:57 PM IST

चंदौली : जिले में बीएचयू पुरातत्व विभाग की टीम खोदाई कर रही है. टीम जैसे-जैसे माटीगांव स्थित प्राचीन शिव मंदिर परिसर में खोदाई आगे बढ़ा रही है, टीम को नए अवशेष मिलते जा रहे हैं. रविवार को खोदाई के दौरान टीम को मंदिर के पीछे के भाग में लगभग 10 मीटर लंबी ईंट की दीवार मिली है. इससे टीम में उत्साह है.

पांच सतह ईंटों की मिली
रविवार को उत्खनन में मुख्य रूप से मंदिर के पीछे भाग में लगभग 10 मीटर लम्बे ईंट की दीवार मिली. इसमें पांच सतह ईंटों की प्राप्त हुई है. इन ईंटों को चूने एवं सुरखी से निर्मित गारे से जोड़ा गया है. इसके साथ ही पूर्व में मिले वृत्ताकार शिवालय के आधार की प्राप्ति हुई है. प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर इन संरचनाओं को गुप्त कालीन माना जा सकता है. उत्खनन में कुछ कुषाणकालीन ईंटों की भी प्राप्ति हुई है, जिनका परिमाप 36×21×6 सेमी है. कुषाणकालीन अन्य साक्ष्यों को उत्खनन में ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं.

मिली प्राचीन दीवार

दिया गया प्रशिक्षण
इस दौरान प्रा.भा.ई. संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग काशी हिंदू विश्वविद्यालय के द्वितीय वर्ष के स्नातकोत्तर छात्रों को उत्खनन से संबंधित विभिन्न पहलुओं का प्रशिक्षण दिया गया.

पढ़ेंः अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए तृणमूल सांसद शिशिर अधिकारी

चंदौली : जिले में बीएचयू पुरातत्व विभाग की टीम खोदाई कर रही है. टीम जैसे-जैसे माटीगांव स्थित प्राचीन शिव मंदिर परिसर में खोदाई आगे बढ़ा रही है, टीम को नए अवशेष मिलते जा रहे हैं. रविवार को खोदाई के दौरान टीम को मंदिर के पीछे के भाग में लगभग 10 मीटर लंबी ईंट की दीवार मिली है. इससे टीम में उत्साह है.

पांच सतह ईंटों की मिली
रविवार को उत्खनन में मुख्य रूप से मंदिर के पीछे भाग में लगभग 10 मीटर लम्बे ईंट की दीवार मिली. इसमें पांच सतह ईंटों की प्राप्त हुई है. इन ईंटों को चूने एवं सुरखी से निर्मित गारे से जोड़ा गया है. इसके साथ ही पूर्व में मिले वृत्ताकार शिवालय के आधार की प्राप्ति हुई है. प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर इन संरचनाओं को गुप्त कालीन माना जा सकता है. उत्खनन में कुछ कुषाणकालीन ईंटों की भी प्राप्ति हुई है, जिनका परिमाप 36×21×6 सेमी है. कुषाणकालीन अन्य साक्ष्यों को उत्खनन में ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं.

मिली प्राचीन दीवार

दिया गया प्रशिक्षण
इस दौरान प्रा.भा.ई. संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग काशी हिंदू विश्वविद्यालय के द्वितीय वर्ष के स्नातकोत्तर छात्रों को उत्खनन से संबंधित विभिन्न पहलुओं का प्रशिक्षण दिया गया.

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