लखनऊ : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आज विश्व की सबसे लंबी एलपीजी पाइपलाइन के निर्माण के लिए अपर जिलाधिकारी रणविजय सिंह ने भूमि पूजन किया. केंद्र सरकार की इस महत्वपूर्ण परियोजना से पूर्वांचल में रसोई गैस के लिए वर्षों तक परेशान रहे लोगों के अच्छे दिन आने की शुरुआत मानी जा रही है. गुजरात के कांडला से गोरखपुर तक बिछाई जा रही पाइपलाइन प्रोजेक्ट का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2019 में शिलान्यास किया था. पाइप लाइन से रसोई गैस वाराणसी स्थित इंडियन आयल कारपोरेशन के प्लांट में होते हुए गोरखपुर पहुंचेगी .
10 हजार करोड़ खर्च होंगे
परियोजना के तहत गुजरात के कांडला में एलपीजी आयात के बाद गैस को 2800 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के जरिए अहमदाबाद, उज्जैन, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी और लखनऊ होते हुए गोरखपुर तक पहुंचाया जाएगा. इसके निर्माण पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. पाइपलाइन से 3.75 मिलियन टन गैस हर साल गुजरेगी.
फरवरी 2019 में पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास
गुजरात के कांडला से गोरखपुर तक बिछाई जा रही पाइपलाइन प्रोजेक्ट का फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यास किया था. 2800 किलो मीटर लंबी यह परियोजना निर्माण के बाद विश्व की सबसे लंबी पाइप लाइन होगी. इस परियोजना से 34 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा.
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तीन राज्य को मिलेगा फायदा
इस परियोजना से देश के 3 राज्यों को सीधा फायदा मिलेगा. जिसमें गुजरात, मध्य प्रदेश और यूपी के 22 बॉटलिंग प्लांट आएंगे. भूमि पूजन प्रोग्राम में उप जिलाधिकारी सदर प्रमोद कुमार पांडेय, उप जिलाधिकारी पिंडरा, क्षेत्राधिकारी बड़ागांव, कार्यदाई संस्था आईएचबी के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक गौरव सिंह, परियोजना के सहायक प्रबंधक अनुभव सिंह आदि लोग मौजूद थे.