चंडीगढ़ : पंजाब में विधायक सुखपाल सिंह खैरा और आम आदमी पार्टी के बागी विधायक जगदेव सिंह कमलू और पीरमल सिंह गुरुवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. उन्होंने कांग्रेस का दामन ऐसे समय में थामा है जब पंजाब में सत्तारूढ़ पार्टी अंदरूनी कलह और गुटबाजी से जूझ रही है.
अधिकारियों ने बताया कि इन सभी ने विधानसभा अध्यक्ष को विधायक पद से अपने त्यागपत्र सौंप दिए हैं.
खैरा कांग्रेस छोड़ने के करीब छह साल बाद उसमें लौटे हैं.
2015 में आप में शामिल हुए थे खैरा
कांग्रेस छोड़ने के बाद, खैरा दिसंबर 2015 में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए थे. वह 2017 में आप के टिकट पर भोलथ विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए थे.
उन्होंने जनवरी 2019 में आप की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और अपनी खुद की 'पंजाब एकता पार्टी' बनाई थी. जगदेव सिंह कमलू मौर सीट से विधायक हैं और पीरमल सिंह धौला भदौर से विधायक हैं. दोनों पहली बार विधानसभा के सदस्य बने हैं.
दिल्ली रवाना होने से पहले पार्टी में शामिल कराया
कांग्रेस की पंजाब इकाई में आपसी कलह को सुलझाने के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति के साथ बैठक के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ने तीनों विधायकों को पार्टी में शामिल कराया.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनके पूर्व कैबिनेट सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू के बीच हाल फिलहाल में विवाद रहा है. सिद्धू ने 2015 में फरीदकोट के कोटकपुरा में धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी को लेकर सार्वजनिक तौर पर मुख्यमंत्री की आलोचना की है.
पंजाब इकाई ने ट्वीट कर दी जानकारी
कांग्रेस की पंजाब इकाई के ट्वीट के मुताबिक, 'मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली रवाना होने से पहले विधायक सुखपाल खैरा एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष और आप के उनके दो सहयोगी विधायकों मौर के जगदेव सिंह कमलू और भदौर के विधायक पीरमल सिंह धौला का पार्टी में स्वागत किया.'
पंजाब कांग्रेस के फेसबुक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन वरिष्ठ नेताओं को शामिल करने की मंजूरी दी है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस महासचिव (पंजाब के प्रभारी) हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ दिल्ली में तीन सदस्यीय समिति के साथ सलाह-मशविरे में व्यस्त हैं, इसलिए कुछ दिनों में उनका आशीर्वाद लिया जाएगा.
अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनका दृढ़ता से मानना है कि खैरा और उनके सहयोगियों के शामिल होने से कांग्रेस पार्टी मजबूत हुई है.
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परनीत की मौजूदगी में शामिल हुए विधायक
पटियाला से सांसद परनीत कौर ने कहा कि तीनों विधायक पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। वह विधायकों को पार्टी में शामिल कराने वाले कार्यक्रम के दौरान मौजूद थीं. गुरुवार को पार्टी में शामिल होने के बाद खैरा ने कहा, 'कांग्रेस ही एकमात्र व्यवहार्य मंच है जो भारत को भाजपा के फासीवादी और कट्टरवादी शासन से बचा सकता है.'
एक बयान में उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ही बादल (परिवार) को पंजाब को लूटने से रोक सकती है.
इससे पहले फेसबुक पर किए गए एक पोस्ट में खैरा ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी को धन्यवाद दिया.
आप में शामिल होने को गलती करार दिया
खैरा ने तीन कृषि कानूनों और नदी जल मुद्दों पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के रुख को लेकर उनकी प्रशंसा की. उन्होंने यह भी कहा कि फरीदकोट के कोटकपुरा में 2015 की धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी और उसके बाद हुई पुलिस गोलीबारी की घटनाओं में निश्चित रूप से न्याय मिलेगा.
खैरा ने आम आदमी पार्टी में शामिल होने के अपने फैसले को 'राजनीतिक भूल' और 'गलती' करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी में 'पूर्ण तानाशाही' है.
खैरा ने दावा किया कि सुच्चा सिंह छोटेपुर, धर्मवीर गांधी और गुरप्रीत घुग्गी जैसे कई नेता आप नेतृत्व के 'पीड़ित' हैं. उन्हें 'अपमानित' भी किया गया.
खैरा आप की राज्य इकाई में स्वायत्तता की कमी को लेकर पार्टी नेतृत्व के आलोचक रहे हैं.
भगवंत मान ने साधा निशाना
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, आप सांसद भगवंत मान ने कहा कि जब खैरा विपक्ष के नेता होते थे तो वह कांग्रेस पर हमला करते थे और उनसे पूछा कि क्या राज्य में 'रेत और परिवहन माफिया' अब समाप्त हो गए हैं.
आप नेता राघव चड्ढा ने कहा कि तीनों विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने की उम्मीद थी. शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने दावा किया कि कांग्रेस और आप 'एक फिक्स मैच खेल रहे' हैं और दोनों पार्टियों का अनौपचारिक समझौता है जिसके तहत आप अपने विधायकों को कांग्रेस में जाने दे रही है.