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भय्यू महाराज की मां का निधन, बहू ने दी मुखाग्नि, बेटी ने उठाए सवाल

दिवंगत भय्यू महाराज की मां की मौत के बाद बहू आयुषी ने उनका अंतिम संस्कार किया. वहीं बेटी कुहू का कहना है कि उसे अपनी दादी का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया.

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Published : May 10, 2021, 9:52 PM IST

Updated : May 11, 2021, 12:53 PM IST

इंदौर : मध्य प्रदेश के बहुचर्चित भय्यू महाराज आत्महत्या मामले के बाद उनकी दूसरी पत्नी आयुषी और पहली पत्नी की बेटी कुहू के बीच विरासत को लेकर घमासन छिड़ा हुआ है. अब भय्यू महाराज की माता के अंतिम संस्कार पर भी परिवार में कलह देखने को मिल रहा हैं.

बेटी कुहू ने अंतिम संस्कार नहीं करने देने का आरोप लगाया हैं, जबकि आयुषी का कहना है कि तकरीबन तीन साल से कुहू अपनी दादी से मुलाकात करने तक नहीं आई. भय्यू महाराज ने अपने ही घर में रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.

जिसके बाद दूसरी पत्नी आयुषी और पहली पत्नी की बेटी कुहू के बीच विरासत को लेकर परिवारिक कलह शुरू हो गई थी. जहां इस पूरे मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही हैं. वहीं उस दौरान आयुषी और कुहू के द्वारा कोर्ट में जो बयान दिए गए, वह जमकर सुर्खियों में रहे.

बेटी ने उठाए सवाल

भय्यू महाराज की आत्महत्या किसी पहेली से कम नहीं हैं. कई सवाल खड़े किए गए थे. इसी बीच भय्यू महाराज की मां कुमुदिनी देशमुख का कोरोना से निधन हो गया हैं. काफी लंबे समय से उनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था.

कुमुदीनी देशमुख को भय्यूजी महाराज की दूसरी पत्नी डॉक्टर आयुषी ने मुखाग्नि दी. इस दौरान पूरे विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया गया. भय्यू महाराज की बेटी कुहू ने आरोप लगाया है कि उन्हें दादी का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया, जबकि दादी से वह काफी प्यार करती थी.

फोन पर रोजाना उनसे उनके स्वास्थ्य के बारे में बात होती थी. दादी ने ही उन्हें पालपोस कर बड़ा किया हैं. परिवार में पूजा सहित अन्य कामों में उनके द्वारा ही आहुति दी जाती थी. उसी के बाद घर में कोई कार्य होता था, लेकिन जिस तरह से उन्हें दादी का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया.

कुहू का कहना है कि वह दादी की मौत की सूचना पर अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए ही आई हुई थी, लेकिन उसे अंतिम संस्कार करने का अधिकार नहीं दिया गया. कुहू का कहना है कि पिता की आत्महत्या के मामले को लेकर वह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के मंत्रियों के साथ ही कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर चुकी हैं.

वहीं बड़े अधिकारियों से भी मुलाकात कर भय्यू महाराज आत्महत्या मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की. डॉक्टर आयुषी का कहना है कि कुहू तीन सालों से एक भी बार अपनी दादी से मुलाकात करने नहीं आई. वहीं उसकी दादी को किस तरह की बीमारी थी, इसकी भी जानाकरी उसे नहीं हैं.

पिछले दिनों दत्त जयंती पर जब कुहू ने आश्रम पर आकर मीडिया से बात की थी, उस समय भय्यू महाराज की मां कुमुदिनी देशमुख ने मुलाकात करने के लिए घर भी बुलाया था, लेकिन वह मुलाकात करने नहीं आई.

वहीं आयुषी का अंतिम संस्कार करने को लेकर यह कहना है कि भय्यू महाराज की मां कुमुदिनी देशमुख की यह आखरी इक्छा थी कि उनकी बहू ही उनका अंतिम संस्कार करें. साथ ही परिवार के वरिष्ठ सदस्य भी वहां पर मौजूद थे. उनकी अनुमति के बाद ही अंतिम संस्कार किया गया.

आयुषी का कहना है कि भय्यू महाराज की मां कुमुदिनी के निधन की सूचना जैसे ही कुहू को मिली, वह तुरंत आई, लेकिन अंतिम संस्कार होने के बाद वह वापस घर चली गई. इसी के साथ घर से जो मृतक कुमुदिनी देशमुख के चार हजार रुपये रखे हुए थे, वह भी लेकर चले गई.

यह भी पढ़ें-जानिये कहां, गंगा नदी में उतराती मिलीं दर्जनों लावारिस लाशें

करोड़ों रुपये का ट्रस्ट
भय्यू महाराज का ट्रस्ट करोड़ों रुपये का हैं. ट्रस्ट की महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई शहरों में करोड़ों रुपये की जमीन हैं. भय्यू महाराज द्वारा जो ट्रस्ट संचालित किया जाता था, उससे कई तरह के काम किए जाते हैं. देश भर में भय्यू महाराज के अनुयायी हैं. उनकी मौत के बाद भी कई अनुयायी ट्रस्ट के सेवा कार्य से जुड़े हुए हैं.

इंदौर : मध्य प्रदेश के बहुचर्चित भय्यू महाराज आत्महत्या मामले के बाद उनकी दूसरी पत्नी आयुषी और पहली पत्नी की बेटी कुहू के बीच विरासत को लेकर घमासन छिड़ा हुआ है. अब भय्यू महाराज की माता के अंतिम संस्कार पर भी परिवार में कलह देखने को मिल रहा हैं.

बेटी कुहू ने अंतिम संस्कार नहीं करने देने का आरोप लगाया हैं, जबकि आयुषी का कहना है कि तकरीबन तीन साल से कुहू अपनी दादी से मुलाकात करने तक नहीं आई. भय्यू महाराज ने अपने ही घर में रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.

जिसके बाद दूसरी पत्नी आयुषी और पहली पत्नी की बेटी कुहू के बीच विरासत को लेकर परिवारिक कलह शुरू हो गई थी. जहां इस पूरे मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही हैं. वहीं उस दौरान आयुषी और कुहू के द्वारा कोर्ट में जो बयान दिए गए, वह जमकर सुर्खियों में रहे.

बेटी ने उठाए सवाल

भय्यू महाराज की आत्महत्या किसी पहेली से कम नहीं हैं. कई सवाल खड़े किए गए थे. इसी बीच भय्यू महाराज की मां कुमुदिनी देशमुख का कोरोना से निधन हो गया हैं. काफी लंबे समय से उनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था.

कुमुदीनी देशमुख को भय्यूजी महाराज की दूसरी पत्नी डॉक्टर आयुषी ने मुखाग्नि दी. इस दौरान पूरे विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया गया. भय्यू महाराज की बेटी कुहू ने आरोप लगाया है कि उन्हें दादी का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया, जबकि दादी से वह काफी प्यार करती थी.

फोन पर रोजाना उनसे उनके स्वास्थ्य के बारे में बात होती थी. दादी ने ही उन्हें पालपोस कर बड़ा किया हैं. परिवार में पूजा सहित अन्य कामों में उनके द्वारा ही आहुति दी जाती थी. उसी के बाद घर में कोई कार्य होता था, लेकिन जिस तरह से उन्हें दादी का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया.

कुहू का कहना है कि वह दादी की मौत की सूचना पर अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए ही आई हुई थी, लेकिन उसे अंतिम संस्कार करने का अधिकार नहीं दिया गया. कुहू का कहना है कि पिता की आत्महत्या के मामले को लेकर वह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के मंत्रियों के साथ ही कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर चुकी हैं.

वहीं बड़े अधिकारियों से भी मुलाकात कर भय्यू महाराज आत्महत्या मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की. डॉक्टर आयुषी का कहना है कि कुहू तीन सालों से एक भी बार अपनी दादी से मुलाकात करने नहीं आई. वहीं उसकी दादी को किस तरह की बीमारी थी, इसकी भी जानाकरी उसे नहीं हैं.

पिछले दिनों दत्त जयंती पर जब कुहू ने आश्रम पर आकर मीडिया से बात की थी, उस समय भय्यू महाराज की मां कुमुदिनी देशमुख ने मुलाकात करने के लिए घर भी बुलाया था, लेकिन वह मुलाकात करने नहीं आई.

वहीं आयुषी का अंतिम संस्कार करने को लेकर यह कहना है कि भय्यू महाराज की मां कुमुदिनी देशमुख की यह आखरी इक्छा थी कि उनकी बहू ही उनका अंतिम संस्कार करें. साथ ही परिवार के वरिष्ठ सदस्य भी वहां पर मौजूद थे. उनकी अनुमति के बाद ही अंतिम संस्कार किया गया.

आयुषी का कहना है कि भय्यू महाराज की मां कुमुदिनी के निधन की सूचना जैसे ही कुहू को मिली, वह तुरंत आई, लेकिन अंतिम संस्कार होने के बाद वह वापस घर चली गई. इसी के साथ घर से जो मृतक कुमुदिनी देशमुख के चार हजार रुपये रखे हुए थे, वह भी लेकर चले गई.

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करोड़ों रुपये का ट्रस्ट
भय्यू महाराज का ट्रस्ट करोड़ों रुपये का हैं. ट्रस्ट की महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई शहरों में करोड़ों रुपये की जमीन हैं. भय्यू महाराज द्वारा जो ट्रस्ट संचालित किया जाता था, उससे कई तरह के काम किए जाते हैं. देश भर में भय्यू महाराज के अनुयायी हैं. उनकी मौत के बाद भी कई अनुयायी ट्रस्ट के सेवा कार्य से जुड़े हुए हैं.

Last Updated : May 11, 2021, 12:53 PM IST
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