कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने यहां भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराने की 'संवैधानिक अत्यावश्यकता' की निर्वाचन आयोग की दलील पर सवाल उठाने वाली जनहित याचिका (PIL) पर शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की पीठ ने शुक्रवार को मामले में सुनवाई पूरी की और इसपर फैसला सुरक्षित रख लिया.
गौरतलब है कि भवानीपुर सीट के लिए चुनाव 30 सितंबर को तय है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक प्रतिद्वंद्वी है.
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि चुनाव आयोग ने प्रेस नोट में कहा था कि यह फैसला लिया गया है कि भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र पर उपचुनाव कराने का फैसला 'पश्चिम बंगाल राज्य के विशेष आग्रह और संवैधानिक आवश्यकता पर विचार' करते हुए लिए गया है.
उसने दलील दी कि आयोग को ऐसा नहीं करना चाहिए था और इसलिए अदालत को मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.
निर्वाचन आयोग ने अपनी दलील में कहा कि याचिकाकर्ता संवैधानिक आवश्यकता शब्द के अर्थ को गलत तरीके से वर्णित करने की कोशिश कर रहा है और कहा कि इसे मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश के तौर पर नहीं देखा जा सकता है.
यह दावा करते हुए कि भवानीपुर में उपचुनाव कराने के फैसले में राज्य की कोई भूमिका नहीं है और यह निर्वाचन आयोग का एकमात्र अधिकार है, पश्चिम बंगाल सरकार ने 13 सितंबर को अदालत के समक्ष दलील दी थी कि मुख्य सचिव ने केवल आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि उप-चुनाव कराया जाए और आयोग ने अनुरोध स्वीकार कर लिया.
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विधानसभा में पार्टी सुप्रीमो के निर्वाचन को आसान बनाने के लिए टीएमसी विधायक सोभनदेब चट्टोपाध्याय के इस्तीफे के बाद भवानीपुर सीट पर उपचुनाव आवश्यक हो गया था. इस सीट का प्रतिनिधित्व 2011 और 2016 में बनर्जी ने किया था.
(पीटीआई-भाषा)