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भारतीय किसान संघ ने किया वेबसाइट का विस्तार, नया एप भी लॉन्च - वेबसाइट का विस्तार

भारतीय मजदूर संघ और ILO के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ साथ केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री भूपेंदर यादव भी वेबसाइट और एप लॉन्च के मौके पर मौजूद रहे.

भारतीय किसान संघ
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Published : Aug 31, 2021, 9:59 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की श्रमिक इकाई भारतीय मजदूर संघ ने विश्व मजदूर संगठन (ILO) के साथ मिल कर वर्कर्स इन्फॉर्मेशन एंड सपोर्ट सेंटर (WISC) के नाम से एक मुहिम की शुरुआत की है. इसके लिए संगठन ने अपनी वेबसाइट का विस्तार किया है और एक मोबाइल एप भी लॉन्च किया है.

मंगलवार को दिल्ली में भारतीय मजदूर संघ और ILO के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ साथ केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री भूपेंदर यादव भी वेबसाइट और एप लॉन्च के मौके पर मौजूद रहे.

विस्तृत वेबसाइट और एप का मुख्य उद्देश्य सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाना है. लॉन्च के मौके पर भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिरण्मय जे पंड्या ने कहा कि तकनीक का उपयोग यदि मजदूरों के बेहतरी के लिये हो तो यह अच्छी बात है.

देश में असंगठित क्षेत्र में लगभग 40 करोड़ और संगठित क्षेत्र में 4 करोड़ श्रमिक काम करते हैं. ऐसे में सभी तक योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाता. सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है जिससे अलग अलग हिस्सों के लोग एक माध्यम से किसी भी स्थान पर रहते हुए जुड़ सकते हैं.

अभी हाल में ही देश के श्रम मंत्रालय ने भी ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया है, जिसके माध्यम से गैर संगठित क्षेत्र में कार्यरत लोग अपना पंजीकरण करवा सकते हैं. पंजीकरण के बाद उन्हें एक पहचान पत्र भी सरकार की तरफ से जारी किया जाएगा.

पंजीकरण और पहचान पत्र के बाद न केवल सरकार के पास असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की जानकारी होगी, बल्कि मजदूरों को भी योजनाओं का लाभ सीधे मिलना संभव हो सकेगा. अब देश के सभी 744 जिलों में रह रहे श्रमिकों तक सरकार की योजनाएं कैसे पहुंचे इसके लिये मजदूर संगठनों को जमीनी स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है.

देश के सबसे बड़े मजदूर संगठन होने के नाते विश्व मजदूर संगठन ( WLO) की तरफ से WISC का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी भारतीय मजदूर संघ को दी गई है. अन्य लेबर यूनियन की भूमिका भी इसमें महत्वपूर्ण रहेगी.

पढ़ें - अभी भी काबुल में फंसे हैं अमेरिकी नागरिक और डॉग स्कॉयड, बचाने के लिए उठी आवाज

हिरण्मय पंड्या ने आगे बताया कि कोरोना महामारी के दौर ने जब पूरे परिदृश्य को बदल कर रख दिया था. सरकार भी अपने तरफ से तमाम प्रयास कर रहे थे, लेकिन इसके बावजूद श्रमिको के सामने बड़ी समस्याएं थी. ऐसे में भारतीय मजदूर संघ ने हेल्प डेस्क और हेल्पलाइन नंबर जारी कर मदद की. इतना ही नहीं, संघ ने मजदूरों को घर पहुँचने के लिये यातायात, भोजन और जरूरतमंद श्रमिको के बीच राशन वितरण का भी काम किया.

डिजिटल युग में यदि जमीनी स्तर तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाने के लिये ट्रेड यूनियन्स एक साझा मंच (पोर्टल) के इस्तेमाल से मजदूरों को पंजीकृत कराएं और उन्हें जानकारी लेने के लिये प्रेरित करें, तो यह एक बड़ा प्रयास बन सकता है, जिससे श्रमिकों को लाभ जरूर मिल सकेगा.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की श्रमिक इकाई भारतीय मजदूर संघ ने विश्व मजदूर संगठन (ILO) के साथ मिल कर वर्कर्स इन्फॉर्मेशन एंड सपोर्ट सेंटर (WISC) के नाम से एक मुहिम की शुरुआत की है. इसके लिए संगठन ने अपनी वेबसाइट का विस्तार किया है और एक मोबाइल एप भी लॉन्च किया है.

मंगलवार को दिल्ली में भारतीय मजदूर संघ और ILO के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ साथ केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री भूपेंदर यादव भी वेबसाइट और एप लॉन्च के मौके पर मौजूद रहे.

विस्तृत वेबसाइट और एप का मुख्य उद्देश्य सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाना है. लॉन्च के मौके पर भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिरण्मय जे पंड्या ने कहा कि तकनीक का उपयोग यदि मजदूरों के बेहतरी के लिये हो तो यह अच्छी बात है.

देश में असंगठित क्षेत्र में लगभग 40 करोड़ और संगठित क्षेत्र में 4 करोड़ श्रमिक काम करते हैं. ऐसे में सभी तक योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाता. सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है जिससे अलग अलग हिस्सों के लोग एक माध्यम से किसी भी स्थान पर रहते हुए जुड़ सकते हैं.

अभी हाल में ही देश के श्रम मंत्रालय ने भी ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया है, जिसके माध्यम से गैर संगठित क्षेत्र में कार्यरत लोग अपना पंजीकरण करवा सकते हैं. पंजीकरण के बाद उन्हें एक पहचान पत्र भी सरकार की तरफ से जारी किया जाएगा.

पंजीकरण और पहचान पत्र के बाद न केवल सरकार के पास असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की जानकारी होगी, बल्कि मजदूरों को भी योजनाओं का लाभ सीधे मिलना संभव हो सकेगा. अब देश के सभी 744 जिलों में रह रहे श्रमिकों तक सरकार की योजनाएं कैसे पहुंचे इसके लिये मजदूर संगठनों को जमीनी स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है.

देश के सबसे बड़े मजदूर संगठन होने के नाते विश्व मजदूर संगठन ( WLO) की तरफ से WISC का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी भारतीय मजदूर संघ को दी गई है. अन्य लेबर यूनियन की भूमिका भी इसमें महत्वपूर्ण रहेगी.

पढ़ें - अभी भी काबुल में फंसे हैं अमेरिकी नागरिक और डॉग स्कॉयड, बचाने के लिए उठी आवाज

हिरण्मय पंड्या ने आगे बताया कि कोरोना महामारी के दौर ने जब पूरे परिदृश्य को बदल कर रख दिया था. सरकार भी अपने तरफ से तमाम प्रयास कर रहे थे, लेकिन इसके बावजूद श्रमिको के सामने बड़ी समस्याएं थी. ऐसे में भारतीय मजदूर संघ ने हेल्प डेस्क और हेल्पलाइन नंबर जारी कर मदद की. इतना ही नहीं, संघ ने मजदूरों को घर पहुँचने के लिये यातायात, भोजन और जरूरतमंद श्रमिको के बीच राशन वितरण का भी काम किया.

डिजिटल युग में यदि जमीनी स्तर तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाने के लिये ट्रेड यूनियन्स एक साझा मंच (पोर्टल) के इस्तेमाल से मजदूरों को पंजीकृत कराएं और उन्हें जानकारी लेने के लिये प्रेरित करें, तो यह एक बड़ा प्रयास बन सकता है, जिससे श्रमिकों को लाभ जरूर मिल सकेगा.

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