नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विदेश सचिव सैम पित्रोदा ने शुक्रवार को कहा कि भारत के युवाओं को नौकरी की जरूरत है, वे अभी राष्ट्रवाद के विषय में नहीं सोचेंगे.
सैम पित्रोदा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विदेशी सचिव व राहुल गांधी के करीबी सहयोगी हैं.
ईटीवी भारत के साथ हुए एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने भाजपा पर वार किया और कहा कि वर्तमान भाजपा पार्टी रोजगार नहीं लेकर आई.
पित्रोदा ने कहा कि 2014 के चुनावों में भाजपा ने 10 लाख नौकरियां देने के वादे किए. लेकिन आज कोई नौकरी नहीं है. युवाओं को रोजगार चाहिए, देश का युवा ऐसी स्थति में राष्ट्रवाद की खोज में नहीं है उन्हें रोजगार चाहिए. इसलिए यह ज्यादा जरूरी है.
उन्होंने आगे कहा कि "बीजेपी की दिखावे की जो रणनीति है, उसने किसानों और व्यापारियों सहित बहुत लोगों को प्रभावित किया है. "
कईं ऐसे किसान हैं जो 5 सालों से संकट की स्थति झेल रहे हैं. भाजपा ने कईं वादे किए. लेकिन असल में उनके पास दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है.
डिजिटलाइजेशन के मुद्दे पर भाजपा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस डिजिटल प्लेटफॉर्म लेकर आई. हमने ऑप्टिक फाइबर केबिल की मदद से ग्राम पंचायतों को पूरे भारत से जोड़ने के लिए कईं योजनाएं बनाई.
पढ़ें: पाकिस्तान के मंत्री ने कोहिनूर लौटाने की ब्रिटेन से की मांग
कांग्रेस पार्टी आधार लेकर आई और साथ ही डिजिटल तरीकों से लेन देन को भी पार्टी ने बढ़ावा दिया.
कांग्रेस पार्टी की प्रशंसा करते हुए पित्रोदा ने कहा कि राहुल गांधी एक युवा और जुझारू नेता हैं.
पित्रोदा ने प्रधानमंत्री पर शिकंजा कसते हुए कहा " आपको एक अच्छा वक्ता बनने की जरूरत नहीं है. न ही आपको अच्छा दिखने के लिए झूठ बोलने की जरूरत है."
प्रियंका गांधी की राजनीति में हुई एंट्री से पित्रोदा ने कहा, राहुल और प्रियंका दोनों की टीम बहुत अच्छी है. क्योंकि दोनो एक दूसरे को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं.
कांग्रेस की न्याय स्कीम के फैसले की तारीफ करते हुए पित्रोदा ने कहा, न्याय एक सामान्य स्कीम है, यदि पार्टी आती है तो तकरीबन 5 लाख लोगों को 72000 रुपए मिलेंगे.
पित्रोदा ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था राजीव गांधी के समय से बढ़ी है. उन्होंने कहा कि हमने कभी भी कुछ चीजों की सही तरीके से प्रयोग नहीं किया जैसे कि निजीकरण एक्ट.
बता दें कि सैम पित्रोदा पीआईआई पर राजीव गांधी के पुराने सलाहकार रहे हैं. पित्रोदा ने 6 तकनीकी मिशन पर भी काम किया है जो कि साक्षरता, डेयरी उत्पाद, समेत पानी व दूरसंचार से संबंधित हैं.
उन्होंने ही दूरसंचार आयोग की खोज की थी और वे इस आयोग के पहले अध्यक्ष भी रहे हैं.