ETV Bharat / bharat

पुलवामा के नौजवान ने खेती को बनाया रोजगार, स्थानीय लोगों को भी हो रही है आमदनी

एक ओर जहां भारत के युवाओं में बेरोजगारी बढ़ने की चर्चा हो रही है, तो दूसरी ओर जम्मू कश्मीर का एक युवा अपने साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार मुहैया करा रहा है. ये कहानी है पुलवामा निवासी जावेद अहमद बट की. जावेद देश भर के युवाओं की प्रेरणा बन सकते हैं. जानिए उनकी कहानी.

जावेद अहमद बट
author img

By

Published : May 17, 2019, 8:50 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में रहने वाले जावेद अहमद बट ने पढ़ाई के बाद नौकरी की तलाश नहीं की. उन्होंने खुद अपना व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया.

अपने इस फैसले के बाद वो स्थानीय लोगों के लिए भी रोजगार पैदा कर रहे हैं. जावेद का कहना है कि सरकारी नौकरी से अधिक आय खेती बाड़ी करने में होती है.

पुलावमा में जावेद अहमद बट की कामयाबी पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

खेती के इस पेशे में जावेद के माता-पिता भी उनका साथ दे रहे हैं. इस काम में जावेद दूसरे लोगों को भी रोजगार के अवसर मुहैया करा रहे हैं.

शुरुआत में जावेद ने पुलवामा के बानपुरा वन स्थित अपने पिता की जमीन पर सब्जियां उगाना शुरू कीं. वो जमीन के अलग-अलग हिस्से पर कई तरह की सब्जियां उगाते हैं.

जावेद को बाजार में फसल की अच्छी कीमत भी मिलती है. उनका कहना है कि अगर नौजवानों के पास जमीन है तो वो नौकरी की आस छोड़ खेती कर सकते हैं.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर से भी है रामायण काल का संबंध, पर्यटन का केंद्र बन सकता है ऐतिहासिक महल

बकौल जावेद खेती में युवाओं के अपने मुताबिक काम करने का विकल्प मिलता है. उन्होंने कहा कि केमिकल से बनी खाद की बजाए घरेलू खाद का उपयोग करना चाहिए.

जावेद बताते हैं कि केमिकल खाद का प्रयोग न करने से फसल भी बेहतर तैयार होती है. इसका कोई साईड इफेक्ट भी नहीं होता.

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में रहने वाले जावेद अहमद बट ने पढ़ाई के बाद नौकरी की तलाश नहीं की. उन्होंने खुद अपना व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया.

अपने इस फैसले के बाद वो स्थानीय लोगों के लिए भी रोजगार पैदा कर रहे हैं. जावेद का कहना है कि सरकारी नौकरी से अधिक आय खेती बाड़ी करने में होती है.

पुलावमा में जावेद अहमद बट की कामयाबी पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

खेती के इस पेशे में जावेद के माता-पिता भी उनका साथ दे रहे हैं. इस काम में जावेद दूसरे लोगों को भी रोजगार के अवसर मुहैया करा रहे हैं.

शुरुआत में जावेद ने पुलवामा के बानपुरा वन स्थित अपने पिता की जमीन पर सब्जियां उगाना शुरू कीं. वो जमीन के अलग-अलग हिस्से पर कई तरह की सब्जियां उगाते हैं.

जावेद को बाजार में फसल की अच्छी कीमत भी मिलती है. उनका कहना है कि अगर नौजवानों के पास जमीन है तो वो नौकरी की आस छोड़ खेती कर सकते हैं.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर से भी है रामायण काल का संबंध, पर्यटन का केंद्र बन सकता है ऐतिहासिक महल

बकौल जावेद खेती में युवाओं के अपने मुताबिक काम करने का विकल्प मिलता है. उन्होंने कहा कि केमिकल से बनी खाद की बजाए घरेलू खाद का उपयोग करना चाहिए.

जावेद बताते हैं कि केमिकल खाद का प्रयोग न करने से फसल भी बेहतर तैयार होती है. इसका कोई साईड इफेक्ट भी नहीं होता.

RESTRICTION SUMMARY: AP CLIENTS ONLY  
SHOTLIST:
ASSOCIATED PRESS - AP CLIENTS ONLY  
Yangon - 7 May 2019
1. Released Reuters journalists Wa Lone (left) and Kyaw Soe Oo walking, waving
2. Wa Lone walking
3. Media scrum
4. Freed journalists behind media scrum
5. SOUNDBITE (Burmese) Wa Lone, released Reuters journalist:  
"I would like to thank those who helped us while staying inside, to all my family members, friends and coworkers who supported us to be released and people around the world who were kind to us."
6. Journalists leaving among media scrum
7. Photographers taking pictures of car
8. Car carrying Wa Lone and Kyaw Soe Oo leaving
STORYLINE:
Two Reuters journalists sentenced to seven years in jail for breaking Myanmar's Official Secrets Act were freed on Tuesday.
Wa Lone and Kyaw Soe Oo were released after Myanmar's President Win Myint issued a blanket pardon for 6,520 prisoners.
At the time of their arrest, the men were working on a report about a massacre of Rohingya Muslim men by security forces in a village in northern Rakhine state.
Wa Lone and Kyaw Soe Oo last month shared with their colleagues the Pulitzer Prize for international reporting, one of journalism's highest honours.
===========================================================
Clients are reminded:
(i) to check the terms of their licence agreements for use of content outside news programming and that further advice and assistance can be obtained from the AP Archive on: Tel +44 (0) 20 7482 7482 Email: info@aparchive.com
(ii) they should check with the applicable collecting society in their Territory regarding the clearance of any sound recording or performance included within the AP Television News service
(iii) they have editorial responsibility for the use of all and any content included within the AP Television News service and for libel, privacy, compliance and third party rights applicable to their Territory.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.