नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार की अपील को खारिज कर दिया. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत डॉ. कफील खान की नजरबंदी को खारिज कर दिया था. खान ने एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उन्हें राज्य चिकित्सा सेवाओं में फिर से नौकरी वापस देने का आग्रह किया है.
असली दोषियों को बचा रही सरकार
गोरखपुर के बाल रोग विशेषज्ञ ने ईटीवी भारत से विशेष रूप से बात करते हुए कहा कि बीआरडी ऑक्सीजन त्रासदी के पीछे के असली दोषियों को गिरफ्तार करने की बजाय यूपी सरकार उन्हें बचा रही है. यहां तक कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने आदेशों में मेरे खिलाफ लापरवाही के आरोपों को खारिज कर दिया था. राज्य सरकार की जांच रिपोर्ट में भी यह कहा गया है कि मेरी तरफ से कोई चिकित्सकीय लापरवाही नहीं पाई गई. उन्होंने आगे कहा कि देश भर में एक कथा का प्रचार किया जा रहा है कि सभी समस्याएं, चाहे वह अर्थव्यवस्था हो या कोई अन्य मुद्दा, एक विशेष धर्म के कारण है. डॉ. कफील उस समुदाय का एक चेहरा है और मुझे प्रताड़ित करके वे एक संदेश भेजना चाहते हैं कि किसी को भी इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ कफील खान को 2017 में चिकित्सा लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. ऑक्सीजन की कमी के कारण 63 बच्चों की अस्पताल में मौत हो गई थी.
देश की सेवा करना चाहता हूं
इसके बाद, उन्हें 29 जनवरी को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से भड़काऊ भाषण करने के लिए गिरफ्तार किया गया था और मथुरा जिला जेल में रखा गया था. सितंबर की शुरुआत में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा एनएसए के तहत हिरासत को रद्द करने के बाद डॉ. खान जेल से बाहर आए. डॉ. खान ने कहा कि मैं एक डॉक्टर हूं और मैं कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहता...जो कुछ भी हुआ... ईटीवी भारत के माध्यम से मैं माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराज से आग्रह करना चाहता हूं कि कृपया मुझे नौकरी वापस दिला दें. कोरोना वायरस महामारी के समय में मैं देश की सेवा करना चाहता हूं और बीमार बच्चों का इलाज करना चाहता हूं.
कांग्रेस में शामिल होने की कोई योजना नहीं
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ उनकी हाल की बैठक के बारे में पूछे जाने पर खान ने कहा कि मैं डॉक्टर हूं. मेरी कांग्रेस में शामिल होने की कोई योजना नहीं है. प्रियंका गांधी ने मानवीय आधार पर मेरी मदद की थी. मथुरा जेल से बाहर आने पर मुझे राजस्थान के भरतपुर आने का प्रस्ताव दिया. डॉ. कफील खान ने कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है, जिसके कारण वह गोरखपुर नहीं जा रहे हैं. वह अपने गृहनगर में असुरक्षित महसूस करते हैं. कफील ने कहा कि मैंने गोरखपुर के डीएम और एसएसपी को पत्र लिखा है और अगर सरकार सुरक्षा मुहैया नहीं कराएगी, तो हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.