ETV Bharat / bharat

एक मंदिर ऐसा भी, जहां हर रोज गांधी की होती है पूजा

इस साल महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती मनाई जा रही है. इस अवसर पर ईटीवी भारत दो अक्टूबर तक हर दिन उनके जीवन से जुड़े अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा कर रहा है. हम हर दिन एक विशेषज्ञ से उनकी राय शामिल कर रहे हैं. साथ ही प्रतिदिन उनके जीवन से जुड़े रोचक तथ्यों की प्रस्तुति दे रहे हैं. प्रस्तुत है आज 12वीं कड़ी.

ओडिशा में गांधी का मंदिर
author img

By

Published : Aug 27, 2019, 7:03 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 10:17 AM IST

भुवनेश्वर : शायद आपको यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन यह सच है. ओडिशा के संबलपुर जिले में एक मंदिर है. यहां किसी देवी-देवता की मूर्ति नहीं, बल्कि गांधी की प्रतिमा स्थापित की गई है. लोग यहां हर दिन आते हैं और उनकी पूजा करते हैं.

गांधी मूर्ति की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है. घंटा बजाया जाता है. पंडित आते हैं. वो मंत्र का उच्चारण करते हैं. और लोग भजन गाते हैं.

लेकिन मंदिर में आने वाले लोग भक्त नहीं होते हैं, बल्कि आम ग्रामीण हैं. यहां सभी धर्मों के लोग आते हैं. जाति और लिंग का कोई भेद नहीं होता है.

इस मंदिर के पुजारी भी गैर ब्राह्मण हैं. मंदिर के द्वार पर बड़ा सा अशोक स्तंभ लगा हुआ है.

आप देख सकते हैं कि मंदिर में अलग-अलग धर्मों के प्रतीक चिन्ह लगे हुए हैं. आजादी के आंदोलन में अपना सबकुछ लुटाने वाले वीर सपूतों की तस्वीरें लगी हुई हैं.

महात्मा गांधी के मंदिर पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इस मंदिर की स्थापना अभिमन्यु कुमार ने की थी. वह ओडिशा के रैराखोल विधानसभा के पूर्व विधायक रह चुके हैं.

ये भी पढ़ें: साबरमती से लेकर संगम तक गांधी की यादें संजोए है इलाहाबाद संग्रहालय

उन्होंने 1972 में इस मंदिर को बनवाना शुरू किया था. 1974 में यह कार्य पूरा हुआ. ओडिशा के तत्कालीन सीएम नंदिनी सत्पति ने इसका उद्घाटन किया था.

यह मंदिर धर्मनिरपेक्षता और भाईचारा का संदेश देता हुआ लोगों को प्रेरित करता रहता है.

भुवनेश्वर : शायद आपको यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन यह सच है. ओडिशा के संबलपुर जिले में एक मंदिर है. यहां किसी देवी-देवता की मूर्ति नहीं, बल्कि गांधी की प्रतिमा स्थापित की गई है. लोग यहां हर दिन आते हैं और उनकी पूजा करते हैं.

गांधी मूर्ति की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है. घंटा बजाया जाता है. पंडित आते हैं. वो मंत्र का उच्चारण करते हैं. और लोग भजन गाते हैं.

लेकिन मंदिर में आने वाले लोग भक्त नहीं होते हैं, बल्कि आम ग्रामीण हैं. यहां सभी धर्मों के लोग आते हैं. जाति और लिंग का कोई भेद नहीं होता है.

इस मंदिर के पुजारी भी गैर ब्राह्मण हैं. मंदिर के द्वार पर बड़ा सा अशोक स्तंभ लगा हुआ है.

आप देख सकते हैं कि मंदिर में अलग-अलग धर्मों के प्रतीक चिन्ह लगे हुए हैं. आजादी के आंदोलन में अपना सबकुछ लुटाने वाले वीर सपूतों की तस्वीरें लगी हुई हैं.

महात्मा गांधी के मंदिर पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इस मंदिर की स्थापना अभिमन्यु कुमार ने की थी. वह ओडिशा के रैराखोल विधानसभा के पूर्व विधायक रह चुके हैं.

ये भी पढ़ें: साबरमती से लेकर संगम तक गांधी की यादें संजोए है इलाहाबाद संग्रहालय

उन्होंने 1972 में इस मंदिर को बनवाना शुरू किया था. 1974 में यह कार्य पूरा हुआ. ओडिशा के तत्कालीन सीएम नंदिनी सत्पति ने इसका उद्घाटन किया था.

यह मंदिर धर्मनिरपेक्षता और भाईचारा का संदेश देता हुआ लोगों को प्रेरित करता रहता है.

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Sep 28, 2019, 10:17 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.