हैदराबाद : विश्व दूरसंचार दिवस हर साल 17 मई को मनाया जाता है. इस साल विश्व दूरसंचार दिवस की 51वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. इसका 1969 में पहली बार आयोजन शुरू किया गया था. आज के दिन दुनिया में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की भूमिकाओं और विकास का आकलन किया जाता है.
इसी दिन को अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) की वर्षगांठ भी मनाई जाती है. दरअसल इसके पीछे कारण यह है कि पहली बार 2005 में दुनिया की सरकारों ने 17 मई को विश्व सूचना समाज दिवस के रूप में घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में सूचना सोसाइटी पर एक बैठक की थी. विशेष रूप से, यह दिन आधुनिक दुनिया में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) की भूमिका पर जोर डालता है. सूचना सोसायटी से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इसे एक दिवस के तौर पर घोषित किया गया.
गत वर्ष और इस वर्ष का थीम
2017 : 'बिग डेटा बिग इम्पैक्ट' था.
2018 : 'सभी के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के सकारात्मक उपयोग को सक्षम करना' था.
2019 : विकास के लिए डेटा की शक्ति पर केंद्रित 'मानकीकरण अंतर को पाटने' का उद्देश्य था और विकास को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए जटिल और असंरचित डेटा को उपयोग योग्य जानकारी में कैसे पता लगाया जाए.
2020 : कनेक्ट 2030- सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लिए आईसीटी.
कनेक्ट 2030: सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लिए आईसीटी थीम
कनेक्ट 2030 : सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लिए आईसीटी टिकाऊ विकास के लिए जोर देता है. आईसीटी आर्थिक, पर्यावरण और सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सक्षम समाधानों और उभरते रुझानों पर ध्यान केंद्रित करेगा. कनेक्ट 2030 एजेंडा दूरसंचार/आईसीटी क्षेत्र के विकास के लिए एक साझा वैश्विक दृष्टि है.
इसके पांच रणनीतिक लक्ष्यों के तहत - विकास, समावेश, स्थायित्व, सृजनशीलता और साझेदारी है. स्थायी विकास लक्ष्य मानता हैं कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के प्रसार से मानव प्रगति में वैश्विक अंतर्संबंधों को तेजी लाने की क्षमता है.
पृष्ठभूमि
विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस (डब्ल्यूटीआईएसडी) का उद्देश्य उन संभावनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करना है जो इंटरनेट और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों (आईसीटी) के उपयोग से समाज तथा अर्थव्यवस्थाओं के लिए डिजिटल दूरी को पाटने का तरीका हो सकता है.
17 मई पहले अंतरराष्ट्रीय टेलीग्राफ कन्वेंशन के हस्ताक्षर और अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) के निर्माण की वर्षगांठ का प्रतीक है.
इतिहास
विश्व दूरसंचार दिवस (आईटीयू)1969
विश्व दूरसंचार दिवस 1969 से 17 मई को प्रतिवर्ष मनाया जाता है. आईटीयू की स्थापना और 1865 में पहले अंतर्राष्ट्रीय टेलीग्राफ कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए गए. इसे 1973 में मलगा-तोरेमोलिनोस में प्लेनिपोटेंटियरी सम्मेलन द्वारा 46 संकल्प के रूप में स्थापित किया गया था.
विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस नवंबर 2006 में अंटाल्या, तुर्की में आईटीयू प्लेनिपोटेंटरी सम्मेलन ने 17 मई को दोनों को विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया. नए संकल्प जोड़ते हुए 68 सदस्य राज्यों और क्षेत्र के सदस्यों ने प्रतिवर्ष राष्ट्रीय कार्यक्रम के आयोजन के लिए घोषणा की गई.
परिषद द्वारा इस दिवस पर विचारों का आदान-प्रदान करने की नीति अपनाई गई. समाज में सभी भागीदारों के साथ विषय के विभिन्न पहलुओं पर बहस करना है.
दूरसंचार उद्योग कोविड-19 के साथ कैसे मुकाबला कर रहा?
वर्तमान में कोविड महामारी कई मायनों में दूरसंचार/आईसीटी उद्योग का परीक्षण कर रही है. ट्रैफिक की बढ़ती मांग ने उद्योग को उस समय लोगों के लिए उपलब्ध सेवाओं को रखने के उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित किया है, जब उन्हें उनकी सबसे अधिक आवश्यकता है. ऑपरेटरों ने डेटा और ब्रॉडबैंड की गति में वृद्धि की है और अपनी नेटवर्क क्षमता को बढ़ाया है. ढेर सारे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने आवश्यक ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए अपने वीडियो की गुणवत्ता में कमी की है.
2020 में कनेक्टिविटी और तकनीक उद्योग को प्रभावित कर रहा कोरोना वायरस
कोरोना वायरस महामारी का सबसे स्पष्ट और सबसे तत्काल प्रभाव व्यावसायिक आपूर्ति में व्यवधान डालता है. कोरोना वायरस के फैलने से सबसे महत्वपूर्ण तकनीकी सम्मेलनों को रद कर दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप कई छूटे हुए साझेदारी के अवसरों की संभावना थी.
कोरोनो वायरस महामारी के बीच दूरदराज इलाकों में सम्पर्क के लिए 5जी तकनीक की आवश्यकता को दर्शाता है. संभवतः दीर्घकालिक योजना में तेजी लाए. कोरोना वायरस उद्यमों में आभासी वास्तविकता (वर्चुअल रियलिटी) के लिए उपयोगी साबित होगा. इससे प्रौद्योगिकी का विकास बढ़ेगा. स्मार्ट सिटी समाधानों में निवेश बढ़ेगा क्योंकि तकनीक संकट प्रबंधन में एक मूल्यवान उपकरण साबित हुई है.
लॉकडाउन प्रतिबंधों का प्रभाव
इस परिदृश्य में और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन मई को राष्ट्रीय तालाबंदी के विस्तार के घोषणा के साथ दूरसंचार एक जीवन रेखा के रूप में उभरा है. बैंकों, आवश्यक सामग्री, ई-कॉमर्स और अन्य अपरिहार्य सार्वजनिक सेवाओं को चालू रखने के लिए दुनिया इस पर निर्भर है.
हार्डवेयर और अन्य प्रणालियों के विनिर्माण पर प्रभाव
रिपोर्टों के अनुसार हैंडसेट और नेटवर्क उपकरण उत्पादन में वैश्विक संकट के कारण कच्चे माल की आपूर्ति शृंखला में रुकावट डाला है. इससे लागत बढ़ेगी और उपलब्धता की कमी होगी. गृह मंत्रालय द्वारा एक मई, 2020 के आदेश के तहत आईटी के हार्डवेयर का निर्माण किया जाएगा, यहां तक कि अनुमति रेड जोन में भी दी गई है. हालांकि, इस तरह की कोई गतिविधियां कंटोनमेंट क्षेत्र में नहीं की जा सकती हैं. उद्योग निकाय इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के अनुसार उत्पादन के निलंबन के कारण लगभग 15,000 करोड़ रुपए की हानि उठा सकते हैं. विश्लेषकों विनिर्माण क्षेत्र पर बोझ को कम करने के लिए वित्तीय सहायता में करों और लेवी की लागतों में ढील देने की सिफारिश की है. इसका दूरसंचार उद्योग पर प्रभाव पड़ेगा.