करसोग/शिमला : हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में मकर संक्रांति के मौके पर प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थल तत्तापानी में पर्यटन विभाग ने एक बड़े बर्तन में 1995 किलो खिचड़ी पकाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है. यह रिकॉर्ड जिला मंडी के उपमंडल करसोग में बनाया गया.
शुद्ध देसी घी में पकने वाली खिचड़ी का प्रसाद हजारों लोगों में बांटा गया. श्रद्धालुओं ने तत्तापानी में सतलुज में पवित्र डुबकी लगाई जिसके बाद उन्हें खिचड़ी परोसी गई.
इसी बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि तत्तापानी में बने विश्व कीर्तिमान से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
बता दें कि हरियाणा की मशहूर मार्केट जगाधरी से लाए गए पतीले की ऊंचाई 4 फीट थी और चौड़ाई सवा सात फीट थी और15 कारीगरों ने पांच घंटे में खिचड़ी बनाने का काम पूरा किया. खिचड़ी बनाने में 405 किलो चावल, 190 किलो दाल, 90 किलो घी, 55 किलो मसाले व 1100 लीटर पानी का प्रयोग किया गया.
उन्होंने कहा कि ये प्रदेश के लिए बहुत गर्व की बात है.
इस दौरान सबसे दिलचस्प बात यह रही कि खिचड़ी का पात्र इतना भारी था कि उसे उठाने और टेढ़ा करने के लिए क्रेन का सहारा लेना पड़ा.
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वहीं शिमला की काउंसलर किम्मी सूद ने बताया कि तत्तापानी में श्रद्धालुओं को खिचड़ी परोसने की परंपरा उनके रिश्तेदारों ने 1926 में शुरू की थी.
मुख्य शेफ एन एल शर्मा ने कहा कि पर्यटन विभाग की ओर से तत्तापानी में खिचड़ी मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही. उन्होंने बताया कि खिचड़ी का वजन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधि ऋषि नाथ ने बताया कि तत्तापानी में बनी खिचड़ी ने वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है.
आपको बता दें, इससे पहले यह कीर्तिमान मशहूर शेफ संजीव कपूर के नाम था. अब यह परंपरा दुर्गा देवी बिहारी लाल विरोचन लाल न्यास द्वारा आगे बढ़ाई जा रही है.