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विश्व प्रसिद्ध हम्पी में हैं भगवान गणेश की पौराणिक मूर्तियां

यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित कर्नाटक स्थित हम्पी दक्षिण भारत के चुनिंदा ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों में गिना जाता है. विश्व ख्याति प्राप्त हम्पी में भगवान गणेश की दो मूर्तियां हैं जिसकी मान्यता बहुत है. यह दोनों मूर्तियां लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं.

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विश्व प्रसिद्ध हम्पी
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Published : Aug 22, 2020, 5:08 PM IST

बेंगलुरु : हम्पी आंध्र प्रदेश की सीमा के पास मध्य कर्नाटक के पूर्वी हिस्से में तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित है. यह मध्यकालीन हिंदू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी. इसे यूनेस्को के विश्व के विरासत स्थलों में शामिल किया गया है.

विश्व प्रसिद्ध हम्पी

हम्पी में कई आकर्षक मूर्तियां हैं और विरुपाक्ष मंदिर को यहां का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है, जो तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण केंद्र है. इसके अलावा यहां स्थित भगवान गणेश की दो मूर्तियां भी लोगों को हम्पी आने के लिए आकर्षित करती हैं.

प्रसिद्ध गणेश प्रतिमाओं में से एक ससीवे कालू गणपति, जिसका मतलब सरसों के बीज से बने गणपति, यहां स्थित हैं. भगवान गणेश की यह प्रतिमा लगभग आठ फीट ऊंची है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान गणपति का पेट सरसों के बीज के आकार का है इसीलिए इसका नाम ससीवे कालू गणपति है. कथाओं के अनुसार, इस मूर्ति को सरसों के बीज बेचकर कमाए गए पैसों से बनाया गया था.

क्या कहता है इतिहास
कहा जाता है कि एक सरसों विक्रेता हम्पी आया था और उसने यहां पर सरसों के बीज बेचाना शुरू किया जिससे उसे काफी मुनाफा होने लगा. उसने प्रसन्न होकर भगवान गणेश की एक प्रतिमा बनाई और उसे ससीवे कालू गणपति का नाम दिया.

प्रतिमा का बायां हाथ और सूंड टूटे हुए हैं और प्रतिमा के पेट पर एक सांप बंधा हुआ है. कहते हैं कि भगवान गणेश बहुत अधिक खाते थे इसलिए उनके पेट पर सांप बांध दिया गया जिससे उनका पेट फट न जाए.

प्रसिद्ध गणेश प्रतिमाओं में से दूसरी है, कदले कालू गणपति की प्रतिमा, जो चना दाल को बेचकर कमाए गए मुनाफे से बनाई गई थी. इसे भी एक विक्रेता द्वारा निर्मित किया गया था, जो चना दाल बेचने के लिए हम्पी आया था.

हम्पी निसंदेह कर्नाटक के सबसे शानदार पर्यटन स्थलों में से एक है. यहां मंदिर, महल, तहखाने, जल-खंडहर, पुराने बाजार, शाही मंडप, गढ़, चबूतरे, राजकोष आदि असंख्य इमारतें हैं.

बेंगलुरु : हम्पी आंध्र प्रदेश की सीमा के पास मध्य कर्नाटक के पूर्वी हिस्से में तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित है. यह मध्यकालीन हिंदू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी. इसे यूनेस्को के विश्व के विरासत स्थलों में शामिल किया गया है.

विश्व प्रसिद्ध हम्पी

हम्पी में कई आकर्षक मूर्तियां हैं और विरुपाक्ष मंदिर को यहां का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है, जो तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण केंद्र है. इसके अलावा यहां स्थित भगवान गणेश की दो मूर्तियां भी लोगों को हम्पी आने के लिए आकर्षित करती हैं.

प्रसिद्ध गणेश प्रतिमाओं में से एक ससीवे कालू गणपति, जिसका मतलब सरसों के बीज से बने गणपति, यहां स्थित हैं. भगवान गणेश की यह प्रतिमा लगभग आठ फीट ऊंची है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान गणपति का पेट सरसों के बीज के आकार का है इसीलिए इसका नाम ससीवे कालू गणपति है. कथाओं के अनुसार, इस मूर्ति को सरसों के बीज बेचकर कमाए गए पैसों से बनाया गया था.

क्या कहता है इतिहास
कहा जाता है कि एक सरसों विक्रेता हम्पी आया था और उसने यहां पर सरसों के बीज बेचाना शुरू किया जिससे उसे काफी मुनाफा होने लगा. उसने प्रसन्न होकर भगवान गणेश की एक प्रतिमा बनाई और उसे ससीवे कालू गणपति का नाम दिया.

प्रतिमा का बायां हाथ और सूंड टूटे हुए हैं और प्रतिमा के पेट पर एक सांप बंधा हुआ है. कहते हैं कि भगवान गणेश बहुत अधिक खाते थे इसलिए उनके पेट पर सांप बांध दिया गया जिससे उनका पेट फट न जाए.

प्रसिद्ध गणेश प्रतिमाओं में से दूसरी है, कदले कालू गणपति की प्रतिमा, जो चना दाल को बेचकर कमाए गए मुनाफे से बनाई गई थी. इसे भी एक विक्रेता द्वारा निर्मित किया गया था, जो चना दाल बेचने के लिए हम्पी आया था.

हम्पी निसंदेह कर्नाटक के सबसे शानदार पर्यटन स्थलों में से एक है. यहां मंदिर, महल, तहखाने, जल-खंडहर, पुराने बाजार, शाही मंडप, गढ़, चबूतरे, राजकोष आदि असंख्य इमारतें हैं.

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