नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस की जांच में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए पहला वर्किंग टेस्ट किट तैयार किया जा चुका है. पुणे की एक महिला वायरोलॉजिस्ट मीनल दखावे भोसले ने अपने बच्चे को जन्म देने के महज चार घंटे पहले तक लगातार काम करके इस किट को तैयार किया है.
गौरतलब है कि भारत में निर्मित यह कोरोना वायरस टेस्टिंग किट बाजार तक पहुंच गया है. इसके साथ ही अब कोविड-19 के मामलों की जांच में दिक्कतें नहीं आएंगी और उनकी पुष्टि जल्दी हो सकेगी.
आपको बता दें कि पुणे की मायलैब डिस्कवरी भारत की पहली ऐसी फर्म है, जिसे टेस्टिंग किट तैयार करने और इसे बेचने की अनुमति प्राप्त हुई है. इसके साथ ही मीनल दखावे भोसले नाम की इस महिला ने प्रसव के चंद घंटो पहले तक लगातार काम करके इसे तैयार किया है.
गौरतलब है कि मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित की गई इस किट को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा अनुमोदित किया गया है. इससे 100 रोगियों का परीक्षण किया जा सकता है.
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ऐसी अनुमति पाने वाली यह देश की पहली कंपनी है. कंपनी ने एक बयान में बताया कि कोरोना वायरस की जांच करने वाली उसकी मायलैब पैथोडिटेक्ट कोविड-19 क्वॉलिटेटिव पीसीआर किट को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएसको) से वाणिज्यिक उत्पादन की अनुमति मिल गई है.
इससे पहले कंपनी के प्रबंध निदेशक हसमुख रावल ने कहा, 'स्थानीय और केंद सरकार से मिले सहयोग और ‘मेक इन इंडिया पर जोर देते हुए उसने कोविड-19 की जांच के लिए एक किट तैयार की है.
इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) के दिशानिर्देशों के अनुरूप विकसित किया गया है.
उन्होंने कहा- इसे रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया है. कंपनी ने कहा कि कोरोना वायरस की जांच किट को स्थानीय स्तर पर बनाने से इसकी मौजूदा लागत घटकर एक चौथाई रह जाएगी.