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मुंबई : भगवान बनकर आए डॉक्टर, घर पर करवाई महिला की डिलीवरी

एक गर्भवती महिला को हल्का बुखार होने के कारण प्रसव पीड़ा होने पर भी सरकारी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. इस घटना की सूचना जब एक क्लीनिक चलाने वाले एक डॉक्टर को मिली, तो उसने महिला के घर जाकर उसकी डिलवरी करवाई.

women deliver baby in  home
घर पर हुई महिला की डिलीवरी
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Published : Jun 10, 2020, 1:45 AM IST

मुंबई: मुंबई के चंदवली में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने के बाद भी उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया . दरअसल, महिला को हल्का बुखार था और कोरोना के डर के कारण नगरपालिका अस्पताल ने उसे भर्ती करने से इंकार कर दिया.

इस घटना की सूचना जब एक क्लीनिक चलाने वाले एक डॉक्टर को मिली, तो उसने महिला के घर जाकर उसकी डिलीवरी करवाई. हालांकि यह घटना किसी फिल्म की तरह लग सकती है, लेकिन मुंबई के चंदवली में एक ऐसी ही घटना घटी है. समय पर बचाव में आए डॉ. रवींद्र मश्के की हर जगह सराहना हो रही है.

निजी अस्पताल के लिए नही थे पैसे

बता दें कि गर्भवती महिला पूजा दत्तात्रेय को नगर निगम के मुक्ताबाई अस्पताल में ले जाया गया, जहां अस्पताल ने उसे बुखार के कारण भर्ती करने से मना कर दिया इसके बाद . तेज हवाओं और चक्रवात के बीच महिला को नगर पालिका के राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया. राजावाड़ी अस्पताल में बताया गया कि वहां कोई बेड नहीं है. महिला को निजी अस्पताल में ले जाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये का खर्च आ रहा था. एक तरफ उन्हें नगरपालिका अस्पतालों में भर्ती नहीं किया जा रहा था, जबकि दूसरी तरफ निजी अस्पतालों से लाखों के बिल की मांग की जा रही थी. पैसे की कमी के कारण महिला को घर वापस लाया गया.

पढ़े: शेरों ने रोका गर्भवती महिला को लेकर जा रही एंबुलेंस का रास्ता

जैसे ही निजी अस्पताल के डाक्टर को महिला के साथ हुई घटना की जानकारी मिली तो डाक्टर रवींद्र मश्के ने महिला के घर जाकर डिलीवरी करवाई. बता दें रवींद्र मश्के उसी विभाग में डाक्टर है.डॉ. रवींद्र मश्के के काम की हर जगह सराहना हो रही है.

मुंबई: मुंबई के चंदवली में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने के बाद भी उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया . दरअसल, महिला को हल्का बुखार था और कोरोना के डर के कारण नगरपालिका अस्पताल ने उसे भर्ती करने से इंकार कर दिया.

इस घटना की सूचना जब एक क्लीनिक चलाने वाले एक डॉक्टर को मिली, तो उसने महिला के घर जाकर उसकी डिलीवरी करवाई. हालांकि यह घटना किसी फिल्म की तरह लग सकती है, लेकिन मुंबई के चंदवली में एक ऐसी ही घटना घटी है. समय पर बचाव में आए डॉ. रवींद्र मश्के की हर जगह सराहना हो रही है.

निजी अस्पताल के लिए नही थे पैसे

बता दें कि गर्भवती महिला पूजा दत्तात्रेय को नगर निगम के मुक्ताबाई अस्पताल में ले जाया गया, जहां अस्पताल ने उसे बुखार के कारण भर्ती करने से मना कर दिया इसके बाद . तेज हवाओं और चक्रवात के बीच महिला को नगर पालिका के राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया. राजावाड़ी अस्पताल में बताया गया कि वहां कोई बेड नहीं है. महिला को निजी अस्पताल में ले जाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये का खर्च आ रहा था. एक तरफ उन्हें नगरपालिका अस्पतालों में भर्ती नहीं किया जा रहा था, जबकि दूसरी तरफ निजी अस्पतालों से लाखों के बिल की मांग की जा रही थी. पैसे की कमी के कारण महिला को घर वापस लाया गया.

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जैसे ही निजी अस्पताल के डाक्टर को महिला के साथ हुई घटना की जानकारी मिली तो डाक्टर रवींद्र मश्के ने महिला के घर जाकर डिलीवरी करवाई. बता दें रवींद्र मश्के उसी विभाग में डाक्टर है.डॉ. रवींद्र मश्के के काम की हर जगह सराहना हो रही है.

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