नई दिल्ली : भारत-चीन सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच सेना के पीछे हटने की कोशिशों के बावजूद सभी स्थापित तंत्र लगताार बढ़ते संघर्ष को सुलझाने में विफल रहे और स्थिति में अचानक एक बदलाव आया. अब वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) नए नियमों के साथ वास्तविक सीमा, नई नियंत्रण रेखा (LoC) बनने की ओर अग्रसर है.
भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा या वास्तविक सीमा स्थापित मानी जाती है, जहां 2013 में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित युद्ध विराम समझौता करने के बाद भी दोनों ओर से गोलीबारी होती रहती है.
पारस्परिक समझ और शर्तों ने LAC को दशकों तक खुले संघर्षों से मुक्त रखा, लेकिन सोमवार (7 सितंबर) को पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तट पर रेजांग ला के पास मुखपारी पहाड़ के आस-पास के इलाकों में बंदूक और हथियारों का उपयोग न करने के एक महत्वपूर्ण पारस्परिक रूप से बनी सहमति को तोड़ दिया.
यहां तक कि सीमा गश्ती दल या तो निहत्थे या बंदूक को उसके बैरल के साथ नीचे की ओर ले जाते थे.
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने ईटीवी भारत से कहा कि एक नया मानदंड यह है कि ज्यादातर गतिविधियां पीएलए द्वारा रात में किए जाते हैं, जिससे अंधेरे में यह पता लगाना मुश्किल है कि घुसपैठ की जा रही है या उपकरण जुटाए जा रहे हैं.
हम इन ट्रकों और भारी वाहनों को रात में पैंगोंग त्सो के दक्षिणी बैंक की तरफ पीएलए की पोजिशन पर जाते हुए देखते हैं और यह केवल सामरिक कारणों से हो सकता है.
उन्होंने कहा कि आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि LAC पर रात के समय गतिविधियों बंद थी.
भारत और चीन ने मिलकर LAC के दोनों तरफ तोपखाने और तोपों सहित सैन्य उपकरणों के अलावा अन्य क्षेत्रों में 1,00,000 से अधिक सैनिक तैनात किए हैं. साथ ही दोनों ओर वायु एस्सेट्स भी तैनात किए गए हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएलए द्वारा एलएसी पर गहराई वाले क्षेत्रों में स्थापित नई पोजिशन पर चीनी Y-20 सैन्य परिवहन विमान एयरड्रॉपिंग पैराट्रूपर्स और हैवी गन तैनात करने की बात की गई है.
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LAC के पास तैनात एक अन्य सेवारत अधिकारी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि विवादित क्षेत्रों में टकराव पहले नहीं थे, लेकिन एक निर्धारित ड्रिल थी. बैनर प्रदर्शित किए जाएंगे और दोनों पक्ष अपने कदम पीछे लेंगे, लेकिन इस बार जो नया है वह यह है कि पीएलए अपना कदम वापस लेने से इनकार कर रहा है और इसीलिए, अगर हालात ऐसे ही रहे, तो चीन की सीमा पाकिस्तानी सीमा की तरह हो जाएगा.
इसके अलावा एक अन्य चिंताजनक पहलू यह भी है कि पाकिस्तान और चीन के बीच घनिष्ठ रिश्ता और सहयोग है.
हाल ही में आई एक रिपोर्ट में PLASSF (PLA स्ट्रेजिक सपोर्ट फोर्स) ने साइबर युद्ध, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और उच्च तकनीक सुविधाओं के साथ पाकिस्तान में एक कार्यालय स्थापित करने की बात कही है.
मार्च 2020 से, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी, इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के एक कर्नल-रैंक के अधिकारी को 'बेहतर समन्वय' के उद्देश्यों के लिए आमतौर पर बीजिंग में PLA मुख्यालय में PLA के संयुक्त कर्मचारी विभाग के साथ तैनात किया गया है.