कोटा: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' कोटा में मीडिया से बातचीत करते हुए नई शिक्षा नीति के बारे में चर्चा की. इस दौरान निशंक ने बताया की नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार हो चुका है. इसे विश्व में सबसे अधिक परामर्श करने के बाद तैयार किया गया है.
एचआरडी मंत्री ने कहा कि भारत की नई शिक्षा नीति का मसौदे के लिए एक लाख 10 हजार ग्राम समितियों के सुझाव लिया गया है. इसके साथ सभी प्रदेशों के शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक की राय भी इसमें शामिल की गई है. इसमें जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों, शिक्षाविदों और स्टूडेंट्स की राय भी जुड़ी है.
उन्होंने कहा कि नई एजुकेशन पॉलिसी का मसौदा तैयार हो गया है. इसके बाद भी दो लाख से ज्यादा सुझाव आए हैं, जिसमें ज्यादातर में इस मसौदे की तारीफ की गई है. बहुत जल्द लागू करने की मांग की गई है. अब पूरे देश में जिज्ञासा है कि 33 साल बाद आने वाली नई शिक्षा नीति कैसी है. हम इसको पुख्ता करना चाहते हैं कि राष्ट्र का निर्माण मजबूत हो.
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बकौल निशंक हम तेजी से अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं की रैंकिंग में ऊपर जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि हम ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व स्तर पर पहुंचे. इसीलिए उन्होंने नेशनल रिसर्च फाउंडनेशन (एनआरएफ) के जरिए राष्ट्रीय अनुसंधान का एक अभियान हाथ में लेने का निर्देश दिया है. उन्होंने कोटा के बारे में कहा कि कोटा शिक्षा के क्षेत्र में और भी विकसित होगा.