श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर ने हाल ही में जारी की गई नीती आयोग की इंडिया इनोवेशन इंडेक्स रैंकिंग में निराशाजनक रूप से अंतिम स्थान प्राप्त किया है. इस सूची में कर्नाटक ने शीर्ष स्थान हासिल किया है. हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्यों में सर्वश्रेष्ठ रहा, जबकि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेशों राज्यों में अव्वल रहा.
इस सूची ने न केवल प्रत्येक राज्य के नकारात्मक और सकारात्मक बिंदुओं का मानचित्रण किया है, बल्कि नीतियों को अपनाने के लिए आगे का रास्ता भी दिया है.
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि जम्मू-कश्मीर का अनिश्चित प्रदर्शन के पीछे क्षेत्र में राजनीतिक अस्थिरता और प्रतिकूल मौसम की वजह है.
इस मामले में NIT के IED प्रमुख प्रोफेसर साद परवेज ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि हमें इस रैंकिंग से हतोत्साहित नहीं होना चाहिए. यह प्रतिकूल मौसम और इस क्षेत्र में राजनीतिक अस्थिरता के कारण हुआ है. चीजें जल्द ही बदल जाएंगी.
उन्होंने आगे कहा कि हमने केंद्र में 5-एक्सिस मशीनें स्थापित की हैं. यह इनोवेटर्स को यहां प्रोटोटाइप के लिए घटकों को विकसित करने में सक्षम करेंगी. कश्मीर के दो युवाओं को केसर की कटाई और बीज बुवाई मशीनों को विकसित करने के लिए अनुदान के रूप में 15 लाख रुपये दिए गए हैं.
इस बीच, चीन के झेजियांग विश्वविद्यालय के एक प्रर्वतक डॉ शेख फैयाज अहमद का मानना है कि अविष्कार को लेकर प्रशासन रुचि में कमी है. इसलिए वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके.
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जम्मू कश्मीर में इनोवेशन के लिए कोई उचित बजट आवंटित नहीं किया गया है. इसके अलावा, केंद्र समन्वित तरीके से काम नहीं कर रहा है. बहुत कुछ किया जाना चाहिए. इस दौरान उन्होंने महामारी के बाद फिर से इनोवेशन के महत्व पर प्रकाश डाला.
दिलचस्प बात यह है कि 2007 में जम्मू कश्मीर सरकार ने इनोवेशन के लिए विशेष बजट आवंटित किया था, लेकिन आज तक इस राशि का उपयोग नहीं किया गया और आखिरकार यह चूक हो गई.