कोलकाता : पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल की ओर से जानकारी मांगे जाने के बावजूद जवाब नहीं दिया है. इस पर राज्यपाल ने कहा कि ममता बनर्जी, बात चाहे राजनीतिक हिंसा की हो, बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट की हो या जन वितरण प्रणाली (PDS) की, जानकारी प्राप्त करना राज्यपाल का अधिकार और कर्तव्य है.
ममता से सवाल करते हुए राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि चक्रवात अम्फान के बाद राहत और बचाव कार्य में हुए भ्रष्टाचार पर जानकारी नहीं दी गई, और सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से कहा गया कि राज्यपाल राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं. क्या यही कानून का राज है, क्या यहा लोकतंत्र है ?
राज्यपाल ने पूछा है कि जानकारी क्यों प्रदान नहीं की गई ? छिपाने के लिए क्या है? सरकार को स्पष्ट करना चाहिए. उन्होंने ममता से आह्वान करते हुए कहा, 'ऐसे लोगों की जवाबदेही तय होनी चाहिए जिन्होंने जानकारी देने में चूक की है.
धनखड़ ने तल्ख लहजे में कहा कि पारदर्शिता लाने पर घोटालों का पर्दाफाश होगा. इससे गड़े मुर्दे उखड़ेंगे. उन्होंने कहा कि राज्यपाल को जानकारी देने में विफल रही ममता सरकार के कार्यकाल में सूचना का अधिकार (आरटीआई) की चिंताजनक स्थिति का खुलासा होता है.
राज्यपाल ने कहा, 'मैंने आरटीआई आवेदकों की संख्या में कमी को लेकर मुख्य सूचना अधिकारी को चेतावनी दी थी.' उन्होंने लिखा कि यदि लोग सूचना मांगते हैं तो उन्हें पुलिस का डर दिखाया जाता है. उन्होंने कहा कि जानकारी सार्वजनिक करना भ्रष्टाचार के लिए एक हानिकारक है.
इससे पहले शनिवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट आयोजित करने में खर्च की गई राशि का ब्योरा मांगा. ममता बनर्जी सरकार राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए 2015 से हर साल इस सम्मेलन का आयोजन करती आ रही है.
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कार्यक्रम के आयोजन को लेकर आर्थिक अनियमितताओं को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए धनखड़ ने एक ट्वीट में कहा कि जानकारी मिली है कि हर साल आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम से जमीनी स्तर पर होने वाला निवेश असल में इस आयोजन पर होने वाले खर्च से कम है.
धनखड़ ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) से उन्हें सम्मेलन के बारे में जानकारी देने को कहा.
धनखड़ ने ट्वीट किया, 'बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में हुए व्यय को लेकर उठते सवालों के मद्देनजर अतिरिक्त मुख्य सचिव(वित्त) से विवरण की मांग की गई है. पता चला है कि समिट के आयोजन में खर्च राशि राज्य में आये निवेश से अधिक है.'