चंडीगढ़ : कोरोना वायरस या कोविड-19 एक ऐसी बीमारी है, जिसने पूरी दुनिया की गति पर ग्रहण लगा दिया. करीब 192 देश इस वायरस के चपेट में आ चुके हैं. लगभग 15 हजार लोगों की जिंदगी इस वायरस की वजह से जा चुकी है और साढ़े तीन लाख लोग पीड़ित हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने सोशल डिस्टेंसिंग की आदत को अपनाने पर जोर दिया है क्योंकि यह वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे शख्स में फैलता है. इसलिए जरूरी है कि 'चेन ऑफ ट्रांसमिशन' को तोड़ा जाए.
केंद्र सरकार ने रविवार यानी 22 मार्च को पूरे भारत में 'जनता कर्फ्यू' की घोषणा की. पूरे देश ने घरों में रह कर इस कर्फ्यू को सफल भी बनाया. लोगों ने रविवार शाम 5 बजे ताली थाली बजा कर कोरोना वायरस की जंग लड़ने के लिए मोर्चे पर खड़े डॉक्टर्स, नर्सेज, पुलिस और अन्य सहायक कर्मियों का धन्यवाद किया... लेकिन सभी को पता है. यह जंग इतने भर से खत्म नहीं होने वाली.
लॉकडाउन सबसे बड़ा समाधान ?
इस वायरस को खत्म करने के लिए एक दिन का जनता कर्फ्यू काफी नहीं है. इसलिए इस स्थिति पर काबू पाने के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, जम्मू-कश्मीर और नगालैंड जैसे राज्यों के कई जिलों में 31 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा की गई है. वहीं कुछ राज्यों में पूर्ण रूप से लॉकडाउन कर दिया गया है.
रेलवे ने जहां 31 मार्च रात 12 बजे तक के लिए सभी ट्रेनें रद कर दी हैं वहीं देशभर में मंगलवार मध्यरात्रि बाद से घरेलू उड़ानें पर भी पाबंदी लगा दी जाएगी. अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की देश में लैंडिंग पहले से ही बंद है. देश के ज्यादातर हिस्सों में बस सेवाएं भी रोक दी गई हैं.
यानी पूरे देश के अहम हिस्से लॉकडाउन की स्थिति में हैं... ऐसे में इस स्थिति को समझना जरूरी है... जवाब सबसे पहले ये जानते हैं कि लॉकडाउन होता क्या है और जरूरी क्यों है ? आपात स्थिति के लिए लॉकडाउन किया जाता है. हालांकि इसमें एमरजेंसी सेवाओं के लिए हर तरह की व्यवस्था रहेती है. बेहद जरूरी काम होने पर ही घरों से निकला जा सकता है...
लॉक डाउन के दौरान क्या-क्या खुलेगा रहेगा?
- दूध, सब्जी, किराना और दवा की दुकानें.
- अस्पताल और क्लीनिक खुले रहेंगे.
- किसी बेहद जरूरी काम के लिए भी बाहर जाने की छूट मिल सकती है.
- लेन-देन के लिए आप बैंक से पैसा निकालने जा सकते हैं.
- मेडिकल व पुलिस सेवा को लॉकडाउन से बाहर रखा गया है.
- माल ढोने वाले वाहन, पोल्ट्री सेक्टर की फीड आदि ढोने पर रोक नहीं होगी.
- पेट्रोल पंप खुले रहेंगे, जरूरत पर निजी वाहन का इस्तेमाल कर सकेंगे, लेकिन लोगों की संख्या क्षमता से आधी रहेगी.
ये भी जान लें कि क्या-क्या बंद रहेंगे
- शॉपिंग मॉल, जिम, क्लब, पार्क, स्विमिंग पूल बंद रहेंगे.
- परिवहन व्यवस्था पूरी तरह बंद रहेगी.
- अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी व निजी संस्थान.
- फैक्ट्रियां व बड़े निर्माण प्रोजेक्ट बंद रहेंगे
- जिला प्रशासन को अधिकार है कि वह स्थिति को देखते हुए लॉकडाउन का दायरा बढ़ा सकता है.
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क्या लोगों पर घर से बाहर निकलने पर कार्रवाई हो जाएगी...?
तो इस सवाल का जवाब है नहीं. इसमें घरों से बाहर निकलने पर कोई कानूनी कार्रवाई या गिरफ्तारी का प्रवधान नही है. कर्फ्यू की ही तरह घरों में रहने के आदेश रहते है. मगर कर्फ्यू की तरह शूट एंड साइट या गिरफ्तारी का कोई प्रवधान इसमें नहीं होता है. कर्फ्यू में जो सख्ताई होती है वो लॉकडाउन में पूरी तरह से नहीं रहती. लॉकडाउन को कर्फ्यू से अलग मान सकते है.
लॉकडाउन की स्थिति में बेघर लोगों का क्या होगा?
ये स्थिति एकदम से सामने आई है... तो बेघर लोगों के लिए सुरक्षित स्थान मुहैया करवाना सरकार की बड़ी जिम्मेदारी रहती है. हालांकि सरकारें गरीब और दिहाड़ी मजदूरी करने वालों के लिए विशेष पैकेज का ऐलान कर रही हैं, लेकिन लॉक डाउन ज्यादा समय रहा तो बड़ी आबादी के लिए रहने और खाने पीने की व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी बढ़ जाती है.
ये साफ तरह से कह पाना मुश्किल है कि लॉकडाउन होने से कोरोना वायरस पर रोकथाम हो जाएगी, लेकिन ये कारगर कदम है. लोगों को जागरुक होना बेहद जरूरी है. ये वायरस कई तरह से फैल सकता है. जरूरी नहीं कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से ही फैलता है. ये वायरस संक्रमित व्यक्ति की छूई गई निर्जिव वस्तुओं से भी फैलता है जैसे पेन, डेस्कटॉप, अखबार, बर्तन... इसलिए कोरोना वायरस के कहर से बचने के लिए सभी का योगदान बेहद अहम है... ईटीवी भारत भी आप सभी से अपील करता है कि इस महामारी से लड़ने के लिए एहतियात बरतें.