रांची : देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण रोकथाम को लेकर सरकार द्वारा लॉकडाउन लागू कर दिया गया है. इस लॉकडाउन में बाहरी और दूसरे राज्य से आने वाले लोगों का अब हाल बेहाल हो रहा है. सरायकेला जिले के राजनगर में पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर से 16 सदस्यीय नाट्यकर्मियों की टीम लॉकडाउन से पहले यहां पहुंची थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण अब यह टीम यहां फंस गई है. अब इन्हें खाने की भी किल्लत हो गई है.
राज नगर क्षेत्र के कमलपुर गांव में लॉकडाउन से ठीक पहले पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर से रंगमंचकर्मियों की एक 16 सदस्यीय टीम यहां चैत्र के महीने में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची थी, लेकिन इस बीच देश में लॉकडाउन लागू कर दिया गया. इधर, लॉकडाउन के कारण पश्चिम बंगाल से आए यह कलाकार यहां से वापस नहीं जा पा रहे हैं. इन कलाकारों की टीम में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल हैं, जो दिन रात अस्थाई तौर पर बने तंबू में रहने को विवश हैं, जबकि सबसे ज्यादा तकलीफ तो इन्हें भोजन पानी के लिए उठाना पड़ रहा है.
सरकार से कर रहे सुरक्षित घर पहुंचाने की मांग
पश्चिम बंगाल से आए इन कलाकारों की टोली में शामिल मुखिया कमल कृष्ण दास ने बताया कि यह सभी रंगमंच के नाट्यकर्मी हैं, जो बंगाल राज्य से सटे झारखंड और ओडिशा के विभिन्न जिलों में जाकर अपने कला का प्रदर्शन करते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण इन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कमल कृष्ण दास ने झारखंड सरकार से मांग की है कि लॉकडाउन के दौरान इन्हें और इनके पूरे टीम को समुचित रूप से राशन मुहैया कराया जाए और लॉकडाउन खत्म होते ही पूरे टीम को सकुशल बंगाल पहुंचा दिया जाए.
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सामाजिक और स्वयंसेवी संगठन कर रहे मदद
राजनगर के कमलपुर में लॉकडाउन के दौरान पिछले 14 दिन से फंसे इन नाट्यकर्मियों को मदद करने अब कई सामाजिक और स्वयंसेवी संगठन सामने आ रहे हैं. कमलपुर मुख्य सड़क किनारे तंबू बनाकर रह रहे इन लोगों की सुध लेने कई सामाजिक संगठन पहुंच रहे हैं, जिनके द्वारा इन्हें राशन मुहैया कराया जा रहा है. स्वयंसेवी संगठन के लोग मानते हैं कि पड़ोसी राज्य से आए इन लोगों को मुसीबत में मदद मिलनी चाहिए. वहीं, कुछ स्वयंसेवी संगठन इन कलाकारों को अब जिला प्रशासन से रोजाना राशन और खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए जाने की पहल में जुट गए हैं.