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नागरिकता बिल के विरोध में है असोम गण परिषद : केशब महंत

असोम गण परिषद के नेता ने पहली बार विवादित CAB विधेयक पर चुप्पी तोड़ी है और साफ कर दिया है कि वह इस विधेयक के विरोध में हैं. एजीपी के वरिष्ठ नेता और असम के कैबिनेट मंत्री केशब महंत ने कहा कि उन्होंने इस विषय पर केंद्रीय गृह मंत्री मांग की है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि असम के लोगों पर इसका प्रभाव नहीं पड़े. पढ़ें पूरी खबर...

keshav mahanta against cab
केशब महंत
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Published : Dec 12, 2019, 3:36 PM IST

नई दिल्ली : राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) बुधवार को ध्वनि मत से पारित हो गया. इसके बाद असोम गण परिषद (AGP) भी CAB विरोधी आंदोलन के समर्थन में खड़ा हो गया.

ईटीवी भारत को दिए एक विशेष साक्षात्कार में एजीपी के वरिष्ठ नेता और असम के कैबिनेट मंत्री केशब महंत ने कहा कि उनकी पार्टी सीएबी के विरोध का समर्थन करती है. महंत ने कहा कि हम आंदोलन का समर्थन करते हैं.

आपको यह बता दें कि यह पहली बार है कि जब एजीपी के नेता ने इस विधेयक पर खुलकर बात की है.

हालांकि महंत ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि असम के लोग विधेयक से प्रभावित न हों.

केशब महंत से ईटीवी भारत की बातचीत

एजीपी नेता ने कहा, जिस तरह से अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को CAB के दायरे से बाहर रखा गया है, हमने वैसे ही असम के लोगों की सुरक्षा की मांग की है.

आपको बता दें कि छठी अनुसूची क्षेत्रों और इनर लाइन परमिट (ILP) प्रणाली वाले राज्यों को विधेयक के दायरे से बाहर रखा गया है. मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में CAB निहित नहीं होगा.

पढ़ें-असम में दो दिन बंद रहेंगी इंटरनेट सेवाएं, एडीजी व कमिश्नर के तबादले, तनाव बरकरार

दिलचस्प बात यह है कि एजीपी असम में बीजेपी की सहयोगी है और सर्बानंद सोनोवाल की अगुवाई वाली असम सरकार में एजीपी के तीन कैबिनेट मंत्री हैं. इस साल की शुरुआत में, एजीपी ने सीएबी के विरोध में बीजेपी के साथ अपने संबंधों को तोड़ दिया था.

हालांकि, पिछले आम चुनाव से ठीक पहले एजीपी-भाजपा एक साथ आए और दोनो ने संयुक्त रूप से आम चुनाव लड़े.

हाल के दिनों में एजीपी को विधेयक पर अपनी चुप्पी के लिए ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) और विभिन्न संगठनों के क्रोध का सामना करना पड़ा था.

गौरतलब है कि एजीपी 1985 में ऐतिहासिक असम समझौते के बाद बने एएएसयू का हिस्सा था.

नई दिल्ली : राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) बुधवार को ध्वनि मत से पारित हो गया. इसके बाद असोम गण परिषद (AGP) भी CAB विरोधी आंदोलन के समर्थन में खड़ा हो गया.

ईटीवी भारत को दिए एक विशेष साक्षात्कार में एजीपी के वरिष्ठ नेता और असम के कैबिनेट मंत्री केशब महंत ने कहा कि उनकी पार्टी सीएबी के विरोध का समर्थन करती है. महंत ने कहा कि हम आंदोलन का समर्थन करते हैं.

आपको यह बता दें कि यह पहली बार है कि जब एजीपी के नेता ने इस विधेयक पर खुलकर बात की है.

हालांकि महंत ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि असम के लोग विधेयक से प्रभावित न हों.

केशब महंत से ईटीवी भारत की बातचीत

एजीपी नेता ने कहा, जिस तरह से अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को CAB के दायरे से बाहर रखा गया है, हमने वैसे ही असम के लोगों की सुरक्षा की मांग की है.

आपको बता दें कि छठी अनुसूची क्षेत्रों और इनर लाइन परमिट (ILP) प्रणाली वाले राज्यों को विधेयक के दायरे से बाहर रखा गया है. मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में CAB निहित नहीं होगा.

पढ़ें-असम में दो दिन बंद रहेंगी इंटरनेट सेवाएं, एडीजी व कमिश्नर के तबादले, तनाव बरकरार

दिलचस्प बात यह है कि एजीपी असम में बीजेपी की सहयोगी है और सर्बानंद सोनोवाल की अगुवाई वाली असम सरकार में एजीपी के तीन कैबिनेट मंत्री हैं. इस साल की शुरुआत में, एजीपी ने सीएबी के विरोध में बीजेपी के साथ अपने संबंधों को तोड़ दिया था.

हालांकि, पिछले आम चुनाव से ठीक पहले एजीपी-भाजपा एक साथ आए और दोनो ने संयुक्त रूप से आम चुनाव लड़े.

हाल के दिनों में एजीपी को विधेयक पर अपनी चुप्पी के लिए ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) और विभिन्न संगठनों के क्रोध का सामना करना पड़ा था.

गौरतलब है कि एजीपी 1985 में ऐतिहासिक असम समझौते के बाद बने एएएसयू का हिस्सा था.

Intro:New Delhi: As Rajya Sabha passed the Citizenenship Amendment Bill (CAB) with voice vote, Asom Gana Parishad (AGP) on Wednesday extended its support with anti-CAB agitators.


Body:In an exclusive interview to ETV Bharat, senior AGP leader and Assam cabinet minister Keshav Mahanta said that his party support the protest against CAB.

"...We support the on going agitation," said Mahanta. His statement assumes significance following the fact that this is for the first time an AGP leader spoke openly over the contentious Bill.

Mahanta, however said that they have told Home Minister Amit Shah to ensure that the indeginious people of Assam does not get affected with the Bill.

"The way other northeastern states have been kept out of the ambit of CAB, we have demanded for the protection of the indeginious people of Assam," said the AGP leader.

Sixth schedule areas and states with Inner Line Permit (ILP) system have been excluded from the ambit of the Bill. In states like Meghalaya, Manipur, Tripura, Mizoram, Nagaland, Arunachal Pradesh CAB will not be implied.

Interestingly, AGP is an ally of BJP in Assam and there are three cabinet ministers from AGP in the Sarbananda Sonowal led Assam Government.


Conclusion:Earlier this year, AGP snapped its ties with BJP protesting the CAB.

However, just ahead of the last general election AGP-BJP came together and jointly fought the general election.

AGP in the recent past had to face the wrath of different organisations especially by the influential All Assam Students Union (AASU) for their silence over the Bill.

Significantly, AGP was an offshoot of AASU that was formed after the historic Assam Accord in 1985.

end
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