नई दिल्ली: भारतीय समाज में 'सेक्स' शब्द हमेशा ही हिचक और शर्म का गठजोड़ रहा है, और अगर कोई महिला इसके बारे में बात करें फिर तो सवाल प्रतिष्ठा तक पहुंच जाता है. ऐसी ही रूढ़िवादी सोच को चुनौती दे रही हैं 30 साल की युवती पल्लवी बरनवाल.
गौरतलब है कि पल्लवी बरनवाल ने कॉम्प्रिहेंसिव सेक्सुअलिटी एजुकेशन (CSE) पर एक विशेष कोर्स किया है और वह पेशे से सेक्स एजुकेटर है.
पल्लवी बरनवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उन्होंने इस क्षेत्र में टीचिंग के लिए अपनी डेढ़ लाख आय वाली नौकरी छोड़ दी.
उनका कहना है कि 'यह नौकरी भले ही मुझे उतनी तनख्वाह नहीं देती लेकिन मुझे खुशी है कि मैं समाज के लिए कुछ अच्छा कर रही हूं. मुझे लगता है कि जागरूकता और उचित शिक्षा भारत में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को रोक सकती है.'
बरनवाल ने कहा हमारे देश में इस विषय पर बात करना टैबू (Taboo) है. लोग सार्वजनिक तौर पर इस के बारे में बात करने से हिचकते हैं. लेकिन जबतक हम इसपर खुल कर बात नहीं करेंगे या उचित सेक्स एजुकेशन नहीं देंगे तब तक समस्याओं को हल नहीं कर पाऐंगे.
पल्लवी ने बताया कि एक अध्ययन के मुताबिक पोर्न व्यूअरशिप में भारत तीसरे नंबर पर आता है. साथ ही उसी अध्ययन में यह भी पाया गया कि अधिकांश युवा कॉलेज में इन साइट्स को ज्यादा ब्राउस करते हैं. ऐसे में अगर सेक्स एजुकेशन के माध्यम से उन्हें सही जानकारी और शिक्षा दी जाए तो ये ज्यादा लाभदायक होगा.
पढ़ेंः स्मृति ठहरीं रोतली बच्ची, अगली बार KG से भरेंगी पर्चाः सिद्धू
उन्होंने बताया कि वह देश के अलग-अलग हिस्सों में जागरुकता अभियान चलाती रहती है. साथ ही उन्होंने बताया कि देश के कुछ हिस्सों में सेक्स एजुकेशन के कोर्स करवाए जाते हैं तो वही कई संस्थानों में यह गैरकानूनी या वैकल्पिक भी है. जबकि अफ्रिका जैसे अन्य कुछ देश ऐसे भी हैं जहां यह अनिवार्य विषय है.
बरनवाल ने कहा कि वह हर रोज चुनौतियों का सामना करती हैं लेकिन उन्हें हर रोज एक नई सीख भी मिलती है.