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फारूक अब्दुल्ला का पाक को जवाब, 'हम किसी की कठपुतली नहीं'

पाकिस्तान द्वारा गुप्कर घोषणा की सराहना करने के बाद, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान को मुहतोड़ जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि 'कश्मीर में पार्टियां उनकी कठपुतली नहीं हैं'.

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Published : Aug 30, 2020, 5:08 PM IST

Former Prime Minister Farooq Abdullah
पूर्व प्रधानंत्री फारूक अब्दुल्ला

नई दिल्ली : हाल ही में हुई गुप्कर घोषणा को खारिज करते हुए पाकिस्तान तेजी से प्रतिक्रिया दे रहा है. जिसमें जम्मू और कश्मीर के छह राजनीतिक दलों ने धारा 370 के उन्मूलन के खिलाफ सामूहिक रूप से कसम खाई थी. नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि 'हम किसी की कठपुतली नहीं हैं'

22 अगस्त को जारी एक घोषणापत्र में, मुख्यधारा के छह प्रमुख राजनीतिक दल धारा 370 को बहाल करने के लिए एक साथ आए. जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करने के लिए पिछले साल संसद द्वारा अनुमोदित 'असंवैधानिक' कदम के रूप में वर्णित करने के बाद इसे समाप्त कर दिया.

संयुक्त बयान को 'गुप्कर घोषणा-2' के रूप में जाना जाता है, अब्दुल्ला के गुप्कर रोड निवास पर आयोजित बैठकों में जारी अनुच्छेद 370 पर दूसरी घोषणा की जा रही है. जो स्पष्ट रूप से केंद्र से पूछता है कि 'हमारे बिना-हमारे बारे में कुछ नहीं हो सकता', केंद्र को किसी भी संवैधानिक परिवर्तन को लागू करने से पहले लोगों को विश्वास में लेना होगा.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के एक बयान में कहा गया कि एनसी, पीडीपी, कांग्रेस और तीन अन्य दलों द्वारा जारी घोषणा एक सामान्य घटना नहीं थी, बल्कि एक महत्वपूर्ण विकास है. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों से बुरा बर्ताव किया है, लेकिन अचानक से वह हमें पसंद करने लगे.

'मैं स्पष्ट कर दूं कि हम किसी की कठपुतली नहीं हैं, न तो नई दिल्ली और न ही सीमा पार किसी की. हम जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए जवाबदेह हैं और उनके लिए काम करेंगे'

सीमा पार आतंकवाद पर एक सवाल के जवाब में, अब्दुल्ला ने कहा, 'मैं पाकिस्तान से सशस्त्र जवानों को कश्मीर में भेजने से रोकने का आग्रह करूंगा. हम अपने राज्य में खूनखराबा समाप्त करना चाहते हैं. जम्मू और कश्मीर में सभी राजनीतिक दल लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध हैं. पिछले साल पांच अगस्त को असंवैधानिक रूप से हमसे जो छीन लिया गया था, उसके लिए हमारे अधिकार शांतिपूर्ण हैं.

पढ़ें - जम्मू-कश्मीर : अनुच्छेद-370 बहाली को लेकर एकजुट हुईं पार्टियां

(एनसी) के अध्यक्ष ने भारत और पाकिस्तान दोनों से आग्रह किया कि वह अपने संवाद को सभी के भले के लिए फिर से शुरू करें. युद्धविराम उल्लंघन में नियंत्रण रेखा के दोनों ओर हमारे लोग मारे जा रहे हैं. भगवान की खातिर इस प्रकार की गतिविधियों पर विराम लगाना चाहिए.

नई दिल्ली : हाल ही में हुई गुप्कर घोषणा को खारिज करते हुए पाकिस्तान तेजी से प्रतिक्रिया दे रहा है. जिसमें जम्मू और कश्मीर के छह राजनीतिक दलों ने धारा 370 के उन्मूलन के खिलाफ सामूहिक रूप से कसम खाई थी. नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि 'हम किसी की कठपुतली नहीं हैं'

22 अगस्त को जारी एक घोषणापत्र में, मुख्यधारा के छह प्रमुख राजनीतिक दल धारा 370 को बहाल करने के लिए एक साथ आए. जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करने के लिए पिछले साल संसद द्वारा अनुमोदित 'असंवैधानिक' कदम के रूप में वर्णित करने के बाद इसे समाप्त कर दिया.

संयुक्त बयान को 'गुप्कर घोषणा-2' के रूप में जाना जाता है, अब्दुल्ला के गुप्कर रोड निवास पर आयोजित बैठकों में जारी अनुच्छेद 370 पर दूसरी घोषणा की जा रही है. जो स्पष्ट रूप से केंद्र से पूछता है कि 'हमारे बिना-हमारे बारे में कुछ नहीं हो सकता', केंद्र को किसी भी संवैधानिक परिवर्तन को लागू करने से पहले लोगों को विश्वास में लेना होगा.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के एक बयान में कहा गया कि एनसी, पीडीपी, कांग्रेस और तीन अन्य दलों द्वारा जारी घोषणा एक सामान्य घटना नहीं थी, बल्कि एक महत्वपूर्ण विकास है. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों से बुरा बर्ताव किया है, लेकिन अचानक से वह हमें पसंद करने लगे.

'मैं स्पष्ट कर दूं कि हम किसी की कठपुतली नहीं हैं, न तो नई दिल्ली और न ही सीमा पार किसी की. हम जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए जवाबदेह हैं और उनके लिए काम करेंगे'

सीमा पार आतंकवाद पर एक सवाल के जवाब में, अब्दुल्ला ने कहा, 'मैं पाकिस्तान से सशस्त्र जवानों को कश्मीर में भेजने से रोकने का आग्रह करूंगा. हम अपने राज्य में खूनखराबा समाप्त करना चाहते हैं. जम्मू और कश्मीर में सभी राजनीतिक दल लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध हैं. पिछले साल पांच अगस्त को असंवैधानिक रूप से हमसे जो छीन लिया गया था, उसके लिए हमारे अधिकार शांतिपूर्ण हैं.

पढ़ें - जम्मू-कश्मीर : अनुच्छेद-370 बहाली को लेकर एकजुट हुईं पार्टियां

(एनसी) के अध्यक्ष ने भारत और पाकिस्तान दोनों से आग्रह किया कि वह अपने संवाद को सभी के भले के लिए फिर से शुरू करें. युद्धविराम उल्लंघन में नियंत्रण रेखा के दोनों ओर हमारे लोग मारे जा रहे हैं. भगवान की खातिर इस प्रकार की गतिविधियों पर विराम लगाना चाहिए.

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