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पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं : विनोद सोनकर

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Published : Oct 11, 2019, 7:48 PM IST

Updated : Oct 11, 2019, 10:15 PM IST

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक ही परिवार के लोगों की हत्या के बाद लगातार आरोप-प्रत्यारोप जारी है. टीएमसी नेता के राज्यपाल का घेराव करने के बाद पार्लियामेंट की एथिक्स कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष और भाजपा नेता विनोद सोनकर ने पलटवार किया है. जानें क्या कुछ कहा उन्होंने

विनोद सोनकर

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्थव चटर्जी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर निशाना साधा था. चटर्जी ने कहा था कि राज्यपाल हर रोज राजनैतिक बयानबाजी कर रहे हैं और संवैधानिक सीमाओं को लांघ रहे हैं.

टीएमसी नेता के इस बयान को लेकर पार्लियामेंट की एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष और भाजपा नेता विनोद सोनकर ने ईटीवी भारत से बातचीत की.

उन्होंने कहा, 'पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा शासित प्रदेश में यदि कोई घटना घटित होती है तो लोग बखेड़ा खड़ा कर देते हैं. वहीं पश्चिम बंगाल में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं की जिस तरह से हत्या हो रही है उस पर यह लोग चुप हैं.'

राज्यपाल पर टिप्पड़ी को लेकर उन्होंने कहा कि माननीय मंत्री जी को पता नहीं है, राज्यपाल की यही भूमिका होती है. सरकार को समय-समय पर निर्देशित करना ही राज्यपाल की भूमिका है.

विनोद सोनकर से बातचीत

उन्होंने आगे कहा, 'ऐसी टिप्पड़ियों से राज्यपाल की मर्यादा का उल्लघंन होता है और लोकतंत्र भी कमजोर होता है. वह एक संवैधानिक पद पर बैठे हैं. उन पर इस तरह की टीका टिप्पड़ी से लोकतंत्र कमजोर होता है.'

पढ़ें-ममता सरकार से कांग्रेस नाराज, बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

इस बीच अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ने बयान दिया है कि राम जन्मभूमी मामले का फैसला चाहे जिसके हक में आए, जमीन हिंदूओं को सौंप देनी चाहिए. क्योंकि अगर फैसला मुस्लिमों के पक्ष में आता है तो भी वह वहां पर मस्जिद नहीं बना पाएंगे. लिहाजा सांप्रदायिक सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए विवादित भूमि को राम मंदिर निर्माण के लिए हिंदुओं को सौंप देनी चाहिए.

सोकर ने कहा, 'मामले पर सरवोच्च न्यायालय लगातार सुनवाई कर रहा है. सुनवाई में फिर चाहे वह दस्तावेजी साक्ष्य हो, राज्सव साक्ष्य हो या पुरातत्व का साक्ष्य हो लगभग इस बात का प्रमाण हो चुका है कि वहां पर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाया गया था. इसके कारण उनको लगने लगा है कि फैसला रामलला के पक्ष में आएगा.'

आपको बता दें कि विनोद सोनकर को पार्लियामेंट के एथिक्स कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. लंबे समय से वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी इस पद पर थे.

इसपर सोनकर ने कहा कि वह खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि उनको एक ऐसी कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया जिसके अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी थे. उन्होंने अपने राष्ट्रीय नेतृत्व को भी धन्यवाद दिया.

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्थव चटर्जी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर निशाना साधा था. चटर्जी ने कहा था कि राज्यपाल हर रोज राजनैतिक बयानबाजी कर रहे हैं और संवैधानिक सीमाओं को लांघ रहे हैं.

टीएमसी नेता के इस बयान को लेकर पार्लियामेंट की एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष और भाजपा नेता विनोद सोनकर ने ईटीवी भारत से बातचीत की.

उन्होंने कहा, 'पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा शासित प्रदेश में यदि कोई घटना घटित होती है तो लोग बखेड़ा खड़ा कर देते हैं. वहीं पश्चिम बंगाल में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं की जिस तरह से हत्या हो रही है उस पर यह लोग चुप हैं.'

राज्यपाल पर टिप्पड़ी को लेकर उन्होंने कहा कि माननीय मंत्री जी को पता नहीं है, राज्यपाल की यही भूमिका होती है. सरकार को समय-समय पर निर्देशित करना ही राज्यपाल की भूमिका है.

विनोद सोनकर से बातचीत

उन्होंने आगे कहा, 'ऐसी टिप्पड़ियों से राज्यपाल की मर्यादा का उल्लघंन होता है और लोकतंत्र भी कमजोर होता है. वह एक संवैधानिक पद पर बैठे हैं. उन पर इस तरह की टीका टिप्पड़ी से लोकतंत्र कमजोर होता है.'

पढ़ें-ममता सरकार से कांग्रेस नाराज, बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

इस बीच अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ने बयान दिया है कि राम जन्मभूमी मामले का फैसला चाहे जिसके हक में आए, जमीन हिंदूओं को सौंप देनी चाहिए. क्योंकि अगर फैसला मुस्लिमों के पक्ष में आता है तो भी वह वहां पर मस्जिद नहीं बना पाएंगे. लिहाजा सांप्रदायिक सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए विवादित भूमि को राम मंदिर निर्माण के लिए हिंदुओं को सौंप देनी चाहिए.

सोकर ने कहा, 'मामले पर सरवोच्च न्यायालय लगातार सुनवाई कर रहा है. सुनवाई में फिर चाहे वह दस्तावेजी साक्ष्य हो, राज्सव साक्ष्य हो या पुरातत्व का साक्ष्य हो लगभग इस बात का प्रमाण हो चुका है कि वहां पर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाया गया था. इसके कारण उनको लगने लगा है कि फैसला रामलला के पक्ष में आएगा.'

आपको बता दें कि विनोद सोनकर को पार्लियामेंट के एथिक्स कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. लंबे समय से वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी इस पद पर थे.

इसपर सोनकर ने कहा कि वह खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि उनको एक ऐसी कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया जिसके अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी थे. उन्होंने अपने राष्ट्रीय नेतृत्व को भी धन्यवाद दिया.

Intro: पार्लियामेंट के एथिक्स कमेटी की अध्यक्ष क्या नाम है विनोद सोनकर ने बताया जिस तरह से पश्चिम बंगाल मंत्री ने वहां के राज्यपाल की भूमिका पर टिप्पणी की है और उंगली उठाई है यह संवैधानिक मर्यादा के खिलाफ है टीएमसी के नेता संवैधानिक मर्यादा भूल गए हैं उन्हें यह जाना चाहिए कि राज्यपाल का यह काम ही होता है कि अगर सरकार ऐसे मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही तो उसे समय-समय पर उनके कर्तव्य कोई याद दिलाना और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने भी यही किया मगर पश्चिम बंगाल की सरकार कार्रवाई करने के बजाय उनके मंत्री संवैधानिक पद पर बैठे राज्यपाल की भूमिका पर ही सवाल उठा रहे हैं और मर्यादा विहीन टिप्पणी कर रहे हैं


Body: एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष लंबे समय से लालकृष्ण आडवाणी थे पिछले दिनों सरकार ने उनकी जगह भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष विनोद सोनकर को बनाया है, ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए विनोद सोनकर नहीं बताया पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की घटना बहुत ही जघन्य घटना है और इस पर सरकार अभी तक कोई कड़े कदम नहीं उठाई है ऐसे में राज्यपाल ने अगर हंस चेक किया तो उन पर पश्चिम बंगाल की मंत्री के द्वारा मर्यादा विहीन टिप्पणी की गई है जो कि बर्दाश्त के लायक नहीं है ऐसे मंत्रियों को नैतिकता के दायरे में और मर्यादा के दायरे में रहना चाहिए



Conclusion:एथिक्स कमेटी के नव मनोनीत अध्यक्ष विनोद सोनकर ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की तरफ से हिंदुओं को राम मंदिर के लिए जमीन दे देने की कही गई बात को लेकर भी स्वागत किया है उन्होंने कहा है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने एक सौहार्दपूर्ण बयान दिया है अब फैसला अदालत को देना है अदालत चाहे जो भी फैसला देता है लेकिन ऐसे बयान कहीं न कहीं समाज में सौहार्द फैलाने वाले हैं और स्वागत योग्य हैं साथ ही एथिक्स कमेटी के चेयरमैन बनाए जाने पर उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी की विरासत में मिली है और लंबे समय से इस पद पर लालकृष्ण आडवाणी का बीज थे और वह कोशिश करेंगे कि वह उनके पद चिन्हों पर चलते हुए सांसदों के या फिर सरकार से संबंधित नैतिकता के मामलों को समय पर और जल्द निपटारा करा सके
Last Updated : Oct 11, 2019, 10:15 PM IST
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