मुंबई : महाराष्ट्र में लॉकडाउन के दौरान विरोध-प्रदर्शन की धमकी देने का आरोपी शख्स विनय दुबे को मुंबई पुलिस ने हिरासत में भेज दिया गया है. उसे कोर्ट में पेश किया गया है. उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 117, 153 ए, 188, 269, 270, 505(2) और एपिडेमिक एक्ट की धारा 3 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पास के नवी मुंबई के निवासी विनय दुबे को एक अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 21 अप्रैल तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. उन्होंने बताया कि आरोपी को बुधवार की सुबह गिरफ्तार किया गया. उससे फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसके पोस्ट को लेकर पूछताछ की गई.
अधिकारी ने बताया कि उसने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें उसने मांग की थी कि महाराष्ट्र सरकार ऐसे प्रवासियों के जाने की व्यवस्था करे, जो कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं और अपने मूल स्थानों पर वापस जाना चाहते हैं.
उन्होंने बताया कि आरोपी ने इस मुद्दे को लेकर ट्वीट भी किया था और धमकी दी थी कि प्रवासी मजदूरों को उनके मूल स्थानों पर ले जाने के लिए अगर 18 अप्रैल तक ट्रेनों की व्यवस्था नहीं की गई तो देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
दुबे को शुरू में नवी मुंबई पुलिस ने हिरासत में लिया और बाद में उसे उपनगरीय बांद्रा की पुलिस को सौंप दिया गया.
उस पर आरोप है कि वह 18 अप्रैल को प्रवासी मजदूरों की ओर से मुंबई के कुर्ला इलाके में देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन करने की धमकी दी थी. उसके इस धमकी के बाद आरोपी विनय दुबे को मुंबई पुलिस द्वारा देर रात बांद्रा स्टेशन ले जाया गया.
दुबे पर अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए प्रवासियों को उकसाने का आरोप है.
बता दें कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के नियमों को नजरअंदाज करते हुए 1000 से अधिक प्रवासी मजदूर मंगलवार को सड़क पर एकत्रित हो गए थे. उनकी मांग थी कि उन्हें उनके अपने गृह राज्य जाने की व्यवस्था की जाए. उनका ये भी कहना था कि उनके पास ना तो खाने को पैसे हैं और ना ही उन्हें राशन मिल रहा है.
दिहाड़ी मजदूर के तौर पर कार्य करने वाले ये मजदूर लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषणा करने के कुछ ही घंटे बाद सड़क पर एकत्रित हो गए.
मुंबई के बांद्रा उपनगरीय क्षेत्र में मजदूरों के एकत्रित होने से पुलिस बल के लिए एक संभावित कानून एवं व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को दो घंटे बाद तितर-बितर कर दिया गया और उन्हें लॉकडाउन जारी रहने तक भोजन और रहने का इंतजाम का भरोसा दिया गया है.
इन प्रवासी मजदूरों में से अधिकतर उत्तर प्रदेश, बिहार के थे और ये सभी आसपास के क्षेत्रों में झुग्गियों में किराये पर रहते हैं.
पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली जब मौके पर कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. अनुमान के अनुसार उस स्थल पर 1000 से अधिक लोग एकत्रित हो गए थे.
कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए पिछले महीने लॉकडाउन लागू होने के बाद से दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. इससे उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.