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खंडहर हुआ वाराणसी के गोपाल विला, जहां स्वामी विवेकानंद बिताया अंतिम समय - स्वामी विवेकानंद बिताया अंतिम समय

वाराणसी के गोपाल लाल विला, जहां स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन का आखिरी समय बिताया आज वो खंडहर में तब्दील हो गई है और अब वहां स्वामी विवेकांनद द्वारा बिताए गए दिनों की यादों के सिवा कुछ नहीं है.

खंडहर हुआ वाराणसी के गोपाल लाल विला
खंडहर हुआ वाराणसी के गोपाल लाल विला
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Published : Jan 12, 2021, 10:49 PM IST

वाराणसी : भारत में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके सम्मान में हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है. इस दिन को स्वामी विवेकानंद जयंती के रूप में भी जाना जाता है.1984 में सरकार ने उनकी जन्मतिथि को राष्ट्रीय युवा दिवस घोषित किया था क्योंकि विवेकानंद राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में युवाओं के महत्व के बारे में मुखर थे.

भले ही भाजपा स्वामी विवेकानंद के भारत और हिंदू धर्म में योगदान के बारे में काफी मुखर रही है, लेकिन वाराणसी में उन्होंने अपने आखिरी दिनों में जिस जगह पर बिताया था, वह अब एक खंडहर है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र है इसके बावजूद इस पर कोई ध्यान नहीं दिया और अब स्वामी विवेकांनद द्वारा बिताए गए दिनों की यादों के सिवा कुछ नहीं है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

गोपाल लाल विला वह स्थान है जहां जुलाई 1902 में अपनी मृत्यु से पहले विवेकानंद ने लगभग एक महीने का समय बिताया था.

वाराणसी में यह स्थान स्वामी विवेकानंद के कई अनुयायियों के दिलों के करीब है, हालांकि, सरकार ने इमारत को उसके मूल गौरव को पुनर्निर्मित या पुनर्स्थापित करने पर कोई ध्यान नहीं दिया है.

पढ़ें - राष्ट्रीय युवा दिवस : युवा पीढ़ी के लिए क्यों खास हैं विवेकानंद

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है कि कई नेता इस जगह पर आए और उसको बेहतर करना का आश्वासन दिया लेकिन इसके बावजूद इसके जीर्णोद्धार के लिए कुछ नहीं किया गया.

वाराणसी : भारत में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके सम्मान में हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है. इस दिन को स्वामी विवेकानंद जयंती के रूप में भी जाना जाता है.1984 में सरकार ने उनकी जन्मतिथि को राष्ट्रीय युवा दिवस घोषित किया था क्योंकि विवेकानंद राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में युवाओं के महत्व के बारे में मुखर थे.

भले ही भाजपा स्वामी विवेकानंद के भारत और हिंदू धर्म में योगदान के बारे में काफी मुखर रही है, लेकिन वाराणसी में उन्होंने अपने आखिरी दिनों में जिस जगह पर बिताया था, वह अब एक खंडहर है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र है इसके बावजूद इस पर कोई ध्यान नहीं दिया और अब स्वामी विवेकांनद द्वारा बिताए गए दिनों की यादों के सिवा कुछ नहीं है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

गोपाल लाल विला वह स्थान है जहां जुलाई 1902 में अपनी मृत्यु से पहले विवेकानंद ने लगभग एक महीने का समय बिताया था.

वाराणसी में यह स्थान स्वामी विवेकानंद के कई अनुयायियों के दिलों के करीब है, हालांकि, सरकार ने इमारत को उसके मूल गौरव को पुनर्निर्मित या पुनर्स्थापित करने पर कोई ध्यान नहीं दिया है.

पढ़ें - राष्ट्रीय युवा दिवस : युवा पीढ़ी के लिए क्यों खास हैं विवेकानंद

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है कि कई नेता इस जगह पर आए और उसको बेहतर करना का आश्वासन दिया लेकिन इसके बावजूद इसके जीर्णोद्धार के लिए कुछ नहीं किया गया.

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