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भगोड़ा विजय माल्या दिवालिया घोषित होने से फिलहाल बचा - kingfisher men vijay malya

उच्च न्यायालय की दिवालिया शाखा के न्यायाधीश माइक ब्रिग्स ने माल्या को राहत देते हुए कहा कि जब तक भारत के उच्चतम न्यायालय में उनकी याचिकाओं और कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष समझौते के उनके प्रस्ताव का निपटारा नहीं हो जाता तब तक उन्हें वक्त दिया जाना चाहिए.

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विजय माल्या
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Published : Apr 10, 2020, 9:34 AM IST

Updated : Apr 10, 2020, 2:53 PM IST

लंदन : शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन के उच्च न्यायालय ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने एसबीआई के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के समूह की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें कर्ज के बोझ से दबे कारोबारी को दिवालिया घोषित करने की मांग की गई है ताकि उससे तकरीबन 1.145 अरब पाउंड का कर्ज वसूला जा सके.

उच्च न्यायालय की दिवालिया शाखा के न्यायाधीश माइक ब्रिग्स ने माल्या को राहत देते हुए कहा कि जब तक भारत के उच्चतम न्यायालय में उनकी याचिकाओं और कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष समझौते के उनके प्रस्ताव का निपटारा नहीं हो जाता तब तक उन्हें वक्त दिया जाना चाहिए.

चीफ इन्सोल्वेंसी एंड कंपनी कोर्ट के न्यायाधीश ब्रिग्स ने गुरुवार को दिए अपने फैसले में कहा कि इस समय बैंकों को इस तरह की कार्रवाई आगे बढ़ाने का मौका देने की कोई वजह नहीं है.

गौरतलब है कि भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के समूह ने माल्या को दिवालिया घोषित करने का अनुरोध किया है ताकि उस पर बकाया करीब 1.145 अरब पाउंड का कर्ज वसूला जा सके.

लंदन : शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन के उच्च न्यायालय ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने एसबीआई के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के समूह की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें कर्ज के बोझ से दबे कारोबारी को दिवालिया घोषित करने की मांग की गई है ताकि उससे तकरीबन 1.145 अरब पाउंड का कर्ज वसूला जा सके.

उच्च न्यायालय की दिवालिया शाखा के न्यायाधीश माइक ब्रिग्स ने माल्या को राहत देते हुए कहा कि जब तक भारत के उच्चतम न्यायालय में उनकी याचिकाओं और कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष समझौते के उनके प्रस्ताव का निपटारा नहीं हो जाता तब तक उन्हें वक्त दिया जाना चाहिए.

चीफ इन्सोल्वेंसी एंड कंपनी कोर्ट के न्यायाधीश ब्रिग्स ने गुरुवार को दिए अपने फैसले में कहा कि इस समय बैंकों को इस तरह की कार्रवाई आगे बढ़ाने का मौका देने की कोई वजह नहीं है.

गौरतलब है कि भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के समूह ने माल्या को दिवालिया घोषित करने का अनुरोध किया है ताकि उस पर बकाया करीब 1.145 अरब पाउंड का कर्ज वसूला जा सके.

Last Updated : Apr 10, 2020, 2:53 PM IST
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