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अयोध्या में दीपोत्सव को राम मंदिर से जोड़ कर देखना गलत : विहिप

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Published : Oct 23, 2019, 9:46 PM IST

योगी सरकार पिछले वर्ष की तरह इस बार भी अयोध्या में दीपोत्सव मनाने जा रही है. साथ ही सरकार ने इसे राजकीय समारोह का दर्जा देने की घोषणा भी कर रखी है. इस बार के समारोह को लोग राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले के परिप्रेक्ष्य में भी देख रहे हैं. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से विहिप के कार्याध्यक्ष और महासचिव ने कहा कि कोर्ट में जिस तरह से बहस हुई है, उससे लगता है कि हमारे तथ्य मजबूत हैं. हमें न्यायालय के निर्णय का इंतजार है. पढ़ें पूरी खबर...

विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पिछले वर्ष की भांति इस बार भी अयोध्या में धूमधाम से दीपोत्सव मनाने की घोषणा की है. दीपोत्सव की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष योगी सरकार पर जमकर निशाना साध रहा है. फिलहाल विपक्ष के बयानों पर विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने कहा कि दीपोत्सव अयोध्या में नहीं तो और कहां मनाया जाएगा.

बता दें कि दीपोत्सव मनाये जाने पर विपक्ष ने कहा कि सरकार जनता का ध्यान अन्य मुद्दों से भटकाने के लिए दीपोत्सव को मुद्दा बना रही है.

विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने ईटीवी भारत से कहा, 'दीपोत्सव पिछली बार भी हुआ था और पांच लाख दीए जलाये गये थे. यह पहली बार नहीं हो रहा है.'

राम मंदिर को लेकर उन्होंने कहा, 'हां, ये जरूर है कि सुप्रीम कोर्ट में हुई पूरी बहस से हमें विश्वास हुआ है कि हमारा मुकदमा ठोस तथ्यों पर आधारित है. हम उसके प्रमाण स्पष्ट रूप से दे पाएंगे. हमारी बहस कानून के अनुसार ताकतवर है और हम विजय की अपेक्षा करते हैं.'

बता दें कि कुछ दिनों पहले यह मामला भी सामने आया था कि दिवाली के मौके पर विहिप ने विवादित स्थल पर दीपोत्सव मनाने की योजना बनाई थी. इसके लिए अयोध्या के कमिश्नर से अनुमति मांगी गई थी, लेकिन बाद में इसे स्थगित किया गया.

ईटीवी भारत से बात करते विहिप नेता.

विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेन्द्र जैन ने इस सवाल पर कहा कि ऐसा कोई कार्यक्रम विहिप द्वारा तय नहीं किया गया था. हां, कुछ संत जरूर गये थे, जिनके साथ स्थानीय विहिप का एक प्रतिनिधि भी गया था. लेकिन वो निजी रूप से संतों के साथ गया था न कि विहिप की तरफ से गया था.

वहीं राम मंदिर फैसले पर जैन ने कहा, 'न्यायालय का निर्णय न तो भावनाओं के आधार पर आता है और न ही कयासों के आधार पर, यह केवल तथ्यों के आधार पर ही आता है.'

पढ़ें : उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था दुरुस्त, प्रशासन की कार्रवाई सराहनीय : महेंद्र नाथ पांडे

सुरेन्द्र जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जो तथ्य पेश किये गये हैं, उनसे ये साबित हो चुका है कि पूर्व में उस स्थान पर राम मंदिर था, जिसे बाबर द्वारा तोड़ कर मस्जिद का निर्माण कराया गया.

अयोध्या में हो रहे दीपोत्सव पर जैन ने कहा कि इस तरह का भव्य आयोजन अयोध्या में ही होना चाहिए, जो भगवान राम की जन्मभूमि है.

इससे पूर्व बुधवार को ही विहिप ने दिल्ली में दीपावाली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान विहिप के मुखपत्र 'हिन्दू विश्व' का विमोचन वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री जवाहर कौल ने किया. विहिप की ओर से प्रकाशित मासिक पत्रिका के दिवाली विशेषांक को 'नवजागरण अंक' के रूप में प्रस्तुत किया गया है.

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पिछले वर्ष की भांति इस बार भी अयोध्या में धूमधाम से दीपोत्सव मनाने की घोषणा की है. दीपोत्सव की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष योगी सरकार पर जमकर निशाना साध रहा है. फिलहाल विपक्ष के बयानों पर विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने कहा कि दीपोत्सव अयोध्या में नहीं तो और कहां मनाया जाएगा.

बता दें कि दीपोत्सव मनाये जाने पर विपक्ष ने कहा कि सरकार जनता का ध्यान अन्य मुद्दों से भटकाने के लिए दीपोत्सव को मुद्दा बना रही है.

विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने ईटीवी भारत से कहा, 'दीपोत्सव पिछली बार भी हुआ था और पांच लाख दीए जलाये गये थे. यह पहली बार नहीं हो रहा है.'

राम मंदिर को लेकर उन्होंने कहा, 'हां, ये जरूर है कि सुप्रीम कोर्ट में हुई पूरी बहस से हमें विश्वास हुआ है कि हमारा मुकदमा ठोस तथ्यों पर आधारित है. हम उसके प्रमाण स्पष्ट रूप से दे पाएंगे. हमारी बहस कानून के अनुसार ताकतवर है और हम विजय की अपेक्षा करते हैं.'

बता दें कि कुछ दिनों पहले यह मामला भी सामने आया था कि दिवाली के मौके पर विहिप ने विवादित स्थल पर दीपोत्सव मनाने की योजना बनाई थी. इसके लिए अयोध्या के कमिश्नर से अनुमति मांगी गई थी, लेकिन बाद में इसे स्थगित किया गया.

ईटीवी भारत से बात करते विहिप नेता.

विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेन्द्र जैन ने इस सवाल पर कहा कि ऐसा कोई कार्यक्रम विहिप द्वारा तय नहीं किया गया था. हां, कुछ संत जरूर गये थे, जिनके साथ स्थानीय विहिप का एक प्रतिनिधि भी गया था. लेकिन वो निजी रूप से संतों के साथ गया था न कि विहिप की तरफ से गया था.

वहीं राम मंदिर फैसले पर जैन ने कहा, 'न्यायालय का निर्णय न तो भावनाओं के आधार पर आता है और न ही कयासों के आधार पर, यह केवल तथ्यों के आधार पर ही आता है.'

पढ़ें : उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था दुरुस्त, प्रशासन की कार्रवाई सराहनीय : महेंद्र नाथ पांडे

सुरेन्द्र जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जो तथ्य पेश किये गये हैं, उनसे ये साबित हो चुका है कि पूर्व में उस स्थान पर राम मंदिर था, जिसे बाबर द्वारा तोड़ कर मस्जिद का निर्माण कराया गया.

अयोध्या में हो रहे दीपोत्सव पर जैन ने कहा कि इस तरह का भव्य आयोजन अयोध्या में ही होना चाहिए, जो भगवान राम की जन्मभूमि है.

इससे पूर्व बुधवार को ही विहिप ने दिल्ली में दीपावाली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान विहिप के मुखपत्र 'हिन्दू विश्व' का विमोचन वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री जवाहर कौल ने किया. विहिप की ओर से प्रकाशित मासिक पत्रिका के दिवाली विशेषांक को 'नवजागरण अंक' के रूप में प्रस्तुत किया गया है.

Intro:उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पिछले साल की तरह इस साल भी अयोध्या में दीवाली के मौके पर भव्य दीपोत्सव मनाये जाने की घोषणा की है और इसकी तैयारियां भी लगभग अपने अंतिम चरण में है । चूंकि राम मंदिर मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है और नवंबर महीने में फैसला आना है , ऐसे में चर्चा जोरों पर है कि क्या निर्णय से पहले ही लोगों ने मान लिया है कि फैसला किस पक्ष में आना है ?
वहीं दीपोत्सव मनाये जाने पर 130 करोड़ खर्च किये जाने की बात भी सुर्खियों में है जिस पर विपक्ष ने प्रतिक्रिया दी है कि ये जनता का ध्यान अन्य मुद्दों से भटकाने के लिये किया जा रहा है ।
अब विश्व हिन्दू परिषद ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि दीपोत्सव तो पिछले साल भी मनाया गया था और ये त्योहार राम जन्मभूमि अयोध्या में नहीं मनाया जाएगा तो कहाँ मनाया जाएगा ।
ईटीवी से बातचीत करते हुए विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि लिछले साल भी तीन लाख से ज्यादा दिये जलाए गए थे और इस पर विवाद नहीं होना चाहिये । वहीं अयोध्या विवाद पर आने वाले फैसले पर आलोक कुमार ने कहा कि सुनवाई पूरी हो चुकी है और उन्हें लगता है कि उनका पक्ष मजबूती से कोर्ट के समक्ष रखा गया है । उन्हें आशा है कि निर्णय भी उनके हित में होगा ।
ये बात भी कुछ दिनों पहले सामने आई थी कि दीवाली के मौके पर विश्व हिन्दू परिषद ने विवादित स्थल पर दीपोत्सव मनाने की योजना बनाई थी जिसके लिये अयोध्या के कमिश्नर से अनुमति मांगी गई थी लेकिन बाद में इसे स्थगित किया गया। इस बात पर जवाब देते हुए विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महासचिव सुरेन्द्र जैन ने कहा कि ऐसा कोई कार्यक्रम विहिप द्वारा तय नहीं किया गया था । हाँ कुछ संत जरूर गए थे जिनके साथ स्थानीय विहिप का एक प्रतिनिधि गया था लेकिन वो निजी रूप से संतों के साथ गया था न कि विहिप की तरफ से ।



Body:वहीं राम मंदिर पर सर्वोच्च न्यायालय के आने वाले फैसले पर बोलते हुए विहिप के संयुक्त महासचिव ने कहा कि न्यायालय का निर्णय न तो भावनाओं के आधार पर आता है और न ही कयासों के आधार पर, निर्णय केवल तथ्यों के आधार पर ही आता है । बतौर सुरेन्द्र जैन, सुप्रीम कोर्ट में जो तथ्य पेश किये गए उनसे ये साबित हो चुका है कि पूर्व में उस स्थान पर राम मंदिर था जिसे बाबर द्वारा तोड़ कर एक मस्ज़िद का निर्माण कराया गया ।
अयोध्या में हो रहे दीपोत्सव पर 130 करोड़ खर्च किये जाने पर सुरेन्द्र जैन ने कहा कि इस तरह का भव्य आयोजन अयोध्या में ही होना चाहिये जो भगवान राम की जन्मभूमि है ।
इससे पूर्व आज विहिप ने दिल्ली में दीवाली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया जिसके दौरान विहिप के मुखपत्र 'हिन्दू विश्व' का विमोचन वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री जवाहर कौल ने किया । विहिप द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका के दीवाली विशेषांक को 'नवजागरण अंक' के रूप में प्रकाशित किया गया है ।


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