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ज्वेलरी कंपनी ने विवादित विज्ञापन हटाया, विहिप ने किया स्वागत

एक मशहूर ज्वेलरी ब्रांड कंपनी का विज्ञापन विवाद में आ गया है. विवाद बढ़ने के बाद कंपनी ने इसे वापस ले लिया है. आरोप लगाया गया है कि इस विज्ञापन के जरिए लव जिहाद को बढ़ावा मिल रहा है. विश्व हिंदू परिषद ने विज्ञापन वापस लिए जाने का स्वागत किया है.

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Published : Oct 13, 2020, 9:07 PM IST

नई दिल्ली : देश में ज्वेलरी के जाने-माने ब्रांड तनिष्क के एक 45 सेकंड के विज्ञापन ने पूरे देश में एक नई बहस छेड़ दी है और इससे विवाद भी खड़ा हो गया है.

विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने विज्ञापन पर आपत्ति जताई थी. इसमें एक हिंदू बहू को मुस्लिम परिवार में दर्शाया गया है. इस विज्ञापन को सोशल मीडिया पर बुरी तरह ट्रोल किया गया और कंपनी का बहिष्कार करने के आह्वान के साथ हैशटैग चलाए गए.

नतीजा यह हुआ कि कंपनी ने इस विज्ञापन को वापस ले लिया, लेकिन इसके बाद अब इस विज्ञापन के समर्थक मैदान में उतर आए, जिसमें देश की कई प्रमुख हस्तियों समेत राजनीतिक पार्टियों के बड़े नेता भी शामिल हैं.

ईटीवी भारत ने इस विवाद पर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी से बातचीत की, जिन्होंने तनिष्क द्वारा इस विज्ञापन को हटाए जाने का स्वागत किया है. विहिप नेता का कहना है कि इस विज्ञापन में जो दर्शाया गया है वह वास्तविक स्थिति नहीं है.

तनिष्क के विवादित विज्ञापन पर विहिप नेता

बीते एक साल की ही यदि बात करें तो सौ से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिसमें एक समुदाय के युवक द्वारा दूसरे समुदाय की महिलाओं का उत्पीड़न, धोखाधड़ी और यहां तक कि हत्या के मामले भी सामने आए हैं. वहीं एक भी इस तरह का मामला सामने नहीं आया, जिसमें हिंदू परिवार में विवाहित किसी समुदाय की महिला ने बाहर आ कर यह कहा हो कि उसके साथ किसी तरह की ज्यादती या अमानविय व्यावहार किया जा रहा है.

बतौर विहिप नेता इस विज्ञापन में जो दिखाया गया, स्थिति उसके बिल्कुल विपरीत है, इसलिए उन्होंने इस वीडियो पर आपत्ति जताई और कंपनी से आग्रह किया कि वह इस विज्ञापन को वापस ले और साथ ही भविष्य में भी इस तरह के विज्ञापन न प्रसारित करें.

45 सेकंड के विज्ञापन में एक हिंदू बहू की गोदभराई की रस्म कराई जा रही है, जिसके लिए दूसरे समुदाय के परिवार ने अपने घर में कार्यक्रम आयोजित किया है. महिला परिवार के व्यवहार से बेहद खुश दिखती है. इस विज्ञापन को पसंद करने वाले लोगों ने इसे दो समुदायों के बीच एकता का प्रतीक बताया, तो किसी ने इसे प्रेम और अमन का संदेश प्रेषित करता वीडियो कहा.

वीडियो के समर्थन में उतरे लोगों पर टिप्पणी करते हुए विहिप प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि यदि इन लोगों को समाज की इतनी ही चिंता है तो ऐसा विज्ञापन क्यों नहीं बनाते, जिसमें महिला को एक हिंदू परिवार में खुश दिखाया जा रहा हो? इस तरह के विज्ञापन लव-जिहाद को बढ़ावा देंगे और हम ऐसा नहीं होने देंगे.

पढ़ें :- सरकारी विज्ञापनों पर राज्यों में समिति न बनना अवमानना जैसा : सीसीआरजीए

विहिप प्रवक्ता ने कहा कि टाटा ग्रुप एक देशभक्त कंपनी है और तनिष्क उनकी इकाई है, इसलिए इस विज्ञापन को रोक कर उन्होंने एक ऐसी परंपरा को रोक दिया है जो गलत दिशा में जा रही थी.

वहीं कांग्रेस नेताओं द्वारा इस विज्ञापन के समर्थन पर उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस ही है जिनके राज में हमेशा एक समुदाय को अपमानजनक स्थिति में दर्शाया गया, इसलिए कांग्रेस से कोई अपेक्षा नहीं कि जा सकती, क्योंकि उनकी सामाजिक विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है.

नई दिल्ली : देश में ज्वेलरी के जाने-माने ब्रांड तनिष्क के एक 45 सेकंड के विज्ञापन ने पूरे देश में एक नई बहस छेड़ दी है और इससे विवाद भी खड़ा हो गया है.

विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने विज्ञापन पर आपत्ति जताई थी. इसमें एक हिंदू बहू को मुस्लिम परिवार में दर्शाया गया है. इस विज्ञापन को सोशल मीडिया पर बुरी तरह ट्रोल किया गया और कंपनी का बहिष्कार करने के आह्वान के साथ हैशटैग चलाए गए.

नतीजा यह हुआ कि कंपनी ने इस विज्ञापन को वापस ले लिया, लेकिन इसके बाद अब इस विज्ञापन के समर्थक मैदान में उतर आए, जिसमें देश की कई प्रमुख हस्तियों समेत राजनीतिक पार्टियों के बड़े नेता भी शामिल हैं.

ईटीवी भारत ने इस विवाद पर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी से बातचीत की, जिन्होंने तनिष्क द्वारा इस विज्ञापन को हटाए जाने का स्वागत किया है. विहिप नेता का कहना है कि इस विज्ञापन में जो दर्शाया गया है वह वास्तविक स्थिति नहीं है.

तनिष्क के विवादित विज्ञापन पर विहिप नेता

बीते एक साल की ही यदि बात करें तो सौ से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिसमें एक समुदाय के युवक द्वारा दूसरे समुदाय की महिलाओं का उत्पीड़न, धोखाधड़ी और यहां तक कि हत्या के मामले भी सामने आए हैं. वहीं एक भी इस तरह का मामला सामने नहीं आया, जिसमें हिंदू परिवार में विवाहित किसी समुदाय की महिला ने बाहर आ कर यह कहा हो कि उसके साथ किसी तरह की ज्यादती या अमानविय व्यावहार किया जा रहा है.

बतौर विहिप नेता इस विज्ञापन में जो दिखाया गया, स्थिति उसके बिल्कुल विपरीत है, इसलिए उन्होंने इस वीडियो पर आपत्ति जताई और कंपनी से आग्रह किया कि वह इस विज्ञापन को वापस ले और साथ ही भविष्य में भी इस तरह के विज्ञापन न प्रसारित करें.

45 सेकंड के विज्ञापन में एक हिंदू बहू की गोदभराई की रस्म कराई जा रही है, जिसके लिए दूसरे समुदाय के परिवार ने अपने घर में कार्यक्रम आयोजित किया है. महिला परिवार के व्यवहार से बेहद खुश दिखती है. इस विज्ञापन को पसंद करने वाले लोगों ने इसे दो समुदायों के बीच एकता का प्रतीक बताया, तो किसी ने इसे प्रेम और अमन का संदेश प्रेषित करता वीडियो कहा.

वीडियो के समर्थन में उतरे लोगों पर टिप्पणी करते हुए विहिप प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि यदि इन लोगों को समाज की इतनी ही चिंता है तो ऐसा विज्ञापन क्यों नहीं बनाते, जिसमें महिला को एक हिंदू परिवार में खुश दिखाया जा रहा हो? इस तरह के विज्ञापन लव-जिहाद को बढ़ावा देंगे और हम ऐसा नहीं होने देंगे.

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विहिप प्रवक्ता ने कहा कि टाटा ग्रुप एक देशभक्त कंपनी है और तनिष्क उनकी इकाई है, इसलिए इस विज्ञापन को रोक कर उन्होंने एक ऐसी परंपरा को रोक दिया है जो गलत दिशा में जा रही थी.

वहीं कांग्रेस नेताओं द्वारा इस विज्ञापन के समर्थन पर उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस ही है जिनके राज में हमेशा एक समुदाय को अपमानजनक स्थिति में दर्शाया गया, इसलिए कांग्रेस से कोई अपेक्षा नहीं कि जा सकती, क्योंकि उनकी सामाजिक विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है.

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