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अयोध्या पर मध्यस्थता में किसी हिंदू पक्ष ने नहीं लिया भाग , यह भ्रम पैदा करने की शरारत : विहिप

विश्व हिंदू परिषद ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की मध्यस्थता की बात को सिरे खारिज करते हुए कहा है कि इस मामले में किसी भी हिंदू पक्ष ने मध्यस्थता प्रक्रिया में भाग नहीं लिया है. विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि जब अदालत का फैसला आने वाला है तो मध्यस्थता का हौव्वा खड़ा कर के मामले में भ्रम पैदा करने की शरारत की जा रही है.

फाइल फोटो : विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार
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Published : Oct 19, 2019, 12:08 AM IST

नई दिल्ली : विश्व हिंदू परिषद ने शुक्रवार को कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में हिंदू पक्षों ने किसी मध्यस्थता प्रक्रिया में भाग नहीं लिया है और सुनवाई समाप्त होने के बाद मध्यस्थता का हौव्वा खड़ा करना इस मामले में भ्रम पैदा करने की शरारत और कोशिश लगती है.

विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि मीडिया में इस मुद्दे पर सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा जारी बयान का जिक्र करते हुए कुछ खबरें आई हैं.

उन्होंने कहा कि विहिप का स्पष्ट मानना है कि हिंदू पक्ष से इस संबंध में संपर्क नहीं किया गया है और उसने किसी मध्यस्थता कवायद में हिस्सा नहीं लिया है.

कुमार ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने मामले में अंतत: सुनवाई कर ली है. 40 दिन तक 200 घंटे से ज्यादा सुनवाई चली. सुनवाई के ऐन में मध्यस्थता का हौव्वा पैदा करना भ्रम पैदा करने की शरारत और कोशिश लगती है.'

उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए और यह देश हित में होगा.

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को इस संवेदनशील मामले में सुनवाई पूरी की और फैसला सुरक्षित रखा.

पीठ ने हिंदू और मुस्लिम पक्षों की दलीलें 40 दिन तक सुनीं.

कुमार ने कहा कि हिंदू पक्ष ने विशेष रूप से मध्यस्थों को बताया था कि उनकी आगे मध्यस्थता में रुचि नहीं है.

उन्होंने कहा कि विहिप और अन्य हिंदू वादियों ने इससे पहले सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए गंभीरता से अनेक प्रयास किये. वे सफल नहीं हुए.

नई दिल्ली : विश्व हिंदू परिषद ने शुक्रवार को कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में हिंदू पक्षों ने किसी मध्यस्थता प्रक्रिया में भाग नहीं लिया है और सुनवाई समाप्त होने के बाद मध्यस्थता का हौव्वा खड़ा करना इस मामले में भ्रम पैदा करने की शरारत और कोशिश लगती है.

विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि मीडिया में इस मुद्दे पर सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा जारी बयान का जिक्र करते हुए कुछ खबरें आई हैं.

उन्होंने कहा कि विहिप का स्पष्ट मानना है कि हिंदू पक्ष से इस संबंध में संपर्क नहीं किया गया है और उसने किसी मध्यस्थता कवायद में हिस्सा नहीं लिया है.

कुमार ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने मामले में अंतत: सुनवाई कर ली है. 40 दिन तक 200 घंटे से ज्यादा सुनवाई चली. सुनवाई के ऐन में मध्यस्थता का हौव्वा पैदा करना भ्रम पैदा करने की शरारत और कोशिश लगती है.'

उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए और यह देश हित में होगा.

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को इस संवेदनशील मामले में सुनवाई पूरी की और फैसला सुरक्षित रखा.

पीठ ने हिंदू और मुस्लिम पक्षों की दलीलें 40 दिन तक सुनीं.

कुमार ने कहा कि हिंदू पक्ष ने विशेष रूप से मध्यस्थों को बताया था कि उनकी आगे मध्यस्थता में रुचि नहीं है.

उन्होंने कहा कि विहिप और अन्य हिंदू वादियों ने इससे पहले सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए गंभीरता से अनेक प्रयास किये. वे सफल नहीं हुए.

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PRI GEN NAT
.NEWDELHI DEL60
VHP-AYODHAYA
Not approached or participated in any mediation on Ayodhya, it's mischief to create confusion: VHP
         New Delhi, Oct 18 (PTI) The Vishwa Hindu Parishad on Friday said that the Hindu parties in the Ram Janambhoomi-Babri Masjid case have neither been approached nor have participated in any mediation exercise saying that reviving the "mediation bogey" after conclusion of the hearings appears to be a "mischief and an effort to cause confusion."
         There were some reports in the media mentioning about a settlement on the issue by the Sunni Wakf Board, VHP's working president Alok Kumar said, adding that his organisation makes it clear that the Hindu side has not been approached and has also not participated in any mediation effort.
         "The Hon'ble Supreme Court has finally heard the matter, the hearings continued for 40 working days and more than 200 hours. Reviving the mediation bogey at the fag-end of the hearing appears to be a mischief and an effort to cause confusion," Kumar said.
         It would be in the interest of the country and all parties concerned should now only await the judgement of the Supreme Court, he further said.
         The Supreme Court on Wednesday concluded hearing in the politically sensitive case and reserved its judgement.
         The bench heard for 40 days the arguments of the Hindu and the Muslim sides.
         A five-judge Constitution bench, headed by Chief Justice Ranjan Gogoi, granted three days to contesting parties to file written notes on 'moulding of relief' or narrowing down the issues on which the court is required to adjudicate.
         Kumar said the Hindu side had specifically conveyed to the mediators that they were not interested in mediation any further.
         The VHP and the other Hindu litigants have sincerely participated in the several attempts earlier held for an amicable settlement. They all were not successful, he said. PTI JTR/KR
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