नई दिल्ली: विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर विशाल विरोध प्रदर्शन किया. उनका ये प्रदर्शन पाकिस्तान में हिन्दुओं के खिलाफ अत्याचार और जबरन धर्मांतरण की लगातार सामने आ रही घटनाओं के खिलाफ था.
गौरतलब है कि हाल में ऐसी घटनाएं आमने आई हैं, जिसमें नाबालिग हिन्दू युवतियों का जबरन धर्मांतरण कराया गया और बाद में उनका निकाह भी करवा दिया गया.
विश्व हिन्दू परिषद ने मांग रखी है कि इस तरह की घटनाओं पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रही मानवाधिकार संस्थाओं को संज्ञान लेना चाहिये. उन्होंने कहा कि हिन्दूओं को दूसरे देशों में संरक्षण मिले इसके लिये संयुक्त राष्ट्र को भी इस तरह की घटनाओं पर हस्तक्षेप करना चाहिए.
इसके साथ ही विहिप ने ये भी मांग की है कि पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थियों को भारत में स्वागत किया जाना चाहिये और उन्हें भारत की नागरिकता भी मिलनी चाहिए.
विश्व हिन्दू परिषद के दिल्ली प्रान्त के महामंत्री बचन सिंह ने कहा है कि यह विरोध प्रदर्शन हिन्दुओं के खिलाफ पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार के खिलाफ पहला चरण है. उन्होंने कहा कि आगे और भी कार्यक्रम चलाए जाएंगे, ताकि पूरे विश्व का ध्यान इस मुद्दे पर भी आए.
बता दें, इस एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन में स्वामी नवल किशोर महाराज भी पहुंचे थे. महामंडलेश्वर और विहिप के संरक्षक ने सीधे-सीधे पाकिस्तान की सरकार को हिन्दुओं पर अत्याचार के लिये जिम्मेदार ठहराया. महामंडलेश्वर ने कहा कि जब हिन्दुओं पर अत्याचार होता है तो मानवाधिकार के ठेकेदार सामने नहीं आते.
स्वामी नवल किशोर महाराज ने मांग की है कि भारत सरकार को भी इस मामले में पूरा हस्तक्षेप करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाना चाहिये. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान में रह रहे सभी प्रताड़ित हिन्दुओं को भारत में शरण देने की भी बात दोहराई.
बहरहाल, चुनावी मौसम में यह विरोध प्रदर्शन भी चुनावी भाषण से अछूता नहीं रहा और विहिप-बजरंग दल से जुड़े कई नेताओं ने भाषण में सीधे-सीधे हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए मोदी और भाजपा को जिताने की बात कह दी.
वहीं कांग्रेस को सरकार में न आने देने की बात कहते हुए कुछ नेताओं ने कहा कि यदि कांग्रेस वापिस सत्ता में आई तो हिन्दुओं के खिलाफ अत्याचार देश में भी शुरू हो जाएंगे.