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SC ने केंद्र और राज्य सरकारों से पूछा - सूचना आयोग में रिक्त पद क्यों नहीं भरे

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Published : Nov 6, 2019, 5:21 PM IST

Updated : Nov 7, 2019, 12:03 AM IST

SC ने केंद्र और कुछ राज्य सरकारों को क्रमशः CIC व SIC में रिक्त पदों पर भर्तियां नहीं किये जाने पर चार हफ्ते के अंदर स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है. केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोग में पिछले कुछ समय से खाली पदों पर भर्तियां नहीं हो रही थीं, जिसका सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. पढे़ं पूरा विवरण...

SC ने केंद्र और राज्य सरकारों को भेजा नोटिस

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और नौ राज्यों से केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) तथा राज्य सूचना आयोगों (एसआईसी) में रिक्त पदों पर नियुक्तियों के बारे में अपने पहले के आदेश के अनुपालन में बुधवार को स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.

न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने केंद्र और नौ राज्यों से चार सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा.

शीर्ष अदालत का यह निर्देश तब आया, जब आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज और अन्य ने कहा कि रिक्तियों को भरने के संबंध में शीर्ष अदालत के पहले के आदेशों पर केंद्र और नौ राज्यों-महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, केरल, ओडिशा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और नागालैंड ने अब तक अमल नहीं किया है.

शीर्ष अदालत ने भारद्वाज के नये आवेदन पर केंद्र और नौ राज्यों को नोटिस जारी किया और मामले को 16 दिसम्बर को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.

इस मामले में याचिका दायर करने वाली भारद्वाज और अन्य की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद केंद्र और राज्य सरकारों ने चयनित और छांटे गये उम्मीदवारों के नाम अब तक अपनी वेबसाइट पर जारी नहीं किये हैं.

Vacancies Of Information Commissioners  etvbharat
ट्वीट सौ. एएनआई

उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्यों को केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों में रिक्त स्थानों पर अभी नियुक्तियां करनी है.

शीर्ष अदालत ने केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों में रिक्त पदों पर नियुक्तियों के बारे में कई निर्देश दिये थे और कहा था कि इनमें नियुक्ति की प्रक्रिया पद रिक्त होने से एक से दो महीने पहले ही शुरू की जानी चाहिए.

न्यायालय ने कहा था कि मुख्य सूचना आयुक्त का पद ऊंचे पायदान पर होता है और इस पद के लिए भी नियुक्ति की प्रक्रिया उन्हीं शर्तो के अनुसार होनी चाहिए, जो मुख्य निर्वाचन आयुक्त के मामले में अपनायी जाती है.

न्यायालय ने सात राज्यों - महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, केरल, ओडिशा और कर्नाटक से जानना चाहा था कि वे कितने समय में अपने यहां सूचना आयोगों में रिक्त पदों पर नियुक्तियां कर लेंगे.

याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि गुजरात और महाराष्ट्र जैसे कई सूचना आयोग मुख्य सूचना आयुक्त के बगैर ही काम कर रहे हैं जबकि सूचना के अधिकार कानून में इस पद को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है जिस पर आयोग के प्रशासन और अधीक्षण की जिम्मेदारी होती है.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और नौ राज्यों से केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) तथा राज्य सूचना आयोगों (एसआईसी) में रिक्त पदों पर नियुक्तियों के बारे में अपने पहले के आदेश के अनुपालन में बुधवार को स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.

न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने केंद्र और नौ राज्यों से चार सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा.

शीर्ष अदालत का यह निर्देश तब आया, जब आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज और अन्य ने कहा कि रिक्तियों को भरने के संबंध में शीर्ष अदालत के पहले के आदेशों पर केंद्र और नौ राज्यों-महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, केरल, ओडिशा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और नागालैंड ने अब तक अमल नहीं किया है.

शीर्ष अदालत ने भारद्वाज के नये आवेदन पर केंद्र और नौ राज्यों को नोटिस जारी किया और मामले को 16 दिसम्बर को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.

इस मामले में याचिका दायर करने वाली भारद्वाज और अन्य की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद केंद्र और राज्य सरकारों ने चयनित और छांटे गये उम्मीदवारों के नाम अब तक अपनी वेबसाइट पर जारी नहीं किये हैं.

Vacancies Of Information Commissioners  etvbharat
ट्वीट सौ. एएनआई

उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्यों को केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों में रिक्त स्थानों पर अभी नियुक्तियां करनी है.

शीर्ष अदालत ने केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों में रिक्त पदों पर नियुक्तियों के बारे में कई निर्देश दिये थे और कहा था कि इनमें नियुक्ति की प्रक्रिया पद रिक्त होने से एक से दो महीने पहले ही शुरू की जानी चाहिए.

न्यायालय ने कहा था कि मुख्य सूचना आयुक्त का पद ऊंचे पायदान पर होता है और इस पद के लिए भी नियुक्ति की प्रक्रिया उन्हीं शर्तो के अनुसार होनी चाहिए, जो मुख्य निर्वाचन आयुक्त के मामले में अपनायी जाती है.

न्यायालय ने सात राज्यों - महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, केरल, ओडिशा और कर्नाटक से जानना चाहा था कि वे कितने समय में अपने यहां सूचना आयोगों में रिक्त पदों पर नियुक्तियां कर लेंगे.

याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि गुजरात और महाराष्ट्र जैसे कई सूचना आयोग मुख्य सूचना आयुक्त के बगैर ही काम कर रहे हैं जबकि सूचना के अधिकार कानून में इस पद को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है जिस पर आयोग के प्रशासन और अधीक्षण की जिम्मेदारी होती है.

Last Updated : Nov 7, 2019, 12:03 AM IST
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