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वाराणसी: चंद्र ग्रहण के समय नहीं हो सकेंगे अराध्य के दर्शन - दशाश्वमेध घाट वाराणसी

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में खग्रास चंद्र ग्रहण जो की 16 जुलाई को लग रहा है, उसको लेकर भगवान की पूजा, अर्चना और आरती के वक्त में बदलाव किया गया है. 9 घंटे पूर्व सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएगें, वहीं दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती अपने समय से पहले 3 बजे की जाएगी.

वाराणसी
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Published : Jul 16, 2019, 12:05 AM IST

वाराणसी: चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण दोनों का व्यापक असर हर जीव पर पड़ता है. ग्रहण की वजह से भगवान की पूजा, अर्चना और आरती के वक्त में भी बदलाव होता है. माना जाता है कि ग्रहण लगने से 9 घंटे पूर्व सूतक काल की शुरुआत हो जाती है.

वाराणसी
  • 16 जुलाई को खग्रास चंद्रग्रहण लग रहा है.
  • ग्रहण रात लगभग 1:30 बजे से लेकर 17 जुलाई की भोर में 4:30 बजे तक रहेगा.
  • ग्रहण के कारण काशी में दर्शन, पूजन और भगवान की आरती बंद रहेंगी.
  • दशाश्वमेध घाट पर होने वाली नियमित गंगा आरती के वक्त में भी बदलाव किया गया है.
  • काशी विश्वनाथ मंदिर में होने वाली भोर की मंगला आरती के वक्त में भी बदलाव के साथ मंदिर के कपाट खुलने के वक्त में भी बदलाव हुआ है.
  • ग्रहण के समय वाराणसी समेत देशभर के मंदिरों के कपाट बंद किए जाएंगे.
  • दशाश्वमेध घाट पर होने वाली दैनिक गंगा आरती गुरु पूर्णिमा यानी मंगलवार को शाम की जगह दोपहर तीन बजे होगी.
  • गंगा आरती के 27 साल के इतिहास में यह तीसरा मौका है जब समय बदल रहा है.

चंद्र ग्रहण के कारण श्री काशी विश्‍वनाथ मंदिर में होने वाली आरतियों में सिर्फ मंदिर के बंद होने और खुलने का समय बदला गया है. मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक सूतक काल शुरू होने के बाद मंदिर में होने वाली सायं सप्‍तर्षि आरती और श्रृंगार भोग आरती एवं शयन आरती अपने निर्धारित समय पर होगी.

वाराणसी: चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण दोनों का व्यापक असर हर जीव पर पड़ता है. ग्रहण की वजह से भगवान की पूजा, अर्चना और आरती के वक्त में भी बदलाव होता है. माना जाता है कि ग्रहण लगने से 9 घंटे पूर्व सूतक काल की शुरुआत हो जाती है.

वाराणसी
  • 16 जुलाई को खग्रास चंद्रग्रहण लग रहा है.
  • ग्रहण रात लगभग 1:30 बजे से लेकर 17 जुलाई की भोर में 4:30 बजे तक रहेगा.
  • ग्रहण के कारण काशी में दर्शन, पूजन और भगवान की आरती बंद रहेंगी.
  • दशाश्वमेध घाट पर होने वाली नियमित गंगा आरती के वक्त में भी बदलाव किया गया है.
  • काशी विश्वनाथ मंदिर में होने वाली भोर की मंगला आरती के वक्त में भी बदलाव के साथ मंदिर के कपाट खुलने के वक्त में भी बदलाव हुआ है.
  • ग्रहण के समय वाराणसी समेत देशभर के मंदिरों के कपाट बंद किए जाएंगे.
  • दशाश्वमेध घाट पर होने वाली दैनिक गंगा आरती गुरु पूर्णिमा यानी मंगलवार को शाम की जगह दोपहर तीन बजे होगी.
  • गंगा आरती के 27 साल के इतिहास में यह तीसरा मौका है जब समय बदल रहा है.

चंद्र ग्रहण के कारण श्री काशी विश्‍वनाथ मंदिर में होने वाली आरतियों में सिर्फ मंदिर के बंद होने और खुलने का समय बदला गया है. मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक सूतक काल शुरू होने के बाद मंदिर में होने वाली सायं सप्‍तर्षि आरती और श्रृंगार भोग आरती एवं शयन आरती अपने निर्धारित समय पर होगी.

Intro:वाराणसी: चंद्र या सूर्य ग्रहण का व्यापक असर हर जीव पर पड़ता है लेकिन इसकी वजह से भगवान की पूजा अर्चना और आरती के वक्त में भी बदलाव होता है क्योंकि ग्रहण लगने से 9 घंटे पूर्व सूतक काल की शुरुआत हो जाती है. जिसके कारण धार्मिक कृत्य सिर्फ जप अनुष्ठान तक ही रहते हैं. दर्शन पूजन व भगवान की आरती आदि इस दौरान बंद रहती है जिसका असर धर्म नगरी काशी में भी देखने को मिल रहा है, 16 जुलाई को लगने वाले खग्रास चंद्रग्रहण की वजह से दशाश्वमेध घाट पर होने वाली नियमित गंगा आरती के वक्त में बदलाव किया गया है. वहीं श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में होने वाली भोर की मंगला आरती के वक्त वक्त भी बदलने के साथ मंदिर के कपाट खुलने के वक्त में भी बदलाव हुआ है.Body:वीओ-01 दरअसल 16 जुलाई की रात लगभग 1:30 बजे से लेकर 17 जुलाई की भोर में 4:30 बजे तक चंद्र ग्रहण का असर रहेगा इस दौरान वाराणसी समेत देशभर के मंदिरों के कपाट बंद किए जाते हैं. शास्त्रों के मुताबिक ग्रहण काल के 9 घंटे पूर्व सूतक काल लगता है. जिस दौरान मंदिरों में दर्शन पूजन आरती नहीं की जाती यही वजह है कि दशाश्वमेध घाट पर होने वाली दैनिक गंगा आरती गुरु पूर्णिमा यानी मंगलवार को शाम की जगह दोपहर तीन बजे होगी. गंगा आरती के 27 साल के इतिहास में यह तीसरा मौका है जब समय बदल रहा है. इससे पहले पिछले साल 27 जुलाई 2018 को दिन में एक बजे से गंगा आऱती हुई थी. उससे पहले 7 अगस्त 2017 को दिन में 12 बजे से गंगा आरती हुई थी. गंगा आरती कराने वाली संस्था गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र के अनुसार इस बार ग्रहण का सूतक शाम साढ़े चार बजे से लग रहा है. इसलिए आरती उससे ठीक पहले तीन बजे से होगी चार बजे खत्म होगी. Conclusion:वीओ-02 इसके अलावा चंद्र ग्रहण के कारण श्री काशी विश्‍वनाथ मंदिर में होने वाली आरतियों, मंदिर के बंद होने व खुलने का समय बदला गया है. मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक सूतक काल शुरू होने के बाद मंदिर में होने वाली सायं सप्‍तर्षि आरती व श्रृंगार भोग आरती एवं शयन आरती अपने निर्धारित समय पर होगी. हालांकि, 17 जुलाई की भोर में मंगला आरती दो घंटे विलंब से प्रात: 4 बजकर 45 मिनट पर प्रारंभ होकर 5 बजक 45 मिनट पर समाप्‍त होगी. इसके बाद ही मंदिर के कपाट दर्शनार्थियों के लिए खोले जाएंगे. इसके अलावा संकटमोचन मंदिर, अन्‍नपूर्णा मंदिर, कालभैरव मंदिर, महामृत्‍युंजय समेत अन्‍य मंदिरों के पट भी सावन के पहले दिन भोर में होने वाली मंगला आरती के निर्धारित वक्त से लगभग 2 घंटे बाद ही खुलेंगे यानी 3:00 बजे की जगह सभी मंदिरों के कपाट 5:00 बजे खोले जाएंगे.

बाईट- सुशांत मिश्र, अध्यक्ष, गंगा सेवा निधि


गोपाल मिश्र

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