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उत्तराखंड ग्लेशियर हादसा : ईटीवी भारत से बोले सीएम त्रिवेंद्र, लोगों को बचाना प्राथमिकता - rescue work in chamoli

उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के बाद दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इस आपदा के बाद अर्धसैनिक बल समेत राज्य और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के अधिकारी रेस्क्यू में जुटे हैं. प्रदेश के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड ब्यूरो चीफ किरनकांत शर्मा के एक सवाल पर बताया कि हमारी प्राथमिकता लोगों को बचाना है बाकी काम बाद में. सीएम रावत ने चमोली में ताजा हालातों के बारे में भी जानकारी दी. देखिए एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.

सीएम त्रिवेंद्र
सीएम त्रिवेंद्र
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Published : Feb 9, 2021, 11:30 AM IST

जोशीमठ/देहरादून: जोशीमठ आपदा को लेकर ईटीवी भारत आपको पल-पल की अपडेट दे रहा है. इसी कड़ी में उत्तराखंड ईटीवी भारत ब्यूरो चीफ किरनकांत शर्मा ने मौके पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से हालातों के बारे में जानकारी ली. देखिए एक्सक्लूसिव रिपोर्ट. सीएम ने खास बातचीत में कहा कि हमारी प्राथमिकता लोगों को बचाना है बाकी काम बाद में.

केंद्र ने भेजी वैज्ञानिकों की टीम
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि इस आपदा को लेकर भारत सरकार ने कुछ वैज्ञानिक को यहां भेजा है. वैज्ञानिक इसके बारे में अध्ययन करके हादसे की वजह के बारे में बताएंगे. वहीं, सीएम ने कहा कि जो हादसा हुआ है. वह ग्लेशियर की टूटने की वजह से नहीं हुआ है. ये ताजा बर्फ और टिगर प्वाइंट पर चट्टान के टूटने की वजह से हुआ है. सीएम ने कहा कि 14 वर्ग किलोमीटर में ताजा बर्फ गिरी थी और उसमें पानी भी था. जो ढलान और संकरे रास्तों से नीचे आ गया, जिसकी वजह से सैलाब ने तबाही मचाई है.

सीएम त्रिवेंद्र से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

अर्ली अलार्म सिस्टम की जरूरत
सीएम ने कहा कि हमने वैज्ञानिकों से इसकी गति क्या थी, क्या इसका पता चल सकता है, इसके बारे में पता लगाने को कहा है. उन्होंने कहा कि लोगों ने तमाम तरह के अनुमान लगाए, लेकिन हमने इसकी वास्तविकता के बारे में वैज्ञानिकों को पता लगाने के लिए कहा है. वहीं, भविष्य के लिए क्या हम अर्ली अलार्म सिस्टम को डेवलप कर सकते हैं, इन सभी संभावनाओं पर वैज्ञानिकों को काम करने को कहा है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड ग्लेशियर हादसे के तीसरे दिन भी रेस्क्यू जारी, आईटीबीपी जवानों से मिले सीएम त्रिवेंद्र

ऋषिगंगा प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह
वहीं, तपोवन पावर जंक्शन को लेकर सीएम ने कहा कि अभी यह पावर जंक्शन शुरू ही नहीं हुआ था और जो ऋषिगंगा प्रोजेक्ट था वह पूरा वॉश आउट हो गया है. उसको लेकर भविष्य में देखा जाएगा कि क्या होगा. ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को तैयार होने में एक दशक से ज्यादा का समय लगा था. आपदा की वजह से तमाम तरह की दिक्कतें हैं. फिलहाल यह चिंता है कि लोगों को कैसे बचाया जाए.

वहीं सीएम ने आपदा में घायलों का हॉस्पिटल जाकर हालचाल जाना, साथ ही हर संभव मदद का भरोसा दिया. वहीं सीएम ने कहा कि मलबा गिरने की वजह से रेस्क्यू कार्य में दिक्कतें आ रही हैं. राहत और बचाव कार्य जारी है.

जोशीमठ/देहरादून: जोशीमठ आपदा को लेकर ईटीवी भारत आपको पल-पल की अपडेट दे रहा है. इसी कड़ी में उत्तराखंड ईटीवी भारत ब्यूरो चीफ किरनकांत शर्मा ने मौके पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से हालातों के बारे में जानकारी ली. देखिए एक्सक्लूसिव रिपोर्ट. सीएम ने खास बातचीत में कहा कि हमारी प्राथमिकता लोगों को बचाना है बाकी काम बाद में.

केंद्र ने भेजी वैज्ञानिकों की टीम
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि इस आपदा को लेकर भारत सरकार ने कुछ वैज्ञानिक को यहां भेजा है. वैज्ञानिक इसके बारे में अध्ययन करके हादसे की वजह के बारे में बताएंगे. वहीं, सीएम ने कहा कि जो हादसा हुआ है. वह ग्लेशियर की टूटने की वजह से नहीं हुआ है. ये ताजा बर्फ और टिगर प्वाइंट पर चट्टान के टूटने की वजह से हुआ है. सीएम ने कहा कि 14 वर्ग किलोमीटर में ताजा बर्फ गिरी थी और उसमें पानी भी था. जो ढलान और संकरे रास्तों से नीचे आ गया, जिसकी वजह से सैलाब ने तबाही मचाई है.

सीएम त्रिवेंद्र से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

अर्ली अलार्म सिस्टम की जरूरत
सीएम ने कहा कि हमने वैज्ञानिकों से इसकी गति क्या थी, क्या इसका पता चल सकता है, इसके बारे में पता लगाने को कहा है. उन्होंने कहा कि लोगों ने तमाम तरह के अनुमान लगाए, लेकिन हमने इसकी वास्तविकता के बारे में वैज्ञानिकों को पता लगाने के लिए कहा है. वहीं, भविष्य के लिए क्या हम अर्ली अलार्म सिस्टम को डेवलप कर सकते हैं, इन सभी संभावनाओं पर वैज्ञानिकों को काम करने को कहा है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड ग्लेशियर हादसे के तीसरे दिन भी रेस्क्यू जारी, आईटीबीपी जवानों से मिले सीएम त्रिवेंद्र

ऋषिगंगा प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह
वहीं, तपोवन पावर जंक्शन को लेकर सीएम ने कहा कि अभी यह पावर जंक्शन शुरू ही नहीं हुआ था और जो ऋषिगंगा प्रोजेक्ट था वह पूरा वॉश आउट हो गया है. उसको लेकर भविष्य में देखा जाएगा कि क्या होगा. ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को तैयार होने में एक दशक से ज्यादा का समय लगा था. आपदा की वजह से तमाम तरह की दिक्कतें हैं. फिलहाल यह चिंता है कि लोगों को कैसे बचाया जाए.

वहीं सीएम ने आपदा में घायलों का हॉस्पिटल जाकर हालचाल जाना, साथ ही हर संभव मदद का भरोसा दिया. वहीं सीएम ने कहा कि मलबा गिरने की वजह से रेस्क्यू कार्य में दिक्कतें आ रही हैं. राहत और बचाव कार्य जारी है.

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